शेयर बाजार खुलने के साथ सेंसेक्स में 700 से ज्यादा अंकों की बढ़त देखने को मिली थी। वहीं, निफ्टी ने डबल सेंचुरी मारी और 200 अंकों की बढ़त के साथ खुला था।
कृष्णमूर्ति सुब्रमण्यम का कार्यकाल दिसंबर में समाप्त होने के बाद से पद रिक्त था, जिसके कारण 2021-22 का आर्थिक सर्वेक्षण इस वर्ष अपने एक-खंड के प्रारूप में आ सकता है।
इकोनॉमिक सर्वे रिपोर्ट में यह जानकारी भी दी जाती है कि मनी सप्लाई का ट्रेंड क्या है, इसके अलावा कृषि, औद्योगिक उत्पादन, बुनियादी ढांचा, रोजगार, निर्यात, आयात, विदेशी मुद्रा के मुद्दे पर अर्थव्यवस्था की वर्तमान हालत क्या है।
इस साल जनवरी में जारी आर्थिक सर्वेक्षण 2020-21 में मार्च 2022 में समाप्त होने वाले चालू वित्त वर्ष के दौरान 11 प्रतिशत की जीडीपी वृद्धि का अनुमान लगाया गया था।
पिछली दो तिमाहियों में वृद्धि दर 6 प्रतिशत से अधिक रही थी और पिछली तिमाही की वृद्धि दर उससे काफी कम रही।
श्रीलंका काफी हद तक पर्यटन और चाय के निर्यात पर निर्भर है। कोरोना वायरस महामारी की वजह से देश की अर्थव्यवस्था बुरी तरह प्रभावित हुई है।
देश में हालांकि एटीएम मशीनें अभी भी काम कर रही हैं, लेकिन निकासी को 24 घंटे में लगभग 200 डॉलर तक सीमित कर दिया गया है।
सरकार ने सार्वजनिक स्वास्थ्य को सुदृढ़ करने और वृद्धि एवं रोजगार के उपायों को प्रोत्साहित करने के लिए जून 2021 में 6.29 लाख करोड़ रुपये के राहत पैकेज की घोषणा की थी।
इस समय श्रीलंका का विदेशी मुद्रा भंडार मुश्किल से तीन महीने के आयात का भुगतान करने के लिए पर्याप्त है। बड़ी मात्रा में विदेशी ऋणों की अदायगी लंबित है, जिससे श्रीलंका की वित्तीय प्रणाली प्रभावित हो रही है।
फिच रेटिंग्स ने बुधवार को चालू वित्त वर्ष के लिए भारत की वृद्धि के अनुमान को घटाकर 10 प्रतिशत कर दिया, जो पिछले अनुमान के मुताबिक 12.8 फीसदी था।
प्रधान आर्थिक सलाहकार के मुताबिक महामारी से आगे और कोई बड़ा नुकसान न हो और इसी रफ्तार से टीकाकरण जारी रहे, तो अगले तीन-चार महीनों में अर्थव्यवस्था में वृद्धि के साफ रुझान देखने को मिलेंगे
कंसल्टेंसी फर्म ईवाई का कहना है कि मौजूदा दौर में भारत की अर्थव्यवस्था के लिए वैश्विक आर्थिक सुधार सकारात्मक है। अपनी आर्थिक पल्स रिपोर्ट में, कंसल्टेंसी फर्म ने कहा, "भारत के निर्यात ने अच्छा प्रदर्शन करना जारी रखा है।
वायरस की वापसी से 2021 में भारत के वृद्धि पूर्वानुमानों को लेकर अनिश्चितता बढ़ी है, हालांकि यह संभावना है कि आर्थिक नुकसान अप्रैल-जून तिमाही तक ही सीमित रहेगा।
सर्वेक्षण के मुताबिक ज्यादातर लोगों का यही मानना है कि विभिन्न राज्य सरकारों ने जो लॉकडाउन लगाया है वह मई अंत तक बना रहेगा।
एड्रियन ने एक सवाल के जवाब में कहा, ‘‘हम भुगतान के क्षेत्र में तकनीकी क्रांति के दौर में हैं। और मुझे लगता है कि भारत इन तकनीकों और भुगतान प्रणालियों में से कई में पथ-प्रदर्शक रहा है।
भारत की जीडीपी में पहली तिमाही के दौरान 24 प्रतिशत और दूसरी तिमाही में 7.5 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है।
रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकान्त दास ने मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की पिछली बैठक में ब्याज दरों को यथावत रखने की वकालत करते हुए यह बात कही।
आर्थिक सर्वे में वित्त वर्ष 2021-22 के लिए सकल घरेलू उत्पाद का अनुमान और चालू वित्त वर्ष के लिए जीडीपी आकलन व्यक्त किया जाएगा।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा बजट-2021 को एक फरवरी को पेश किया जाएगा।
भारत की स्थिति को उबारने में ई-कॉमर्स और डिजिटल प्रौद्योगिकी की महत्वपूर्ण भूमिका होगी।
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