भारत ने 2030 तक सड़कों पर आठ करोड़ ईवी के साथ 30 फीसदी इलेक्ट्रिक वाहनों की मौजूदगी का महत्वाकांक्षी टार्गेट रखा है। लेकिन बिक्री की मात्रा में लगातार वृद्धि और केंद्रित सरकारी प्रयासों के बावजूद अबतक प्रगति की रफ्तार सुस्त रही है।
राज्य के बिजली बोर्ड ने शुरू में वर्ष 2024-25 के लिए 37 पैसे प्रति यूनिट और वर्ष 2025-26 के लिए 27 पैसे प्रति यूनिट की कीमत बढ़ोतरी का रिक्वेस्ट किया था।
जगुआर के इस कॉन्सेप्ट कार में पारंपरिक मिरर ऑप्शन के रूप में एक पॉप-आउट कैमरा और एक छिपा हुआ चार्जिंग पोर्ट शामिल है।
दिल्ली सरकार का यह कदम कुछ महीनों से देश में इलेक्ट्रिक कारों की बिक्री पर दबाव के बीच आया है, क्योंकि वाहनों की कीमतें अधिक हैं, चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर पर्याप्त नहीं है। ग्राहकों में रेंज की चिंता है।
कंपनी ने दोनों स्कूटर की कीमत का खुलासा अभी नहीं किया है, हालांकि नए ऑफर के साथ इसकी बुकिंग का ऐलान कर दिया है।
‘INGLO’ प्लेटफॉर्म पर लॉन्च की गई ये नई लाइनअप महिंद्रा की इलेक्ट्रिक मॉबिलिटी स्ट्रेटजी में एक नए बदलाव का प्रतीक है। महिंद्रा की इन दोनों एसयूवी में ‘INGLO’ प्लैटफॉर्म का इस्तेमाल किया गया है, जो एक फ्लैट-फ्लोर स्केटबोर्ड डिजाइन है।
ओला इलेक्ट्रिक ने एक स्टेटमेंट में कहा, ये सीरीज बिजनेस-टू-बिजनेस (बी2बी) खरीद और किराये दोनों के लिए उपलब्ध होगी। ओला इलेक्ट्रिक के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर भाविश अग्रवाल ने कहा, ‘‘ Gig और S1 Z स्कूटर सीरीज को पेश करने के साथ हम ईवी स्वीकार्यता में और तेजी लाएंगे।’’
सुलज्जा फिरोदिया मोटवानी ने कहा कि जीएसटी पर इन दो सुधारों से ईवी को उपभोक्ताओं के लिए ज्यादा प्रतिस्पर्धी बनाने में बहुत मदद मिलेगी। मोटवानी ने प्रधानमंत्री ई-ड्राइव स्कीम का स्वागत करते हुए कहा कि बढ़ती मांग के साथ प्रोत्साहन राशि की समीक्षा करने की जरूरत है।
कंपनी द्वारा दिखाए गए टीजर के जरिए स्कूटर के डिजाइन, फीचर्स समेत कई अहम जानकारियां मिल गई हैं। स्कूटर के टीजर से ही इसकी रेंज के बारे में मालूम चल गया है। होंडा का ये इलेक्ट्रिक स्कूटर में 2 राइड मोड- स्टैंडर्ड और स्पोर्ट होंगे।
भारत में इलेक्ट्रिक गाड़ियों की मांग में लगातार बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है और अक्टूबर में इस सेक्टर में सालाना 70 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। बताते चलें कि पिछले महीने ही, एथर एनर्जी ने सेबी के पास 4500 करोड़ रुपये के आरंभिक सार्वजनिक पेशकश (IPO) के लिए आवेदन किया था।
किआ इंडिया के मैनेजिंग डायरेक्टर और सीईओ ग्वांगू ली ने कहा कि कंपनी अगले साल व्यापक भारतीय बाजार के लिए एक इलेक्ट्रिक मॉडल पेश करने की योजना बना रही है। इसके साथ ही किआ की एसयूवी सेगमेंट में भी अपनी स्थिति मजबूत करने की योजना है।
लगभग 7 लाख बिना बिकी कारें, जिनकी कीमत लगभग ₹70,000 करोड़ है, वर्तमान में देश भर के डीलरशिप पर मौजूद हैं। अगर इन पर ध्यान नहीं दिया गया, तो यह इन्वेंट्री डीलरों पर महत्वपूर्ण वित्तीय दबाव डाल सकती है।
इस योजना की पेशकश करते हुए भारी उद्योग मंत्रालय में एडिशनल सेक्रेट्री हनीफ कुरैशी ने कहा कि पूरे प्रोसेस को आसान बनाने के लिए एक मोबाइल ऐप लॉन्च किया जाएगा, जिसके जरिए योजना के तहत सब्सिडी प्राप्त करने के लिए ई-वाउचर बनाया जा सकेगा।
सौरव कुमार ने कहा, “थ्री-व्हीलर्स में हम उन शहरों में 20 प्रतिशत मार्केट शेयर हासिल करने में सक्षम हैं जहां हम काम करते हैं। हम छोटे कमर्शियल व्हीकल सेगमेंट में भी इसी तरह की हिस्सेदारी हासिल करना चाहते हैं।”
भारत में तेजी से बढ़ रही इलेक्ट्रिक व्हीकल की डिमांड के बीच ओबेन इलेक्ट्रिक भी इस बाजार में अपनी जगह बनाने के लिए तैयार है। कंपनी का लक्ष्य इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर मार्केट के 70% हिस्से को अपने प्रोडक्ट्स से कवर करना है।
एच.डी. कुमारस्वामी ने कहा कि ई-रिक्शा खरीदार पीएम ई-ड्राइव योजना के तहत पहले साल में 25,000 रुपये और दूसरे साल में 12,500 रुपये की सब्सिडी का लाभ उठा सकते हैं।
वर्ष 2030 तक, इलेक्ट्रिक बसों, वाणिज्यिक वाहनों और निजी कारों की तैनाती में पर्याप्त वृद्धि के साथ वार्षिक ईवी बिक्री 10 मिलियन यूनिट को पार करने का अनुमान है। फिलहाल, भारतीय ईवी बाजार दोपहिया और तिपहिया ईवी सेगमेंट पर केंद्रित है, जो इसके वाहन बाजार का लगभग 80 प्रतिशत हिस्सा है।
मैपिंग कंपनी हीयर टेक्नोलॉजी और एसबीडी ऑटोमोटिव (परामर्श) की तरफ से किए एक स्टडी में काफी रोचक तथ्य सामने आए हैं। इसमें कहा गया है कि दिल्ली ने अपने ईवी इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ाने में काफी प्रगति की है।
सभी इलेक्ट्रिक गाड़ियों, जिन्हें बैटरी इलेक्ट्रिक व्हीकल भी कहा जाता है, में आंतरिक दहन इंजन के बजाय इलेक्ट्रिक मोटर होती है। कार मे मौजूद इलेक्ट्रिक मोटर को पावर देने के लिए एक बड़े ट्रैक्शन बैटरी पैक का इस्तेमाल होता है
राज्य की कैबिनेट द्वारा लिए गए इस फैसले से पंजाब सरकार के खजाने में हर साल 1500 से 1800 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी होने की उम्मीद है। हालांकि, पंजाब के वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि डोमेस्टिक कैटेगरी वाले कनेक्शन पर हर महीने 300 यूनिट फ्री बिजली की योजना जारी रहेगी।
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