केंद्रीय मंत्री ने कहा कि वर्ष 2023-24 (अप्रैल से मार्च) के दौरान 2,988 दवा सैम्पलों को स्टैंडर्ड क्वालिटी का नहीं घोषित किया गया, जबकि 282 दवा नमूने नकली या मिलावटी पाए गए। निष्कर्षों के आधार पर, नकली/मिलावटी दवाओं के निर्माण, बिक्री और डिस्ट्रीब्यूशन के लिए 604 अभियोग चलाए गए।
नकली दवाओं के निर्माण, बिक्री और डिस्ट्रीब्यूशन के लिए 604 मामलों में अभियोजन शुरू किया गया है। केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) के आंकड़ों के मुताबिक, देश में लगभग 10,500 यूनिट्स हैं जो विभिन्न प्रकार के खुराक रूपों और एपीआई का निर्माण कर रही हैं।
वित्त मंत्रालय के राजस्व विभाग ने इस वर्ष 23 जुलाई को एक नोटिफिकेशन जारी कर तीनों दवाओं पर सीमा शुल्क घटाकर शून्य कर दिया। मंत्रालय ने कहा कि इसके मुताबिक, बाजार में इन दवाओं की एमआरपी में कमी होनी चाहिए और टैक्स और शुल्कों में कमी का लाभ उपभोक्ताओं को दिया जाना चाहिए।
पैरासिटामोल टैबलेट (500 mg), मधुमेह विरोधी दवा ग्लिमेपिराइड, उच्च रक्तचाप की दवा टेल्मा एच (टेल्मिसर्टन 40 mg), एसिड रिफ्लक्स की दवा पैन डी और कैल्शियम सप्लीमेंट शेल्कल सी और डी3 दवा क्वालिटी टेस्ट में रहीं विफल।
कंपनी ने कहा है कि दवा ने डायग्नोस्टिक परीक्षणों में रोगियों के बीच हृदय और गुर्दे की सुरक्षा परिणामों पर पॉजिटिव असर डाला है, जिससे यह टाइप 2 मधुमेह मेलिटस वाले रोगियों के लिए इलाज का एक प्रभावी ऑप्शन बन गया है।
नए नियम के तहत दवा निर्माता कंपनियों को दवाओं पर H2/QR कोड लगाना ज़रूरी होगा। दवा का प्रॉपर और जेनरिक नाम, ब्रांड और निर्माता का नाम और पता, बैच नंबर, दवा की मैन्यूफैक्चरिंग व एक्सपायरी डेट की जानकारी भी देनी होगी।
भारत में दवाओं की महंगाई के चलते बहुत से रोगी सही इलाज प्राप्त नहीं कर पाते हैं, इसी के चलते देश में जनऔषधि केंद्र खोले गए हैं, जहां 90 प्रतिशत सस्ती दवाएं मिलती हैं।
भारत की ’दुनिया की फार्मेसी’ की दशकों पुरानी छवि खराब होने की चिंता बढ़ गई है। अफ्रीका और मध्य एशिया के देशों के आरोपों के बाद सरकार ने ये बड़ा कदम उठाया
दवा निर्माता कंपनी सिप्ला ने सरकार से कहा कि भारत में कोविड-19 बूस्टर टीका लाने के लिए वह मॉडर्ना को एक अरब डॉलर अग्रिम राशि भुगतान का वादा करने के करीब है।
मॉडेर्ना का कोविड- 19 एक खुराक वाला टीका अगले साल भारत में उपलब्ध हो सकता है। इसके लिये वह सिप्ला तथा अन्य भारतीय दवा कंपनियों से बातचीत कर रही है।
कोरोना वायरस की दवाई अब आप मात्र 85 रुपए में खरीद सकते है। महामारी के इस दौर में जहां इस वायरस से लड़ने के लिए वैक्सीन की कमी है ऐसे समय में यह खबर लोगों के लिए राहत देने वाली है।
यह संक्रमण म्यूकोर मोल्ड के संपर्क में आने से आता है और यह साइनस, मस्तिष्क और फेफड़े को प्रभावित करता है तथा इससे जान भी जा सकती है।
सरकार ने 80 से ज्यादा दवाओं के दाम घटा दिए है। इन दवाओं में डायबिटीज, इंफेक्शन और थायरायड जैसी बिमारियों के इस्तेमाल में आने वाली दवाइंयों के नाम शामिल है।
दीपिका पादुकोण और श्रद्धा कपूर को 2017 के एक व्हाट्सअप चैट के आधार पर ही NCB ने पूछताछ के लिए बुलाया गया है। जानकारों की माने तो व्हाट्सएप चैट को इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड के रूप में कानूनी तौर पर इस्तेमाल किया जा सकता है।
भारत में ‘डीसरेम’ ब्रांड नाम के तहत ये दवा जुलाई से बाजार में उपलब्ध हो जाएगी
कंपनी 20,000 के सेट में 10,000 शीशियों की आपूर्ति हैदराबाद, दिल्ली, गुजरात, तमिलनाडु, मुंबई तथा महाराष्ट्र के अन्य हिस्सों में करेगी।
रेमडेसिवीर के जेनेरिक संस्करण की भारत में ब्रिकी ‘कोविफोर’ ब्रांड नाम से की जाएगी
कंपनी ने अपने एक बयान में कहा कि फैबीफ्लू कोविड-19 के उपचार के लिए ओरल फैवीपिराविर-अप्रूव्ड दवा है।
परीक्षण 6 से 8 अस्पतालों में संक्रमण से गंभीर मरीजों पर किया जाएगा
भारतीय दवा कंपनियों की निगाह चीन में कोरोना वायरस की वजह से सक्रिय औषधि अवयवों की आपूर्ति पर पड़ने वाले असर पर है।
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