भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने कहा है कि नोटबंदी ने भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि घटा दी।
एशियाई विकास बैंक (एडीबी) ने चालू वित्त वर्ष में देश की आर्थिक वृद्धि दर 7.3 प्रतिशत रहने के अपने अनुमान को बरकरार रखा है।
देश के पूर्व मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमण्यन ने रविवार को आगाह किया कि कृषि एवं वित्तीय व्यवस्था के दबाव में होने से भारतीय अर्थव्यवस्था कुछ समय के लिए नरमी के दौर में फंस सकती ह
रघुराम राजन ने कहा कि नोटबंदी और माल एवं सेवा कर (जीएसटी) दो ऐसे प्रमुख कारण हैं, जिनकी वजह से भारत की आर्थिक वृद्धि में पिछले साल रुकावट आई है।
चीन की आर्थिक वृद्धि दर में वर्ष 2018 की तीसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) में सुस्ती देखी गई है।
एशियाई विकास बैंक ने कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था में तेज वृद्धि जारी रहेगी।
फिच रेटिंग्स ने शुक्रवार को चालू वित्त वर्ष के लिए भारत की आर्थिक वृद्धि दर के लिए अपने पूर्वानुमान को पहले के 7.4 प्रतिशत से बढ़ाकर 7.8 प्रतिशत कर दिया है।
राजीव कुमार ने यह भी कहा है कि नोटबंदी से विकास दर में गिरावट नहीं आई है
वित्त मंत्री ने रविवार को एक फेसबुक पोस्ट के जरिए IMF की रिपोर्ट का हवाला देते हुए यह जानकारी दी है
देश की आर्थिक वृद्धि दर सुधार की राह पर है। चालू वित्त वर्ष में इसके 7.5 प्रतिशत से अधिक रहने की उम्मीद है। पूर्व मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद विरमानी ने आज यह बात कही।
वैश्विक वित्तीय सेवा क्षेत्र की अग्रणी कंपनी नोमूरा ने अपनी एक ताजा रिपोर्ट में अनुमान लगाया है कि भारतीय अर्थव्यवस्था बेशक अप्रैल-जून तिमाही में मजबूत आर्थिक वृद्धि दर हासिल करेगी, लेकिन आगामी महीनों में यह रफ्तार सुस्त पड़ सकती है।
आईएमएफ ने कहा कि भारत को अपनी वृद्धि में जारी तेजी को बनाए रखने के लिए बैंकिंग क्षेत्र में सुधार, राजकोषीय मजबूती, जीएसटी को सरल बनाने और प्रमुख बाजारों के सुधारों में नए सिरे से तेजी लाने जैसे मोर्चे पर काम करना चाहिए।
क्रेडिट रेटिंग एजेंसी फिच रेटिंग्स ने वित्त वर्ष 2018-19 के लिए भारत की आर्थिक वृद्धि दर का अनुमान 7.3 प्रतिशत से बढ़ाकर 7.4 प्रतिशत कर दिया है। हालांकि उसने कर्ज की लगत बढ़ने और कच्चे तेल की कीमतों में उछाल को आर्थिक वृद्धि के लिए जोखिम बताया है।
पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति को लेकर नए सिरे से आशंका जताई जा रही है, क्योंकि मौजूदा कार्यवाहक सरकार ने चालू खाते के घाटे से निपटने के लिए विदेशी मुद्रा भंडार के इस्तेमाल का वचन दिया है। देश का विदेशी मुद्रा भंडार भी तेजी से घट रहा है।
भारतीय शेयर बाजारों में पिछले सप्ताह सीमित दायरे में कारोबार देखा गया मगर इस सप्ताह तेजी आने की संभावना है। बाजार की चाल हालांकि सप्ताह के दौरान जारी होने वाले आर्थिक आंकड़ों, मानसून की प्रगति और विदेशी बाजार के संकेतों से तय होगी।
पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति कितनी खराब हो चुकी है, इसका अंदाजा उसके विदेशी मुद्रा भंडार से लगाया जा सकता है। कई बार करेंसी की उतार-चढ़ाव को रोकने के लिए भारत महीने भर में जितने डॉलर खर्च कर देता है, पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार सिर्फ उतना ही बचा है। अलग-अलग मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार सिर्फ 10.32 अरब डॉलर बचा है। पाकिस्तान का यह रिजर्व उसके आयात की सिर्फ 2 महीने की जरूरत को पूरा कर पाने में सक्षम है और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के तय किए हुए मानकों से कम है
वित्तीय सेवा प्रदाता कंपनी नोमुरा की एक रिपोर्ट के अनुसार औद्योगिक उत्पादन में मार्च महीने में सुस्ती रहने के बावजूद जनवरी-मार्च तिमाही में देश की आर्थिक वृद्धि बढ़कर 7.7 प्रतिशत रहने की उम्मीद है।
नई वस्तु एवं सेवा कर (GST) व्यवस्था और बैंकों की कर्ज वसूली की समस्या से देश की आर्थिक वृद्धि में 2017 में गिरावट आई लेकिन इसमें धीरे-धीरे सुधार की उम्मीद है और 2018 में वृद्धि दर के बढ़कर 7.2 प्रतिशत रहने की संभावना है।
एचडीएफसी तथा कोटक महिंद्रा बैंक जैसी बड़ी कंपनियों के तिमाही नतीजों तथा कच्चे तेल की कीमतों, वृहद आर्थिक आंकड़ों और रुपए के उतार-चढ़ाव से इस सप्ताह शेयर बाजार की दिशा तय होगी। शेयर बाजार मंगलवार को ‘महाराष्ट्र दिवस’ के मौके पर बंद रहेंगे।
विनिर्माण क्षेत्र की गतिविधियों में तेजी से देश की आर्थिक वृद्धि दर 2018-19 में बढ़कर 7.2 प्रतिशत पर पहुंच जाने का अनुमान है। हालांकि, कच्चे तेल की बढ़ती कीमतें और सरकार द्वारा अधिक कर्ज आर्थिक वृद्धि के लिए सिरदर्द बना रहेगा।
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