विशेषज्ञों ने कहा कि जनवरी में बिजली की खपत के साथ-साथ मांग में भी सुधार हुआ क्योंकि इस महीने विशेषरूप से उत्तर भारत में पारा तेजी से गिरा। शीत लहर के कारण हीटर, ब्लोअर और गीजर जैसे गर्मी प्रदान करने वाले उपकरणों का इस्तेमाल बढ़ गया, जिससे कुल बिजली की मांग बढ़ गई।
High Electricity: भारत अभी भी बिजली पैदा करने के लिए सबसे अधिक इस्तेमाल कोयले का करता है। अगर कोयले से निर्भरता कम हो जाती है तो इससे प्रदूषण को कम करने में भी मदद मिलेगी।
Electricity Production: पाकिस्तान में बिजली संकट के साथ आर्थिक तंगी की मार पावर सेक्टर पर भी पड़ी है। कई शहर घंटों अंधकार में डूबे रहते हैं। वहीं हमारे देश में बिजली के प्रोडक्शन में रिकॉर्ड बढ़ोतरी देखी गई है। आइए पूरी खबर जानते हैं।
सर्दियों के दिनों में हीटर खरीदते वक्त किन बातों का ध्यान रखना जरूरी होता है ताकि आपका बिजली का बिल कम आए। आज के इस स्टोरी में हम आपको बताने वाले हैं।
बिजली वितरण कंपनियों (डिस्कॉम) पर बिजली उत्पादक कंपनियों (जेनको) का बकाया अक्टूबर, 2020 में सालाना आधार पर 29 प्रतिशत बढ़कर 1,38,187 करोड़ रुपये पर पहुंच गया है।
6 महीने की गिरावट के बाद सितंबर के महीने में बिजली की खपत में बढ़त देखने को मिली थी। सितंबर में खपत पिछले साल के मुकाबले 4.4 फीसदी की बढ़त के साथ 112.24 बीयू रही थी। वहीं अक्टूबर के दौरान बिजली की खपत 12 फीसदी बढ़ी है।
अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी से निर्मित कैरियर और तोशिबा की नई एसी यानी एयर कंडीशनर में बिजली की खपत आधे से भी कम होगी। कंपनी की माने तो पुरानी एसी की तुलना में नई एसी में 50 से 65 फीसदी तक बिजली की खपत कम होगी और बिजली की इस बचत से दो साल में एसी की कीमत वसूल हो सकती है।
TCS ने एक नया इंटेलीजेंट सॉफ्टवेयर बनाया है जो एलइडी लाइटिंग के उपयोग में बिजली में आधी से ज्यादा बचत कराएगा।
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