टीमलीज सर्विसेज के वरिष्ठ उपाध्यक्ष और कारोबार प्रमुख बालासुब्रमण्यम ए ने बयान में कहा कि इस त्योहारी सत्र में ई-कॉमर्स बिक्री को और रोजगार सृजन को बड़े पैमाने पर बढ़ावा देगा।
साल 2023 में ई-खुदरा बाजार करीब 4.75 लाख करोड़ रुपये से 5 लाख करोड़ रुपये का हो जाने की उम्मीद है। किफायती डेटा, बेहतर लॉजिस्टिक, फिनटेक बुनियादी ढांचा और मजबूत डिजिटल उपभोक्ता इको सिस्टम की इसमें बड़ी भूमिका है।
E-Commerce Industry Growth: आने वाले वर्षों में कुछ खास इंडस्ट्री में रिकॉर्ड ग्रोथ देखने को मिल सकती है, जिस तरह से भारत में इंटरनेट की स्पीड को लेकर क्रांति आई है, वह जल्द ही विकास के नए आयाम स्थापित करेगा।
स्वास्थ्य और औषधि तथा रोजमर्रा के त्वरित उपभोग के सामान (एफएमसीजी) और कृषि क्षेत्र में तेजी आई है और तीव्र वृद्धि दर्ज की गई है।
ऑनलाइन खरीदारी करने वालें में मझोले और छोटे शहरों का योगदान कुल खरीदारों में करीब आधा होगा और ई-रिटेल मंच पर प्राप्त प्रत्येक पांच ऑर्डर में तीन ऑर्डर वहीं से होंगे।
कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (सीएआईटी) ने सरकार को पत्र लिखकर ई-कॉमर्स कंपनियों द्वारा त्योहार के सीजन में भारी छूट देने पर रोक लगाने की मांग की है। ट्रेडर्स की यह प्रतिक्रिया फ्लिपकार्ट द्वारा 'दि बिग बिलियन डेज' सेल की तारीखों की घोषणा करने के कुछ दिनों बाद ही आई है।
भारत के यूजर्स जल्द ही एप्पल के खुद के वेबसाइट से एप्पल के डिवाइसों की खरीद सकेंगे, जिस पर उन्हें कंपनी द्वारा दिए गए कई ऑफर्स और छूट प्राप्त होंगे। हालांकि, एप्पल ने कहा कि देश में उनके पहले ब्रांडेड स्टोर की घोषणा करने में थोड़ा समय लगेगा।
सरकार की योजना 'अलीबाबा' और 'अमेजन' की तर्ज पर 'भारतक्राफ्ट' पोर्टल पेश करने की है। यह एक ई-कॉमर्स मार्केटिंग मंच है। इस मंच से दो-तीन साल में करीब 10 लाख करोड़ रुपये का राजस्व आने की उम्मीद है।
भारत 2034 तक अमेरिका को पीछे छोड़ते हुए दुनिया का सबसे बड़ा ई-कॉमर्स बाजार बन जाएगा। यह कहना है विश्व की सबसे बड़ी पैकेज डिलिवरी एवं सप्लाई चेन मैनेजमेंट कम्पनी युनाइटेड पार्सल सर्विस (यूपीएस) के प्रबंध निदेशक (भारतीय उपमहाद्वीप) राशिद फागार्टी का।
भारतीय ई-कॉमर्स बाजार साल 2022 तक 100 अरब डॉलर से अधिक का हो जाएगा, जिसमें वर्तमान स्तर से 25 प्रतिशत की वृद्धि होगी।
ई-कॉमर्स कंपनी अमेजन और फ्लिपकार्ट के संभावित विलय को प्रतिस्पर्धा के मुद्दों पर कड़ी जांच का सामना करना पड़ सकता है। दोनों कंपनियों के विलय से बनने वाली इकाई का तेजी से बढ़ रहे घरेलू ई-कॉमर्स बाजार में एकाधिकार हो जाएगा।
Snapdeal इस समय भारी दबाव में है। प्रतिस्पर्धा में मजबूती से खड़े रहने के लिए स्नैपडील ने अपने 30 प्रतिशत कर्मचारियों को निकालने की योजना बनाई है।
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