संगठन के मुताबिक खाद्य तेलों पर कम आयात शुल्क से किसानों की तिलहन खेती में रूचि घटी
नवंबर 2019 से अप्रैल 2020 के दौरान कुल खाद्य तेलों का आयात 6,182,184 टन रहा, जो पिछले साल की समान अवधि में 7,203,830 टन था।
मार्च के दौरान आरबीडी पामोलीन का आयात 90 प्रतिशत घटा है।
पाम ऑयल पर प्रतिबंध के बाद आयत में तेज गिरावट दर्ज
चीन में कोरोना वायरस का प्रकोप गहराने से दुनियाभर के बाजारों में मंदी का माहौल है, जिससे कृषि उत्पाद बाजार भी प्रभावित हुआ है।
योग के बाद अब भारत सरकार देसी घी को दुनिया भर में पहचान दिलाने में जुट गई है
खाने के तेल के मामले में देश को आत्मनिर्भर बनाने के मकसद से अब घरेलू खाद्य तेल उद्योग ने अगले पांच साल में देश में सरसों का उत्पादन बढ़ाकर 200 लाख टन करने का लक्ष्य रखा है।
खाने के तेल की महंगाई को लेकर गंभीर हुई मोदी सरकार ने राष्ट्रीय खाद्य तेल मिशन (एनएमईओ) की तैयारी तेज कर दी है।
प्याज के साथ-साथ अब खाद्य तेल की महंगाई भी जोर पकड़ती जा रही है। मलेशिया और इंडोनेशिया से आयातित पाम तेल महंगा होने से देश में सोयाबीन और सरसों समेत तमाम तेल व तिलहनों के दामों में तेजी का रुख बना हुआ है।
2018-19 में आयात हुए 149.13 लाख टन खाने के तेल में 94.09 लाख टन पाम तेल है जबकि 30.94 लाख टन सोयाबीन तेल और 23.51 लाख टन सूरजमुखी तेल है।
पत्र में कहा गया है कि 9 नवंबर, 2011 को अधिसूचना क्रमांक 99/2011 के जरिये 5 अल्प विकसित सार्क देशों को भारत में बिना सीमा शुल्क के आयात की अनुमति प्रदान की गई है।
सरकार द्वारा देश में खाद्य तेल पर आयात शुल्क बढ़ाए जाने के बाद तेल आयातकों ने बांग्लादेश के रास्ते खाद्य तेल का शुल्क मुक्त आयात करना शुरू कर दिया है।
तिलहन किसानों को उनकी फसल का जायज भाव दिलाने के लिए केंद्र सरकार ने वनस्पति तेलों के आयात पर जो लगाम लगाई है उसका असर दिखने लगा है, जून के दौरान देश में खाद्य तेल आयात 25 महीने के निचले स्तर पर दर्ज किया गया है। तेल-तिलहन उद्योग के संगठन सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टक्स एसोसिएशन (SEA) की तरफ से जारी किए गए आंकड़ो से यह जानकारी निकलकर आई है।
एफएसएसएआई ने कहा है कि वह इस्तेमाल हो चुके खाना पकाने के तेल का संग्रह करने और उससे जैव-डीजल बनाने के लिए पारिस्थितिक तंत्र स्थापित करने के संबंध में भारतीय बायोडीजल एसोसिएशन के साथ बातचीत कर रहा है।
खाने के तेल के दाम बढ़ने की आशंका बढ़ गई है, तेल और तिलहन पर स्टॉक लिमिट हटाने के बाद अब सरकार ने गैर पाम खाद्य तेलों पर आयात शुल्क बढ़ा दिया है। केंद्र सरकार ने घरेलू तिलहन उत्पादकों और तेल उत्पादकों के हितों के संरक्षण के लिए क्रूड और रिफाइंड गैर पाम खाद्य तेलों पर आयात शुल्क में पांच से 10 प्रतिशत तक की वृद्धि की है।
देश में खाने के तेल की जरूरत आयात से पूरी होती है, ऐसे में आयात घटने की वजह से खाने के तेल की कीमतों में बढ़ोतरी की आशंका हो गई है
देश में खपत होने वाले कुल खाद्य तेल का करीब 60-65 प्रतिशत हिस्सा विदेशों से आयात करना पड़ता है, ऐसे में आयात में गिरावट आएगी तो घरेलू स्तर पर सप्लाई प्रभावित होगी
वनस्पति तेल पर आयात शुल्क बढ़ने के बावजूद नवंबर में 7 प्रतिशत ज्यादा वनस्पति तेल का आयात हुआ है
खाने के तेल की जरूरत का 60-65 फीसदी हिस्सा आयात किया जाता है, ऐसे में इसपर आयात शुल्क बढ़ने से खाने का तेल महंगा होने लगा है
सरकार ने सस्ते आयात पर लगाम लगाने तथा स्थानीय कीमतों में वृद्धि के इरादे से कच्चे पाम तेल पर आयात शुल्क 15 प्रतिशत से बढ़ाकर 30 प्रतिशत कर दिया है।
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