इस साल की शुरुआत में पेटीएम की सहयोगी कंपनी पेटीएम पेमेंट्स बैंक लिमिटेड (पीपीबीएल) पर भारतीय रिजर्व बैंक के प्रतिबंध लगाए जाने से पेटीएम को तगड़ा झटका लगा था।
फेस्टिवल सीजन के दौरान, खरीदारी बढ़ने के बीच ग्राहक यह भूल जाते हैं कि उन्होंने क्या ऑर्डर किया है, जिससे वे फिशिंग स्कैम की चपेट में आ सकते हैं। फर्जी डिलीवरी के नोटिफिकेशन से बचने के लिए हमेशा पेमेंट लिंक पर क्लिक करने से पहले उसे दोबारा जांच लें।
साइबर जालसाज आपको शेयर बाजार में 30-50 प्रतिशत तक के रिटर्न का लालच देने की कोशिश कर सकते हैं और आपको एक फर्जी वेबसाइट पर आने के लिए आमंत्रित कर सकते हैं।
सिर्फ 2024 की पहली छमाही में 78 अरब से ज्यादा ट्रांजैक्शन हुए हैं, जो कि साल 2023 की पहली छमाही के मुकाबले वॉल्यूम में 52 प्रतिशत की बढ़ोतरी है।
एलआईसी के ग्राहकों, एजेंटों और कर्मचारियों के लिए बेहतर जुड़ाव और डेटा आधारित पर्सनलाइजेशन एक्सपीरियंस देने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। एलआईसी ने बैंकिंग, वित्तीय और बीमा क्षेत्रों में कंपनी की गहन विशेषज्ञता और अनुभव के आधार पर चुना।
सरकार ने कहा कि उसका लक्ष्य वित्त वर्ष 2024-25 में किसानों के लिए 6 करोड़, वित्त वर्ष 2025-26 में 3 करोड़ और वित्त वर्ष 2026-27 में 2 करोड़ ऐसे डिजिटल आईडी बनाना है।
आईएमपीएस और यूपीआई इंस्टैंट और सेफ फंड ट्रांसफर के ये दो पॉपुलर ऑप्शन उपलब्ध हैं। ये दोनों बैंकिंग सर्विस काम तो एक ही करती हैं लेकिन इनके फीचर्स में विभिन्नता हैं।
यूपीआई ने साल-दर-साल 57 प्रतिशत की लेन-देन मात्रा के साथ अपनी उल्लेखनीय वृद्धि जारी रखी है। पेमेंट ट्रांजैक्शन के मूल्य की बात करें तो यह इसी अवधि में बाजार की वृद्धि 265 लाख करोड़ रुपये से दोगुनी होकर 593 लाख करोड़ रुपये होने की उम्मीद है।
एक रिपोर्ट में कहा गया है कि करीब 41 प्रतिशत कारोबारियों को अपनी बिक्री का 25 प्रतिशत से कम डिजिटल भुगतान के माध्यम से मिलता है जबकि लगभग 15 प्रतिशत कारोबारियों को बिक्री का 50 प्रतिशत से ज्यादा डिजिटल भुगतान के जरिये मिलता है।
यह शोध 120 शहरों में ऑफलाइन और ऑनलाइन तरीके से 6,000 से अधिक उपभोक्ताओं और 1,000 से अधिक व्यापारियों के बीच किए गए ऑनलाइन सर्वेक्षण पर आधारित है।
सर्वे के मुताबिक, गैर-कृषि असंगठित क्षेत्र की इकाइयों की औसत फिक्स्ड एसेट्स की वैल्यू 2022-23 में 3.18 लाख रुपये रही है, जो पहले 2.81 लाख रुपये थी, जो दर्शाता है कि इस सेक्टर में पूंजीगत निवेश बढ़ा है।
जून में यूपीआई औसत दैनिक लेन-देन की संख्या 46.3 करोड़ थी और औसत दैनिक राशि 66,903 करोड़ रुपये थी। विश्व के डिजिटल लेनदेन में भारत की हिस्सेदारी लगभग 46% है।
वित्त वर्ष 2023-24 में दिए गए लोन की संख्या 35 प्रतिशत बढ़कर 10 करोड़ से अधिक हो गई। पिछले दिनों भारतीय रिजर्व बैंक ने डिजिटल ऋणदाताओं के कुछ व्यवहार पर चिंता जताई है और उनके संचालन के लिए दिशानिर्देश का ड्राफ्ट भी तैयार किया है।
यूपीआई ट्रांजैक्शन में अकाउंट बदलने या हटाने से जुड़ी समस्याएं, अकाउंट की जानकारी लिंक करने या पाने में परेशानी या डीरजिस्टर करने के समय आने वाली चुनौतियां सहित कई शिकायतें शामिल हो सकती हैं।
अदानी ग्रुप भारत के तेजी से बढ़ते, सरकार समर्थित सार्वजनिक ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म, ओपन नेटवर्क फॉर डिजिटल कॉमर्स (ओएनडीसी) के माध्यम से ऑनलाइन शॉपिंग की पेशकश करने के लिए बातचीत कर रही है।
रिपोर्ट में उम्मीद जताई गई है कि बेहतर संचालन व्यवस्था के साथ डिजिटल विज्ञापन संचयी रूप से 13.5 प्रतिशत बढ़कर 84,200 करोड़ रुपये तक पहुंच जाएगा। रिपोर्ट के मुताबिक, इंटरनेट की पहुंच लगातार बढ़ने से ‘कनेक्टेड टीवी’ (स्मार्ट टीवी) में 50 प्रतिशमत वृद्धि दर्ज की गयी।
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने अस्पतालों और शैक्षणिक संस्थानों के लिए UPI लेनदेन की सीमा भी 1 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर दी है।
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने म्यूचुअल फंड की सदस्यता, बीमा प्रीमियम के भुगतान और क्रेडिट कार्ड बिल भुगतान के लिए प्रति लेनदेन की सीमा को बढ़ा दिया है।
भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (एनपीसीआई) और भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) इस बदलाव को मूर्त रूप देने के लिए सोसायटी फॉर वर्ल्डवाइड इंटरबैंक फाइनेंशियल टेलीकम्यूनिकेशन यानी SWIFT के साथ सक्रिय रूप से चर्चा में लगे हुए हैं।
सीबीडीसी या ई-रुपया एक डिजिटल टोकन है जो लीगल करेंसी (वैध मुद्रा) का प्रतिनिधित्व करता है। भारत में विदेश से सालाना लगभग 100 अरब डॉलर धन भेजा जाता है।
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