सरकार ने डिजिटल साक्षरता में सुधार के उद्देश्य से डिजिटल इंडिया को शुरू किया था। भारत को डिजिटल रूप से सशक्त समाज और ज्ञान अर्थव्यवस्था में बदलना है।
Digital Currency: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने केंद्रीय बजट में घोषणा की थी कि 2022-23 के दौरान सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (सीबीडीसी) को लॉन्च किया जाएगा।
UPI Transaction आज के समय में शहरी क्षेत्रों में लगभग लोग कर रहे हैं। ग्रामीण इलाकों में भी इसकी संख्या में बढ़ोतरी होनी शुरु हो गई है। भारत सबसे अधिक डिजिटल पेमेंट (Digital Payment) करने वाले देश की लिस्ट में शामिल हो गया है।
Digital Currency: संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि कोविड-19 महामारी के दौरान दुनियाभर में क्रिप्टोकरेंसी का इस्तेमाल अभूतपूर्व दर से बढ़ा है। इस रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि भारत में सात फीसदी से अधिक आबादी के पास डिजिटल करेंसी है।
डिजिटल मार्केटिंग ऑफलाइन मार्केटिंग से ज्यादा सफल है। ऑफलाइन के मुकाबले ऑनलाइन मार्केटिंग कम खर्च में संभव है।
सर्वे में शामिल कर्मियों में से करीब 95 प्रतिशत ने कहा कि उन्हें और डिजिटल कौशल की आवश्यकता है
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि केंद्रीय बैंक द्वारा संचालित डिजिटल मुद्रा के स्पष्ट लाभ हैं और ‘डिजिटल रुपया’ लाने का फैसला भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की सलाह से सोच-समझकर लिया गया है।
डिजिटल मुद्रा में भारतीय करेंसी की तरह विशिष्ट अंक होंगे। यह ‘फ्लैट’ मुद्रा से भिन्न नहीं होगी। यह उसका डिजिटल रूप होगा। एक प्रकार से कह सकते हैं।
डिजिटल रुपया में आप छूने का अहसास नहीं कर पाएंगे जो अभी प्रचलन में मुद्रा के साथ कर पाते हैं। आप डिजिटल रुपया को घर या पर्स में नहीं रख पाएंगे।
आप अब डिजिटल रूप से सोना खरीद सकते हैं। इसके अलावा आप गोल्ड ईटीएफ में निवेश कर सकते हैं। आइए जानते हैं ऐसे ही कुछ विकल्पों के बारे में।
रिजर्व बैंक क्रिप्टोकरेंसी के खिलाफ कई बार राय व्यक्त कर चुका है। वह इसे देश की वित्तीय स्थिरता के लिए गंभीर मानता है।
थोक डिजिटल मुद्रा के मामले में काफी काम हुआ है, जबकि खुदरा मामला थोड़ा जटिल है और इसमें कुछ समय लगेगा।
RBI to organize its first global hackathon with the theme 'smarter digital payments'
डिजिटल इंडिया मिशन के बाद सरकारी दफ्तरों की तस्वीरें बदलने लगी हैं। हालांकि अभी भी 10 लाख फाइलों को डिजिटल स्वरूप में बदला जाना बाकी है।
आरबीआई द्वारा सीबीडीसी की पेशकश के लिए एक मजबूत प्रेरक कारक है। सीबीडीसी के साथ नकदी का वजूद भी बना रहेगा।
विनिर्माण, इंजीनियरिंग तथा डिजिटलीकरण में अप्रयुक्त अवसर अगले 5 साल में 1,000 अरब डॉलर की डिजिटल अर्थव्यवस्था की हमारी संकल्पना को साकार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।
भारत का मौजूदा फिनटेक बाजार 31 अरब डॉलर का है जो कि साल 2025 तक 84 अरब डॉलर तक पहुंच सकता है। पिछले महीने यूपीआई के जरिये रिकॉर्ड 3.6 अरब लेन देन किये गये
फ्यूचर कंज्यूमर लिमिटेड (एफसीएल) को उम्मीद है कि कोविड-19 महामारी के कारण उपभोक्ताओं के ऑनलाइन शॉपिंग की ओर रुख करने का चलन लंबे समय तक कायम रहेगा।
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्रा (CBDC) के लिए चरणबद्ध कार्यान्वयन रणनीति पर काम कर रहा है और इस साल के अंत तक इसे लॉन्च किया जा सकता है।
भारत में पिछले 250 दिनों में डिजिटल लेनदेन में 80 प्रतिशत की वृद्धि हुई है और घरेलू सेवा उद्योग (जैसे बढ़ईगीरी, प्लंबिंग और बहुत कुछ) ने डिजिटल भुगतान को अपनाना शुरू कर दिया है, जिससे लेनदेन में 138 की वृद्धि हुई है।
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