कारोबारी सप्ताह के पहले दिन ग्लोबल बाजारों में सुस्ती के बीच सेंसेक्स और निफ्टी में भी दायरे में कारोबार होता दिख रहा है।
घरेलू शेयर बाजारों की शुरुआत बुधवार को फीकी रही। सेंसेक्स में 150 अंक से ज्यादा की गिरावट देखी गयी।
वैश्विक और एशियाई बाजार के सकारात्मक संकेतों के बीच सोमवार को बीएसई सेंसेक्स और एनएसई निफ्टी में बढ़त देखी गयी।
कारोबारी सप्ताह के आखिरी दिन शुक्रवार को मई महीने की थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) आधारित महंगाई दर के आंकड़े जारी हो सकते हैं। अप्रैल में डब्ल्यूपीआई आधारित महंगाई दर 3.1 फीसदी दर्ज की गई थी।
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन ने वैश्विक व्यापार में डॉलर की भूमिका पर फिर से विचार करने का आह्वान किया है।
सप्ताह के पहले कारोबारी दिन यानी आज सोमवार को बाजार ने सुस्त शुरुआत की है।एशियाई बाजारों में कमजोर कारोबार देखने को मिल रहा है।
भारत के लिए अच्छी खबर है। अब अमेरिका रुपए पर करीबी नजर नहीं रखेगा। अमेरिका ने भारत को मुद्रा की निगरानी समिति से बाहर कर दिया है।
चुनाव के परिणाम आने के बाद शुक्रवार को रुपए में रिकवरी आई।डॉलर के मुकाबले रुपया पिछले सत्र से 26 पैसे की रिकवरी के साथ 69.75 रुपए प्रति डॉलर पर खुला।
पाकिस्तान के आर्थिक हालात ठीक नहीं हैं ये तो जगजाहिर है लेकिन मौजूदा दौर में पाकिस्तानी मुद्रा रिकॉर्ड अब तक के सबसे निचले स्तर पर पहुंच चुका है। पाकिस्तान के रुपए की कीमत काफी गिर गई है।
रविवार को आए एक्जिट पोल अनुमानों का असर इंटरनेशनल ट्रेड पर भी पड़ता दिख रहा है। मतदान समाप्त होने के बाद जारी एक्जिट पोल के अनुमान सामने आने के बाद सोमवार को विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में शुरुआती कारोबार में डालर के मुकाबले रुपया 79 पैसे की जोरदार तेजी के साथ 69.44 रुपये पर पहुंच गया।
बाजार सूत्रों ने कहा कि निर्यातकों की डॉलर बिकवाली तथा विदेशी निधियों के सतत निवेश के कारण भी रुपए की तेजी को मदद मिली है।
कारोबारियों ने कहा कि विदेशी बाजारों में अन्य प्रमुख मुद्राओं की तुलना में डॉलर के नरम पड़ने से भी रुपए को तेजी मिली।
अमेरिका के ताजा आर्थिक आंकड़े उत्साहजनक रहने से अन्य एशियायी मुद्राओं के आगे भी डॉलर में मजबूती का रुझान रहा।
फॉरेक्स डीलर्स ने कहा कि निर्यातकों द्वारा अमेरिकी मुद्रा की बिकवाली करने से रुपए को समर्थन मिला। इसके अलावा, अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष द्वारा भारतीय अर्थव्यवस्था में तेजी का अनुमान जताए जाने से भी घरेलू मुद्रा को मजबूती मिली है।
मंगलवार को विदेशी निवेशकों ने भारतीय पूंजी बाजार में शुद्ध खरीदार रहे और उन्होंने 1212.35 करोड़ रुपए के शेयरों की खरीदारी की।
अंतरबैंक मुद्रा विनिमय बाजार में गुरुवार को घरेलू मुद्रा कमजोरी के साथ 68.56 प्रति डॉलर पर खुली और इसने दिन के सबसे निम्नतम स्तर 69.21 को छुआ।
बाजार सूत्रों ने कहा कि विदेशी निधियों की धननिकासी, कच्चेतेल के बढ़ते मूल्य और घरेलू शेयरों में बिकवाली बढ़ने से रुपए का लाभ सीमित हो गया।
मंगलवार को हुए रुपया-डॉलर अदला-बदली नीलामी प्रक्रिया में रिजर्व बैंक द्वारा अधिसूचित पांच अरब डॉलर की राशि के मुकाबले 16.31 अरब डॉलर के लिए बोलियां मिलीं।
बाजार सूत्रों ने कहा कि बाजार में ब्रोकरों और विदेशी निधियों ने डेट एंड इक्विटी बाजार में निवेश किया, जिससे रुपए में सुधार आने में मदद मिली।
बाजार सूत्रों ने कहा कि फेडरल ओपन मार्केट कमेटी (एफओएमसी) की बैठक के नतीजे आने से पहले बाजार में सतर्कता के रुख तथा कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों के कारण स्थानीय मुद्रा पर दबाव बढ़ गया।
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