अमेरिका ने बुधवार को भारत समेत उन पांच देशों पर अतिरिक्त शुल्क लगाने की घोषणा कि जो अमेरिकी ई-कॉमर्स कंपनियों पर डिजिटल सेवा कर लगा रहे हैं या लगाने पर विचार कर रहे हैं।
डिजिटल टैक्स को अप्रैल, 2020 में पेश किया गया था। यह केवल उन गैर-भारतीय कंपनियों के लिए है, जिनका वार्षिक राजस्व 2 करोड़ रुपये से अधिक है और जो भारतीयों को वस्तुओं एवं सेवाओं की ऑनलाइन बिक्री करती हैं।
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शुक्रवार को कहा कि वह फ्रांस के डिजिटल टैक्स के बदले में उसके फ्रेंच वाइन पर शुल्क लगाएंगे।
ओसाका में होने वाली प्रमुख जी20 बैठक से पहले जी20 देशों के वित्त मंत्रियों द्वारा एक बेसिक पॉलिसी पर हस्ताक्षर 8-9 जून को फुकोका शहर में होने वाली बैठक के दौरान किए जा सकते हैं।
इस कानून को गाफा (गूगल, अमेजन, फेसबुक और एप्पल) नाम दिया गया है। यह ऐसे समय आया है, जब दुनिया की सबसे अमीर कंपनियों में से कुछ कंपनियों को कम कर का भुगतान करने की वजह से नाराजगी का सामना करना पड़ रहा है।
पूरी दुनिया में भारत पहला ऐसा देश बन सकता है, जो ऐसी डिजिटल कंपनियों पर टैक्स लगाएगा, जिनका किसी देश में बड़ा यूजर बेस या बिजनेस है लेकिन उनकी वहां कोई भौतिक उपस्थिति नहीं है।
Google और Facebook जैसी कंपनियों को अब विज्ञापन से होने वाली आय पर टैक्स देना होगा। सरकार ने इक्वेलाइजेशन टैक्स संबंधी नियम जारी किए हैं।
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