वित्तीय वर्ष 2023-24 के दौरान व्यक्तिगत आयकर संग्रह लगभग चार गुना होकर 10.45 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया है। मोदी सरकार के पहले साल 2014-15 में प्रत्यक्ष कर संग्रह करीब 6.96 लाख करोड़ रुपये रहा था।
सरकार द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार, 11.25 लाख करोड़ रुपये के इस कलेक्शन में 5.98 लाख करोड़ रुपये का पर्सनल इनकम टैक्स कलेक्शन शामिल है।
प्रतिभूति लेनदेन कर से 21,599 करोड़ रुपये इकट्ठा हुए, जबकि दूसरे टैक्स (जिसमें समानीकरण शुल्क और गिफ्ट टैक्स शामिल हैं) से सरकार को 1,617 करोड़ रुपये की कमाई हुई।
पिछले वर्ष इसी अवधि में शुद्ध प्रत्यक्ष कर संग्रह 4,80,458 करोड़ रुपये था। पूरे वित्त वर्ष के लिए अंतरिम बजट में प्रत्यक्ष कर संग्रह 21.99 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान लगाया गया है।
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने एक बयान में कहा कि 4,62,664 करोड़ रुपये (17 जून, 2024 तक) के शुद्ध प्रत्यक्ष कर संग्रह में 1,80,949 करोड़ रुपये का सीआईटी और 2,81,013 करोड़ रुपये का पीआईटी (प्रतिभूति लेनदेन कर सहित) शामिल हैं।
यह पिछले साल इसी अवधि में टैक्स कलेक्शन के मुकाबले 21.82 प्रतिशत अधिक है। डायरेक्ट टैक्स में पर्सनल इनकम टैक्स और कंपनी टैक्स शामिल है।
चालू वित्त वर्ष में 9 अक्टूबर तक भारत का सालाना आधार पर डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन 21.82 प्रतिशत बढ़कर 9.57 लाख करोड़ रुपये हो गया। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने इसके आंकड़े जारी किए हैं।
आयकर विभाग ने सोमवार को एक बयान में कहा कि वित्त वर्ष 2023-24 में अब तक प्रत्यक्ष कर संग्रह कुल बजट अनुमान के 26.05 प्रतिशत पर पहुंच गया है।
बजट में अनुमान लगाया गया था कि चालू वित्त वर्ष में प्रत्यक्ष कर संग्रह 14.20 लाख करोड़ रुपये रहेगा।
आयकर विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार देश में डाइरेक्ट टैक्स कलेक्शन 5.29 लाख करोड़ रुपये दर्ज किया गया है। यह आंकड़ा रिफंड घटाने के बाद तय किया गया है।
सकल कंपनी कर संग्रह 3.58 लाख करोड़ रुपये तथा व्यक्तिगत आयकर संग्रह 2.86 लाख करोड़ रुपये से अधिक रहा। चालू वित्त वर्ष में अब तक 75,111 करोड़ रुपये करदाताओं को रिफंड किया गया।
वित्त वर्ष 2021-22 में 15 जून तक के आंकड़ों के मुताबिक नेट डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन 1,85,871 करोड़ रुपये रहा है जो कि पिछले साल की इसी अवधि के दौरान 96762 करोड़ रुपये था।
सरकार ने पिछले महीने विवाद से विश्वास योजना के तहत भुगतान की समय-सीमा को तीसरी बार बढ़ाकर 31 मार्च, 2021 कर दिया है।
15 जून तक सकल प्रत्यक्ष कर वसूली 31 प्रतिशत घटकर 1,37,825 करोड़ रुपये रही
अगर पुरानी दरें ही कायम रहती तो टैक्स कलेक्शन 8% बढ़कर 14 लाख करोड़ रुपये के पार होता
चालू वित्त वर्ष के लिए संशोधित अनुमान 18.50 लाख करोड़ रुपए की राजस्व प्राप्तियों के आधार पर लगाया गया है, जो बजट में अनुमानित 19.62 लाख करोड़ रुपए से कम है।
सीबीडीटी प्रमुख ने कहा कि यह लक्ष्य हमें काफी उम्मीद देता है कि हम दिए गए लक्ष्य के अनुसार 17.5 प्रतिशत वृद्धि हासिल करने में कामयाब होंगे।
प्रत्यक्ष कर संग्रह के लक्ष्य से कम रहने और इसके साथ ही माल एवं सेवाकर (जीएसटी) वसूली भी कम होने का राजकोषीय घाटे की लक्ष्य प्राप्ति पर असर पड़ सकता है।
बजट में कर संग्रह का लक्ष्य12,00,000 करोड़ रुपए रखा गया था लेकिन 23 मार्च तक 10,21,251 करोड़ रुपए ही एकत्र किए गए हैं। यह बजट लक्ष्य का 85.1 प्रतिशत है।
वित्त मंत्रालय ने सोमवार को कहा कि चालू वित्त वर्ष के दौरान अप्रैल से नवंबर तक ग्रॉस डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन में 15.7 प्रतिशत की वृद्धि हुई है
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