हालांकि, भारत में मंदी का खतरा आसन्न नहीं है, लेकिन सरकार और नीति निर्माता इसकी अनदेखी नहीं कर सकते और उन्हें जरूरी कदम उठाने होंगे।
सेवानिवृत्ति की आयु में वृद्धि संभवत: अनिवार्य है। इसलिए इस बदलाव के पहले ही संकेत दिए जा सकते हैं ताकि श्रमबल इसके लिए तैयार हो सके।
आर्थिक सर्वेक्षण में कहा गया है कि करदाताओं के लिए एक ऐसा विशेष क्लब बनाया जाना चाहिए, जिसकी एक्सक्लूसिव सदस्यता न केवल सोशल स्टेट्स को बढ़ाए बल्कि उनको सम्मानित भी करे।
भारतीय दूरसंचार उद्योग के लिए 5जी प्रौद्योगिकी वैश्विक बाजारों तक पहुंच बढ़ाने का अवसर होगी।
संसद में सोमवार को पेश की गई 2018-19 की आर्थिक समीक्षा में आयात-निर्यात, विनिमय दर और चालू खाते के घाटे (कैड) जैसे बाह्य क्षेत्र के मोर्चों पर देश की अर्थव्यवस्था की मजबूत तस्वीर पेश की गयी है।
देश का विदेशी मुद्रा भंडार लगातार बढ़ रहा है और यह 400 अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक के स्तर पर बना हुआ है।
उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति में पिछले पांच वर्ष से लगातार गिरावट आ रही है।
आर्थिक सर्वेक्षण में भारत को 5 लाख करोड़ डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने का लक्ष्य रखा गया है।
इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए हमें 2025 तक हर साल 8 प्रतिशत की आर्थिक वृद्धि दर हासिल करनी होगी।
वित्त वर्ष 2018-19 का लेखा-जोखा आर्थिक सर्वेक्षण 2018-19 आज संसद में पेश होने जा रहा है और संसद में इसके पेश होने से पहले आज शेयर बाजार में तेजी देखी जा रही है।
देश के मुख्य आर्थिक सलाहकार कृष्णमूर्ति सुब्रमण्यम ने आर्थिक सर्वेक्षण 2018-19 (Economic Survey 2018-19) बनाया है। जानिए इनके बारे में
संसद में आर्थिक सर्वे पेश कर दिया गया है। सर्वे के मुताबिक, 2019-2020 में देश की जीडीपी ग्रोथ रेट 7 फीसदी तक रह सकती है।
आम चुनावों में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की शानदार जीत के बीच शेयर बाजारों में तेजी से सेंसेक्स की शीर्ष दस कंपनियों में सात का बाजार पूंजीकरण पिछले सप्ताह कुल मिलाकर 1.42 लाख करोड़ रुपए बढ़ा।
देश के पूर्व मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमण्यन ने रविवार को आगाह किया कि कृषि एवं वित्तीय व्यवस्था के दबाव में होने से भारतीय अर्थव्यवस्था कुछ समय के लिए नरमी के दौर में फंस सकती ह
दिल्ली का वित्त वर्ष2017-18 में सकल राज्य घरेलू उत्पाद( जीएसडीपी) 6.86 लाख करोड़ रुपये रहा जो इससे पिछले वित्त वर्ष के मुकाबले 11.22% की आर्थिक वृद्धि दर को दर्शाता है।
भारत का दूरसंचार उद्योग रिलायंस जियो के आने के बाद गलाकाट प्रतियोगिता की वजह से घाटे में है, उस पर कर्ज का बोझ बढ़ रहा है और इससे क्षेत्र के निवेशकों, कर्जदाताओं एवं वेंडर्स को नुकसान पहुंच रहा है।
कृषिगत आय पर जलवायु परिवर्तन के प्रतिकूल असर के प्रति आगाह करते हुए आर्थिक समीक्षा 2017-18 में कहा गया है कि इससे कृषिगत आय के मध्यम तौर पर 20-25 प्रतिशत तक घटने का जोखिम हो सकता है।
नवंबर 2016 में हुई नोटबंदी से करदाताओं का दायरा बढ़ा है तथा घरेलू बचत में भी इजाफा हुआ है।
दुनियाभर में सबसे बड़ा ट्रैक्टर उद्योग भारत का ही है और दुनिया में तैयार होने वाले कुल ट्रैक्टर का करीब एक तिहाई हिस्सा भारत में ही तैयार किया जाता है।
सरकार के स्वच्छता कार्यक्रम से स्वास्थ्य एवं आर्थिक प्रभाव पड़ा है और खुले में शौच से मुक्त गांव में प्रति परिवार सालाना 50,000 रुपए की बचत का अनुमान है।
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