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अक्टूबर के दौरान जोड़े गए नए सदस्यों में से लगभग 2.09 लाख नई महिला सदस्य हैं। यह आंकड़ा अक्टूबर, 2023 की तुलना में 2.12 प्रतिशत की सालाना वृद्धि है। इसके अलावा, माह के दौरान शुद्ध रूप से महिला सदस्यों की संख्या में 2.79 लाख की बढ़ोतरी हुई।
High Security Number Plates : दोपहिया और तिपहिया वाहनों के लिए 200 मिमी गुणा 100 मिमी और 285 मिमी गुणा 45 मिमी आकार की प्रत्येक एचएसआरपी प्लेट की लागत 219.9 रुपये होगी। वहीं, चार या अधिक पहिया वाहनों के लिए 500 मिमी गुणा 120 मिमी और 340 मिमी गुणा 200 मिमी आकार की प्लेट की कीमत 342.41 रुपये होगी।
‘ईवाई इकनॉमी वॉच दिसंबर’ 2024 में वित्त वर्ष 2024-25 (अप्रैल 2024 से मार्च 2024 वित्तीय वर्ष) और वित्त वर्ष 2025-26 के लिए भारत की आर्थिक वृद्धि दर 6.5 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया है।
कानून के मुताबिक कोई अगर माता-पिता अपनी खुद की कमाई से अर्जित की गई पूरी प्रॉपर्टी अपनी शादीशुदा बेटी को दे सकते हैं और ऐसी स्थिति में उनका बेटा यानी लड़की का भाई कुछ नहीं कर सकता है। हालांकि, पैतृक संपत्ति के मामले में भाई और बहन अपने पिता की प्रॉपर्टी में बराबर के हिस्सेदार होते हैं।
एसआईपी से मिलने वाला रिटर्न कई अहम बातों पर निर्भर करता है जैसे कि आप हर महीने कितने रुपये का निवेश कर रहे हैं, कितने साल के लिए निवेश कर रहे हैं और आपको हर साल किस दर से रिटर्न मिल रहा है?
जीसीसी से मांग मजबूत बने रहने की उम्मीद है। भारत की लागत प्रभावशीलता, कुशल कार्यबल तथा परिचालन दक्षता इसे बैंकिंग, वित्तीय सेवाएं व बीमा (बीएफएसआई), स्वास्थ्य सेवा, प्रौद्योगिकी और अनुसंधान एवं विकास जैसे उद्योगों में जीसीसी के लिए एक पसंदीदा गंतव्य बनाती है।
वर्ष 2024 में जनवरी, अप्रैल, मई, अक्टूबर और नवंबर महीनों में एफपीआई बिकवाल रहे। 2024 में एफपीआई प्रवाह में भारी गिरावट वैश्विक तथा घरेलू कारकों के कारण हुई।
प्राप्तियों तथा व्यय के उपरोक्त अनुमानों के साथ, राजकोषीय घाटा 2024-25 के बजट अनुमान में करीब 16.13 लाख करोड़ रुपये या सकल घरेलू उत्पाद का 4.9 प्रतिशत आंका गया है।
मैन्यूफेक्चरिंग सेक्टर में एफडीआई इक्विटी फ्लो में 69 प्रतिशत की तेजी दर्ज की गई, जो 2004-2014 में 98 अरब अमेरिकी डॉलर से बढ़कर 2014-2024 में 165 अरब अमेरिकी डॉलर हो गया। एक्सपर्ट्स ने कहा कि तमाम ग्लोबल चैलेंज के बावजूद भारत अभी भी ग्लोबल कंपनियों के लिए पसंदीदा इंवेस्टमेंट डेस्टिनेशन है।
बाजार में जारी इस गिरावट के बीच निवेशकों के म्यूचुअल फंड पोर्टफोलियो पर भी काफी बुरा असर देखने को मिला है। हालांकि, इस बीच ऐसी कई म्यूचुअल फंड स्कीम्स रहीं, जिन्होंने निवेशकों के पोर्टफोलियो को काफी हद तक मेनटेन रखने में अहम भूमिका निभाई।
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