डाक विभाग ने अरुणाचल प्रदेश के चौखाम डाकघर और वाकरो शाखा डाकघर के बीच ड्रोन के माध्यम से मेल ट्रांसमिशन के लिए 21 अक्टूबर, 2024 को प्रूफ ऑफ कॉन्सेप्ट शुरू किया। चौखाम डाकघर से एक ड्रोन सुबह 10.40 बजे हवाई मार्ग से उड़ा और बीओ के लिए मेल लेकर 11.02 बजे वाकरो शाखा डाकघर पर उतरा।
ड्रोन और उसके सामान की कुल लागत लगभग 10 लाख रुपये है। लागत का करीब 80 प्रतिशत या आठ लाख रुपये तक केंद्र द्वारा प्रदान किया जाएगा। मंत्री ने कहा कि ड्रोन पायलट को 15,000 रुपये और सह-पायलट को करीब 10,000 रुपये का मानदेय मिलेगा।
यीडा रीजन में फिनटेक हब बनाने के लिए एक वृहद डीटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट भी कंपाइल की जाएगी जिसको पूर्ण करने के लिए कंसल्टेंट्स को आबद्ध किए जाने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है।
Skyair signs MOU: स्काईएयर और हिमाचल प्रदेश सरकार के बीच यह समझौता राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ड्रोन इंडस्ट्री में तकनीकी प्रगति और रेगुलेटरी डेवलपमेंट्स के व्यापक इंफ्रास्ट्रक्चर को नई दिशा देगा।
इनदिनों फोटोग्राफी वर्ल्ड में ड्रोन की चर्चा खूब होती है। दरअसल ड्रोन की सहायता से फोटोग्राफी करने में सहायता मिलता है और इसे आसानी से खरीदा भी जा सकता है। लेकिन ड्रोन खरीदने से पहले इससे जुड़ी बातों को समझना बेहद जरूरी है और आज इसी से जुड़ी जानकारी आपके साथ शेयर करेंगे।
खेतीबाड़ी के उपयोग के लिए ये ड्रोन प्रदेश के कृषि स्नातकों को 50 प्रतिशत अनुदान पर, कृषि उत्पादन संगठनों (एफपीओ) एवं ऑपरेटिव सोसाइटीज को 40 फीसद अनुदान पर मिलेंगे।
भारत ड्रोन टेक्नोलॉजी (Drone Technology) में अग्रणी बनता जा रहा है। बेंगलुरु (Bangalore) की एक कंपनी ड्रोन की मदद से इलाज उपलब्ध कराने की तैयारी कर रही है।
उत्पादन-आधारित प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना देश में ड्रोन विनिर्माण एवं सेवाओं को और आगे बढ़ाने में मदद करेगी। इस क्षेत्र के लिए पीएलआई योजना सितंबर, 2021 में लाई गई थी।
स्काई एयर मोबिलिटी के सीईओ अंकित कुमार ने कंपनी की इस बड़ी उपलब्धि पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि 'ड्रोन रूल्स 2021 ने भारत में ड्रोन डिलीवरी सेक्टर को नए पंख प्रदान किए हैं। नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने भारत को साल 2030 तक इस सेक्टर में वैश्विक ड्रोन हब बनाने के मिशन के साथ सबसे आगे रहने में सफलता हासिल की है।
स्काई एयर शुरुआत में एक चुनिंदा गलियारे में ड्रोन आपूर्ति परीक्षण करेगी और उसके बाद देश के कई शहरों एवं सुदूर स्थानों में भी वाणिज्यिक सेवाएं शुरू करेगी।
स्काई एयर अपने प्रमुख 'स्काई एयर वन' का प्रदर्शन करेगी, जो पांच किलोग्राम भार वहन करने की क्षमता वाला एक मल्टीकॉप्टर है
उन्होंने नयी ड्रोन नीति 2021 और ड्रोन तथा ड्रोन के कलपुर्जों के लिए पीएलआई योजना पर पत्रकारों को डिजिटल तरीके से जानकारी देते हुए कहा कि ड्रोन क्षेत्र में प्रस्तावित निवेश का अनुमान 10,000 करोड़ रुपये से अधिक था।
सरकार की कोशिश है कि भारत में ड्रोन बनाने वाली कंपनियां का कारोबार आने वाले तीन वर्षों में 900 करोड़ रुपये तक पहुंच जाए।
सिंधिया ने कहा कि रक्षा और गृह मंत्रालय और नागरिक उड्डयन प्रौद्योगिकी ब्यूरो ड्रोन रोधी तकनीक पर काम कर रहे हैं। सिंधिया ने कहा कि वैश्विक स्तर पर एयर टैक्सियों पर रिसर्च और अविष्कार किया जा रहा है और कई स्टार्टअप भी आ रहे हैं।
केंद्र ने यूएएस नियमों को उदारीकृत ड्रोन नियम, 2021 से बदल दिया है, जिसमें नियमों को पहले के मुकाबले काफी सरल बना दिया गया है।
इसमें ड्रोन से जुड़े कैमरा और उपकरण के साथ- साथ थर्ड पार्टी लायबिलिटीज को भी शामिल किया गया है।
परियोजना के निर्माण की शुरुआत और परियोजना के पूरा होने तक मासिक ड्रोन सर्वेक्षण के साथ एनएचएआई उन सभी विकसित परियोजनाओं के मासिक ड्रोन सर्वेक्षण भी करेगा जहां संचालन और रखरखाव की जिम्मेदारी एनएचएआई की है।
इस योजना के लिए ड्रोन सर्वे का एक पायलट प्रोजेक्ट 40 हजार गांवों पर सफलतापूर्वक पूरा किया जा चुका है। जिसमें सैकड़ों लोगों को प्रॉपर्टी कार्ड दिए गए हैं।
योजना के तहत गांवों की ड्रोन की मदद से मैपिंग की जाएगी। जिससे ग्रामीण इलाकों में रिहायशी घरों के मालिकों को उनके घर के मालिकाना हक का दस्तावेज दिया जाएगा. जिससे जमीन विवाद खत्म होंगे और लोग अपने घरों के बदले कर्ज आदि उठा सकेंगे।
एक बार सर्वेक्षण पूरा हो जाने के बाद हर मालिक को प्रॉपर्टी कार्ड दिया जाएगा, जो कि उन्हें अपनी आवासीय संपत्ति का उपयोग वित्तीय संपत्ति के रूप में करने की अनुमति देगा। यानि कि वे उस संपत्ति के आधार पर बैंकों से ऋण ले सकेंगे।
लेटेस्ट न्यूज़