SBI ने बीते 4 मार्च को कोर्ट से आग्रह किया था कि जानकारी देने के लिए 30 जून तक का समय दिया जाए, लेकिन कोर्ट के द्वारा इस याचिका को सुनवाई के लिए अभी तक शिड्यूल नहीं किया है।
जिन पंजीकृत राजनीतिक दलों को पिछले लोकसभा या विधानसभा चुनाव में एक प्रतिशत या उससे अधिक वोट मिले हैं, वे ही चुनावी बॉन्ड से चंदा पाने के लिए पात्र हैं।
बेचे गए कुल बॉन्ड में लगभग 93.5 प्रतिशत एक करोड़ रुपये मूल्यवर्ग के थे। मूल्य के लिहाज से एक लाख, दस हजार और एक हजार मूल्यवर्ग के बॉन्ड की हिस्सेदारी 0.25 प्रतिशत से भी कम थी।
राजनीतिक चंदे में पारदर्शिता लाने के प्रयासों के तहत राजनीतिक दलों को दिए जाने वाले नकद चंदे के विकल्प के रूप में चुनावी बांड की व्यवस्था की गयी है।
भारतीय स्टेट बैंक (SBI) को एक अप्रैल 2021 से 10 अप्रैल 2021 के दौरान 29 अधिकृत शाखाओं के जरिये चुनावी बांड की 16वें चरण की बिक्री और उसे भुनाने के लिए अधिकृत किया गया है।
राजनीतिक दलों को चंदा देने में इस्तेमाल होने वाले चुनावी बांड की छठी किस्त की बिक्री एक से 10 नवंबर के बीच होगी।
राजनीतिक दलों को नकद चंदे का एक व्यवस्थित रास्ता तय करने के लिए शुरू किए गए चुनावी बांड की बिक्री का चौथा दौर 2 जुलाई से 11 जुलाई तक चलेगा।
दूसरे चरण के चुनावी बांड की बिक्री 2 अप्रैल से शुरू होकर 10 अप्रैल तक चलेगी। इस बांड की बिक्री भारतीय स्टेट बैंक की 11 अधिकृत शाखाओं के जरिये होगी।
मंत्रालय ने कहा कि इन बांडों को भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) की प्राधिकृत शाखाओं से खरीदा जा सकेगा। सरकार ने इस साल दो जनवरी को चुनावी बांड योजना को अधिसूचित किया था।
बांड के मुद्रण में उतनी की गोपनीयता बरती जाएगी जितनी की मुद्रा छपाई के मामले में अपनाई जाती है। वित्त मंत्रालय के सूत्र ने कहा कि बांड की वैधता (मियाद) केवल 15 दिन होगी।
चुनावी चंदे में पारदर्शिता लाने और काले धन के दुरुपयोग को रोकने के लिए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज नए इलेक्टोरल बांड (चुनावी बांड) की रूपरेखा जारी की।
सरकार द्वारा प्रस्तावित चुनावी बांड की वैध अवधि को 15 दिन रखा जा सकता है। कम अवधि के लिए जारी करने से बांड के दुरुपयोग को रोकने में मदद मिलेगी।
केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने मंगलवार को वित्त विधेयक 2017 लोकसभा में पेश किया। उन्होंने कहा कि चूंकि इसमें चुनावी बॉन्ड के प्रावधान शामिल हैं।
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