कॉरपोरेट मामलों का मंत्रालय कंपनियों के निदेशक मंडल के सदस्यों के पासपोर्ट की जानकारी प्राप्त करने के प्रस्ताव पर विचार कर रहा है। एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार यह कदम आर्थिक धोखेबाजों को देश छोड़कर भागने से रोकने के प्रयासों का हिस्सा है।
मुखौटा कंपनियों के खिलाफ सरकार द्वारा चलाए जा रहे अभियान से करीब 4.5 लाख निदेशकों पर गाज गिर सकती है।
सरकार ने मुखौटा कंपनियों पर कार्रवाई को आगे बढ़ाते हुए इनसे जुड़े 55 हजार से अधिक डायरेक्टर्स के नाम सार्वजनिक कर दिए हैं।
कालाधन से निपटने के प्रयासों पर आगे बढ़ते हुए सरकार शेल (मुखौटा) कंपनियों से जुड़े एक लाख से अधिक निदेशकों को अयोग्य घोषित करेगी।
यदि मुखौटा कंपनियों के निदेशक या अधिकृत हस्ताक्षरकर्ताओं द्वारा बैंक खातों से धन की हेराफेरी की कोशिश की जाती है, तो उन्हें 10 साल तक की जेल हो सकती है।
लंबे समय से कोई कामकाज नहीं कर रही कंपनियों (मुखौटा) के निदेशकों पर किसी पंजीकृत कंपनी का निदेशक बनने पर पांच साल के लिए रोक लगाने की तैयारी की जा रही है।
सेबी लिस्टेड कंपनियों के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स में कामकाज के तरीके में बड़ा बदलाव लाने के पक्ष में है। इसमें डायरेक्टर्स की नियुक्ति और हटाना भी शामिल है।
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