रिपोर्ट के अनुसार इस सेक्टर में मांग-आपूर्ति को लेकर ऐसा अंतर है जो इस क्षेत्र के विकास को प्रभावशाली तौर पर आगे बढ़ाएगा, भले ही शहरी क्षेत्रों में आवास की मौजूदा कमी 10 मिलियन यूनिट होने का अनुमान है।
Rupee Become International Currency Like Dollar: दुनिया की 5वीं बड़ी अर्थव्यवस्था बनने के बाद पीएम मोदी के सपनों का भारत ऊंचाइयों की नई उड़ान पर है। प्रधानमंत्री मोदी की महत्वाकांक्षा रुपये को डॉलर का प्रतिद्वंदी बनाना है। जी हां...वही डॉलर जो वर्षों से पूरी दुनिया पर राज करता आ रहा है।
इस विकट परिस्थिति के बावजूद भी भारत बेहतर काम कर रहा है। एक तरफ जहां दुनिया मंदी से परेशान है तो वहीं दूसरी तरफ भारत नई विकास योजनाओं को गति देने का काम कर रहा है।
यूरोपीय महाशक्ति ब्रिटेन इस समय गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रहा है। देश में महंगाई 40 साल के चरम स्तर पर है। इस बीच वहां के केंद्रीय बैंक ने ब्याज दरों में 30 साल की सबसे बड़ी बढ़ोत्तरी कर दी है।
अप्रैल-अक्टूबर, 2022 के दौरान उसने माल ढुलाई से कुल 92,345 करोड़ रुपये अर्जित किए जो एक साल पहले के 78,921 करोड़ रुपये की तुलना में 17 प्रतिशत अधिक है। एक साल पहले की समान अवधि के मुकाबले रेलवे की माल ढुलाई भी करीब नौ प्रतिशत बढ़ गई।
चीन में कोरोना के मामले अभी भी बढ़ रहे हैं। इसके चलते चीन को कोरोना संक्रमण रोकने के लिए बार-बार लॉकडाउन लगाना पड़ रहा है। इससे आर्थिक वृद्धि की रफ्तार प्रभावित हो रही है।
विदेशी ब्रोकरेज क्रेडिट सुइस ने एक रिपोर्ट में कहा है कि उभरती अर्थव्यवस्थाओं में कमजोर बाहरी मांग और डॉलर की मजबूती से विकास पर असर पड़ेगा।
Economy: आर्थिक समीक्षा में वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान आर्थिक वृद्धि दर 8-8.5 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया गया था।
Sweet and Salty: मौजूदा वित्त वर्ष में मिठाई और नमकीन का कुल कारोबार पिछले सारे आंकड़ों को पीछे छोड़ते हुए 1.25 लाख करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंच सकता है, क्योंकि ग्राहकों द्वारा इन खाद्य पदार्थों की ऑनलाइन खरीद और घरों तक आपूर्ति भी बढ़ रही है।
सीतारमण ने कहा, हम एक सतत या टिकाऊ पुनरुद्धार चाहते हैं। बजट में वृद्धि के पुनरद्धार पर जोर दिया गया है।
यह इससे पिछली मंदी के बाद 1984 में दर्ज 7.2 प्रतिशत की वृद्धि दर के बाद सबसे अधिक है। रोनाल्ड रीगन के कार्यकाल के बाद यह सबसे तीव्र वृद्धि दर है।
उन्होंने कहा कि इन सभी का ‘लक्षण’ कमजोर उपभोक्ता मांग है। विशेषरूप से व्यापक स्तर पर इस्तेमाल वाले उपभोक्ता सामान की मांग काफी कमजोर है।
भारत इस समय अमेरिका, चीन, जापान, जर्मनी एवं ब्रिटेन के बाद दुनिया की छठी बड़ी अर्थव्यवस्था है।
यह बताता है कि न केवल पुनरुद्धार पूरा हुआ है बल्कि आर्थिक वृद्धि अब कोविड-पूर्व स्तर से तेज हो रही है।
प्रधानमंत्री ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘पैकेज में लोगों में सुरक्षा और आशा की भावना जगाने के लिए पर्याप्त धन का प्रावधान किया गया है।’’
इक्रा और यूबीएस ने अनुमान बढ़ाने के लिये केंद्र और राज्य सरकार द्वारा खर्च में वृद्धि, उम्मीद से तेज रिकवरी, कृषि क्षेत्र से बेहतर संकेतों को वजह बताया है।
वित्त मंत्री ने सीआईआई वैश्विक आर्थिक नीति सम्मेलन 2021 को संबोधित करते हुए कहा कि आयात पर निर्भरता कम करने के लिए उद्योगों को आगे आना चाहिए
देबरॉय ने कहा कि क्षमता उपयोग में सुधार के साथ अगले छह माह में निवेश में और वृद्धि होने की संभावना है।
गर्वनर के मुताबिक बैंकों के बही खातों की स्थिति सुधरी है और सितंबर तिमाही में एनपीए पहली तिमाही के मुकाबले बेहतर हुआ है।
केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि अक्टूबर में पिछले साल के मुकाबले रोजगार बढ़ा है और विनिर्माण पीएमआई बढ़कर 55.9 हो गया, जबकि सेवा पीएमआई एक दशक के उच्चस्तर 58.4 पर पहुंच गया।
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