भारत- इंडोनेशिया और मलेशिया से पामतेल का आयात करता है। जबकि सोयाबीन तेल का आयात ब्राजील और अर्जेंटीना से करता है। देश, सूरजमुखी मुख्य रूप से रूस और यूक्रेन से आयात करता है।
केंद्र ने बीते सप्ताह घरेलू तिलहन कीमतों का समर्थन करने के लिए विभिन्न खाद्य तेलों पर मूल सीमा शुल्क में वृद्धि की थी। 14 सितंबर से प्रभावी मूल सीमा शुल्क में वृद्धि, कच्चे सोयाबीन तेल, कच्चे पाम तेल और कच्चे सूरजमुखी तेल पर शून्य से बढ़ाकर 20 प्रतिशत कर दिया गया है।
सरसों तेल-तिलहन, सोयाबीन तेल, कच्चा पामतेल (सीपीओ) और पामोलीन तेल के इम्पोर्ट पर सरकार के इस फैसले का असर अगले एक साल तक देखने को मिलेगा। उम्मीद जताई जा रही है कि कीमतें कंट्रोल में रहेंगी।
भारत आयात के माध्यम से अपनी वार्षिक खाद्य तेल खपत का लगभग 56 प्रतिशत जरुरत को पूरा करता है। सालाना आयाात करीब 1.3-1.4 करोड़ टन है।
मंदी की चपेट में जूझती दुनिया के बीच भारत में महंगाई पर लगाम लगाई जा रही है। सरकार के शानदार नीतियों और मजबूत इरादों के बदौलत आज महंगाई दर कम हुआ है। इस बीच सरकार ने खाने की चीजों से जुड़े प्रोडक्ट की खरीद में भी बढ़ोतरी की है।
Edible Oil: बीते 2 महीने में कच्चा तेल ही नहीं बल्कि खाने के तेल (Oil) के दाम भी आम आदमी का तेल निकाल रहे हैं। अब गुजरात स्टेट एडिबल ऑयल एंड एडिबल ऑयल सीड्स एसोसिएशन (GSEOOSA) के अध्यक्ष ने आशंका व्यक्त की है कि देश में खाद्य तेल के दाम बढ़ेंगे।
इंडोनेशिया और मलेशिया भारत को आरबीडी पामोलिन और कच्चे पाम तेल के प्रमुख आपूर्तिकर्ता हैं। कच्चा सोयाबीन तेल मुख्य रूप से अर्जेंटीना और ब्राजील से आयात किया जाता है, जबकि कच्चा सूरजमुखी तेल मुख्य रूप से यूक्रेन, रूस और अर्जेंटीना से आयात किया जाता है।
तेल वर्ष 2020-21 के पहले 10 महीनों के दौरान खाद्य तेल का आयात पिछले वर्ष की इसी अवधि में 1.09 करोड़ टन से गिरकर 1.03 करोड़ टन रह गया।
सरकार ने आंकलन किया है कि देश का कुल लगभग 28 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल और अकेले उत्तर पूर्व में लगभग 9.62 लाख हेक्टेयर क्षेत्र पाम ऑयल की खेती के लिए उपयुक्त है।
आठ महीनों में खाद्य तेल का कुल आयात पिछले साल के मुकाबले 15 फीसदी कम
पाम तेल का आयात इस साल मई में 52.69 प्रतिशत घटा
मार्च के दौरान आरबीडी पामोलीन का आयात 90 प्रतिशत घटा है।
पत्र में कहा गया है कि 9 नवंबर, 2011 को अधिसूचना क्रमांक 99/2011 के जरिये 5 अल्प विकसित सार्क देशों को भारत में बिना सीमा शुल्क के आयात की अनुमति प्रदान की गई है।
एफएसएसएआई ने कहा है कि वह इस्तेमाल हो चुके खाना पकाने के तेल का संग्रह करने और उससे जैव-डीजल बनाने के लिए पारिस्थितिक तंत्र स्थापित करने के संबंध में भारतीय बायोडीजल एसोसिएशन के साथ बातचीत कर रहा है।
देश में खाने के तेल की जरूरत आयात से पूरी होती है, ऐसे में आयात घटने की वजह से खाने के तेल की कीमतों में बढ़ोतरी की आशंका हो गई है
देश में खपत होने वाले कुल खाद्य तेल का करीब 60-65 प्रतिशत हिस्सा विदेशों से आयात करना पड़ता है, ऐसे में आयात में गिरावट आएगी तो घरेलू स्तर पर सप्लाई प्रभावित होगी
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