सरकार 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने का लक्ष्य लेकर चल रही है और इसके लिए उसने बीज से लेकर बाजार तक अनेक तरह की पहल की हैं।
आर्थिक सर्वेक्षण बजट परंपरा का अहम हिस्सा है। हर साल यह वित्तीय रिपोर्ट और सरकार के काम काज का लेखाजोखा वित्त मंत्रालय की ओर से संसद में पेश किया जाता है। जिसे इकोनॉमिक सर्वे भी कहा जाता है।
आर्थिक सर्वे 2017-18 में एक बड़ी दिलचस्प बात सामने आई है। 1 जुलाई 2017 को वस्तु एवं सेवा कर (GST) लागू होने के बाद महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु और गुजरात ऐसे राज्य रहे हैं जहां GST के लिए रजिस्ट्रेशन करवाने वालों की संख्या सबसे अधिक रही
वित्तमंत्री अरुण जेटली ने 2017-18 का आर्थिक सर्वेक्षण पेश कर दिया है। जीएसटी लागू होने के बाद पेश हुए पहले सर्वेक्षण में अप्रत्यक्ष करों की वसूली में 50 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई है।
आर्थिक सर्वेक्षण में वित्त वर्ष 2017-18 के दौरान देश की GDP 6.75 प्रतिशत रहने का Economic Survey 2017-18: अनुमान लगाया गया है। आर्थिक सर्वेक्षण में 2018-19 के दौरान GDP ग्रोथ 7-7.5 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया है
बाजार में आज सबसे ज्यादा मजबूती मेटल कंपनियों के शेयरों में देखने को मिल रही है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में सभी बेस मेटल्स की कीमतों में कमजोर डॉलर की वजह से जोरदार तेजी आई है जिस वजह से घरेलू स्तर पर मेटल इंडेक्स भी मजबूत हुआ है।
बजट सत्र का पहला दौर 29 जनवरी से 9 फरवरी के दौरान चलेगा जबकि दूसरा दौर 5 मार्च से 6 अप्रैल तक है, Economic Survey और Budget पहले दौर में ही पेश होंगे
सेंसेक्स तथा निफ्टी दोनों एक प्रतिशत से अधिक लुढ़ककर एक माह के न्यूनतम स्तर पर बंद हुए। इससे निवेशकों को 95,000 करोड़ रुपए से अधिक की चपत लगी।
गुरुवार को सरकार ने संसद में छमाही आर्थिक समीक्षा पेश की। वित्त वर्ष 2019 के लिए 23.4 लाख करोड़ रुपए के खर्च का अनुमान किया गया है।
गोवा और नई दिल्ली समेत चार शहरों को ट्रिप एडवाइजर की ट्रैवलर्स चॉइस अवार्ड्स के टॉप 25 एशियाई शहरों की लिस्ट में शामिल किया गया है।
पेरिस के शोध संस्थान आर्थिक सहयोग एवं विकास संगठन (ओईसीडी) ने 2016-17 के लिए भारत की ग्रोथ दर के अनुमान को घटाकर सात प्रतिशत कर दिया है।
मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमण्यन ने कहा कि यूनीवर्सल बेसिक इनकम योजना को मौजूदा कल्याणकारी योजनाओं को वापस लेने के बाद ही लाया जा सकता है।
आर्थिक समीक्षा में कहा गया है कि देश में प्रति 100 मतदाताओं में सात करदाता हैं और इसके कारण देश लोकतांत्रिक जी-20 देशों में 18 में से 13वें स्थान पर है।
आर्थिक समीक्षा में गरीबी को कम करने के लिए यूनिवर्सल बेसिक इनकम (UBI) को विभिन्न सामाजिक कल्याणकारी योजनाओं के विकल्प के रूप में रेखांकित किया गया है।
जीएसटी को एक साहसिक नया प्रयोग बताते हुए आर्थिक समीक्षा में भूमि एवं अन्य अचल संपत्ति को इस अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था के अंतर्गत लाने पर जोर दिया गया है।
नोटबंदी के बाद पैदा हुए नकदी संकट से प्रॉपर्टी की कीमतों में गिरावट आई है। आर्थिक समीक्षा में कहा गया है कि बेहिसाबी धन का निवेश अब अधिक कठिन हो गया है।
आर्थिक समीक्षा के अनुसार मौजूदा वित्त वर्ष में खुदरा महंगाई दर रिजव बैंक के पांच प्रतिशत के लक्ष्य से नीचे रहने की संभावना है।
इस समय कर राजस्व की समस्या यूएलबी के अपर्याप्त कर लगाने के अधिकारों के कारण नहीं है। इनमें एक संभावनाओं वाला स्रोत प्रॉपर्टी टैक्स है।
नोटबंदी के बाद से शुरू हुई नकदी (कैश) की समस्या अप्रैल 2017 तक पूरी तरह खत्म हो जाएगी। आर्थिक सर्वेक्षण 2016-2017 में यह बात कहीं गई है।
आर्थिक समीक्षा में सांख्यिकी कार्यालय द्वारा जारी अग्रिम अनुमानों के मुताबिक, वित्त वर्ष 2016-17 के दौरान जीडीपी वृद्धि दर 7.1 प्रतिशत रहने का अनुमान।
लेटेस्ट न्यूज़