आर्थिक सर्वेक्षण 2016-2017 के मुताबिक अगले वित्त वर्ष में देश की GDP विकास दर ग्रोथ 6.75 फीसदी से 7.5 फीसदी रहने का अनुमान है।
बजट ठीक एक दिन पहले संसद में आर्थिक सर्वेक्षण पेश किया जाता है। इसमें मौजूदा वित्त मंत्री देश की आर्थिक दशा की तस्वीर पेश करते हैं।
वित्तमंत्री के रूप में मनमोहन सिंह का कार्यकाल काफी उठापटक वाला था। मनमोहन सिंह ने साल 1994 के अपने बजट में सर्विट टैक्स के टर्म को भारत के सामने रखा।
आंकड़ों की बात करें तो आजादी से लेकर अब तक कुछ 26 वित्त मंत्रियों ने कार्यभार संभाला है। मोरारजी देसाई द्वारा रिकार्ड 10 बार बजट प्रस्तुत किया गया।
1 फरवरी को केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली एनडीए सरकार का तीसरा पूर्ण बजट पेश करेंगे। लेकिन क्या आप जानते हैं बजट में तमाम लेखा-जोखा कौन तैयार करता है।
2017 का बजट बेहद अलग होने जा रहा है। इस बार न सिर्फ बजट की तारीखों में बदलाव किया गया है, वहीं इस साल से रेल बजट इतिहास में दर्ज हो जाएगा।
बजट सिर्फ घोषणाओं का एक दस्तावेज भर नहीं होता, बल्कि इसमें काफी कुछ शामिल होता है, जो भविष्य की योजनाओं का भी रोडमैप तैयार करता है।
बजट भाषण के दौरान देश के वित्त मंत्री ऐसे ही तमाम शब्दों का इस्तेमाल करते हैं। हम आपको बताते हैं इन शब्दों का मतलब क्या होता है।
2016-17 उतारचढ़ाव वाला सफर था। उम्मीदें ज्यादा थीं। देश से भी और उसे चलाने वाले शख्स प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी टैक्स बड़े सुधारों की आशा थी।
भारत में 19,400 टेक्नोलॉजी-इनेबल्ड स्टार्टअप्स हैं, लेकिन इन्वेस्टर्स के लिए उनके लिए एग्जिट वैल्यूएशन अभी भी कम बनी हुई है।
अरुण जेटली ने लोकसभा में इकोनॉमिक सर्वे 2015-16 पेश कर दिया। इकोनॉमिक सर्वे में वित्त वर्ष 2016-17 के लिए 7-7.5 फीसदी जीडीपी ग्रोथ का अनुमान लगाया गया है।
संसद का बजट सत्र 23 फरवरी से शुरू होगा, जिसमें सरकार वित्तीय कामकाज पर ज्यादा जोर देगी। सत्र के दौरान आम बजट 29 फरवरी को पेश किया जाएगा।
लेटेस्ट न्यूज़