सरकार ने हर ब्लॉक (प्रखंड) में सस्ती दवाओं के लिए कम से कम एक जन-औषधि केंद्र खोलने की योजना तैयार की है।
दवा दुकानदारों की एक शीर्ष संस्थान ने ऑनलाइन दवा बिक्री को नियमित करने के केंद्र के कदम के खिलाफ आज एक दिन की राष्ट्रव्यापी हड़ताल की घोषणा की है।
एक साल पहले यानि 14 फरवरी 2017 को सरकार ने स्टेंट की कीमतों में करीब 85 प्रतिशत की कटौती की घोषणा की थी। अब एक साल बाद सरकार ने फिर से कीमतों में कटौती की है
ल्यूपिन को उसके गोवा तथा इंदौर स्थित पीतमपुर संयंत्रों में अमेरिकी खाद्य एवं औषधि प्रशासन (यूएसएफडीए) के निरीक्षण के बाद वहां से कुछ चेतावनी मिली है।
NPPA ने और 30 दवाओं (फार्मूलेशन) का अधिकतम खुदरा दाम तय किया है। इन दवाओं का इस्तेमाल हेपेटाइटिस, हृदय रोग, संक्रमण, बुखार और दर्द के इलाज के लिए होता है।
दवा मूल्य नियामक एनपीपीए (NPPA ) ने छह आवश्यक दवाओं के दाम में संशोधन किया है। साथ ही, एसिडिटी kr दवा का मूल्य भी तय कर दिया है।
दवा रेगुलेटर CDSCO की जांच में जानी-मानी पेनकिलर Combiflam, ठंड लगने पर ली जाने वाली D Cold Total को घटिया पाया गया है। इनपर पिछले महीने टेस्ट किया गया था।
देश की बड़ी फार्मा कंपनी ल्यूपिन ने दर्द निवारक दवा हाइड्रोकोडोन बाईटारट्रेट और एसेटामिनोफेन अमेरिकी बाजार में पेश किये जाने की घोषणा की। इ
औषधि कंपनी जाइडस कैडिला (Zydus Cadila) को टिजानीडाइन हाइड्रोक्लोराइड कैपसूल को अमेरिका बाजार में बिक्री के लिए यूएसएफडीए से मंजूरी मिल गई है।
राष्ट्रीय दवा मूल्य निर्धारण प्राधिकरण एनपीपीए का कहना है कि पिछले साल मार्च से अब तक एक वर्ष में कैंसर की दवा की कीमत में 86 प्रतिशत तक की कमी आई है।
दूरसंचार कंपनियों की आपसी प्रतिस्पर्धा मोबाइल वॉलेट कंपनी पेटीएम के प्रमुख विजय शेखर शर्मा के साथ सोशल मीडिया वेबसाइट ट्विटर पर सार्वजनिक हुई।
दुनिया में नशीली दवाओं के उत्पादक देशों में 21 देशों में भारत का नाम भी शामिल है। ओबामा ने नशीली दवाओं के उत्पादक देशों की सूची जारी की है।
सरकार ने कैंसर, एचआईवी, मलेरिया व जीवाणु संक्रमण सहित विभिन्न रोगों के इलाज में काम आने वाली 22 जरूरी दवाओं की अधिकतम कीमत तय कर दी है।
प्रतिस्पर्धा आयोग ने दवा कंपनी ल्यूपिन पर दवा आपूर्ति के संदर्भ में अनुचित व्यापार व्यवहार में शामिल होने को लेकर करीब 73 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया है।
भारत में कारोबार आसान बनाने के लिए केंद्र सरकार की ओर से की जा रही ईज ऑफ डूइंग बिजनेस जैसी कोशिशों पर देश की प्रमुख दवा निर्माता कंपनी ने सवाल उठाए हैं।
सरकार उपभोक्ताओं के फायदे हुए एक रूपरेखा बनाने के लिए दवा व कॉस्मेटिक कानून 1940 में संशोधन पर काम कर रही है।
सरकार ने टीबी, कैंसर, हृदय संबंधी बीमारी, अस्थमा तथा तनाव जैसी बीमारियों के इलाज में उपयोग होने वाली 42 अनिवार्य दवाओं के दाम अब 15 फीसदी कम कर दिए है।
कैंसर, मधुमेह, विषाणु संक्रमण तथा उच रक्तचाप के इलाज में इस्तेमाल होने वाली 56 महत्वपूर्ण दवाओं की कीमतों में कमी आने की संभावना है।
फार्मा सेक्टर से जुड़ी देश की बड़ी कंपनी सन फार्मा ने अपने विनिर्माण केन्द्रों में से दो को फ्रांटिडा बायोफार्म को बेच दिया।
उर्वरक मंत्री अनंत कुमार ने कहा कि सरकार ने बीते दो साल में 500 दवाओं, चिकित्सकीय उपकरणों व दूसरे चिकित्सीय उपभोज्यों के दाम कम किए हैं।
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