वस्तु एवं सेवा कर (GST) से जुड़े फैसले लेने वाला शीर्ष निकाय जीएसटी परिषद इस सप्ताह विमान ईंधन (ATF) को जीएसटी के दायरे में लाने का विचार कर सकता है लेकिन कर स्लैब इसमें बाधा खड़ा करने का काम कर रही है।
कीमतों में नरमी से बढ़े उपभोग के चलते जून माह के दौरान देश में पेट्रोल व डीजल सहित ईंधन की मांग 8.6 प्रतिशत बढ़ गई।
पेट्रोल और डीजल की कीमतों में लगी महंगाई की आग कुछ शांत होने की उम्मीद बढ़ी है, अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में आई गिरावट की वजह से भाव घटने की संभावना जताई जा रही है। बुधवार को अंतरराष्ट्रीय बाजार में अमेरिकी कच्चे तेल की कीमतों में 5 प्रतिशत से ज्यादा और ब्रेंट क्रूड की कीमतों में 6 प्रतिशत से ज्यादा की गिरावट आई है
पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी से किसी तरह की राहत नहीं मिल रही है, मंगलवार को लगातार छठे दिन पेट्रोल और डीजल के दाम बढ़ गए हैं। तेल कंपनियों ने मंगलवार को दिल्ली और कोलकाता में पेट्रोल का दाम 17 पैसे प्रति लीटर बढ़ाया है जबकि मुंबई में 16 पैसे और चेन्नई में 18 पैसे की बढ़ोतरी हुई है। इसी तरह डीजल का दाम मंगलवार दिल्ली और कोलताता में 16 पैसे तथा मुंबई में 17 पैसे और चेन्नई में 18 पैसे प्रति लीटर बढ़ाया गया है।
अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में हुई बढ़ोतरी के बाद देश की तेल कंपनियों की तरफ से पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी लगातार की जा रही है, सोमवार को लगातार पांचवें दिन पेट्रोल और डीजल की कीमतों मे बढ़ोतरी की गई है। लगातार 5 दिन तक पेट्रोल और डीजल की कीमतों में जो बढ़ोतरी हुई है उसके बाद दिल्ली में पेट्रोल 81 पैसे और डीजल 69 पैसे प्रति लीटर महंगा हो गया है।
लगभग 5 हफ्ते तक पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कटौती या स्थिरता के बाद तेल कंपनियों ने इस हफ्ते फिर से दाम बढ़ाना शुरू किए हैं और शनिवार को लगातार तीसरे दिन दाम बढ़ाए गए हैं। लगातार 3 दिन तक पेट्रोल और डीजल की कीमतों में जो बढ़ोतरी हुई है उसके बाद दिल्ली में पेट्रोल 43 पैसे और डीजल 38 पैसे प्रति लीटर महंगा हो गया है।
वित्त सचिव हसमुख अधिया ने आज कहा कि माल एवं सेवा कर (जीएसटी) परिषद पेट्रोलियम उत्पादों को जीएसटी के दायरे में लाने पर विचार करेगी और ऐसा चरणबद्ध तरीके से किया जा सकता है।
जून के महीने में पेट्रोल की कीमतों में मिली राहत शायद जुलाई में खत्म होती दिख रही है। शुक्रवार को लगातार दूसरे दिन पेट्रोलियम कंपनियों ने कीमतों में बढ़ोत्तरी की है।
Karnataka Budget 2018: कर्नाटक के नए मुख्यमंत्री एच डी कुमारस्वामी ने गुरुवार को अपना पहला बजट पेश किया है और बजट में की गई एक घोषणा ने सबको हैरान कर दिया है। मुख्यमंत्री ने बजट में पेट्रोल और डीजल पर टैक्स को 2 प्रतिशत बढ़ाने का प्रस्ताव दिया है, उनके इस प्रस्ताव के बाद राज्य में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में जोरदार बढ़ोतरी होने वाली है
Petrol-Diesel: लगभग 5 हफ्ते तक पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कटौती या स्थिरता के बाद तेल कंपनियों ने गुरुवार को फिर से दाम बढ़ा दिए हैं। 29 मई के बाद तेल कंपनियां या तो लगातार दाम घटा रही थीं या फिर भाव स्थिर बने हुए थे लेकिन अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में फिर से आई तेजी और घरेलू स्तर पर डॉलर के मुकाबले रुपए में आए दबाव की वजह से गुरुवरा को तेल कंपनियों ने फिर से दाम बढ़ाने का फैसला किया है।
अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में तेजी से हुई बढ़ोतरी की वजह से घरेलू स्तर पर पेट्रोल और डीजल के और महंगा होने का खतरा बढ़ गया है, विदेशी बाजार में कच्चे तेल का भाव करीब 43 महीने के ऊपरी स्तर पर पहुंच गया है, ऊपर से घरेलू करेंसी रुपए पर भी दबाव लगातार बढ़ता जा रहा है
केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेद्र प्रधान ने मंगलवार को कहा कि आगामी दिनों में पेट्रोल-डीजल की कीमतों में और ज्यादा कमी आएगी। प्रधान ने कहा कि मोदी सरकार उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा करने की इच्छुक है।
दुपहिया और कार से चलने वालों के लिए यह खबर किसी खुशखबरी से कम नहीं है। 29 मई के बाद से पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कटौती का सिलसिला आज भी जारी रहा।
शुक्रवार को ओपेके देशों द्वारा जुलाई से प्रतिदिन 10 लाख बैरल तेल उत्पादन बढ़ाने की घोषणा के बाद शनिवार को भारत में पेट्रोल और डीजल के दाम में और कटौती हुई है। 29 मई को अपना अब तक का उच्च स्तर छूने के बाद ईंधन के दाम में बढ़ोतरी नहीं हुई है।
रान के पेट्रोलियम मंत्री तेल निर्यातक देशों के संगठन (ओपेक) की बैठक छोड़कर बाहर चले गए। दरअसल, सऊदी अरब ओपेक देशों से कच्चे तेल का उत्पादन बढ़ाने पर जोर दे रहा है, जिसके चलते दोनों देशों के बीच तनातनी बढ़ गई है।
कच्चे तेल में नरमी के चलते पेट्रोल की कीमतों में बड़ी गिरावट देखी गई है। शुक्रवार को पेट्रोल के दाम 18 पैसे घट गए। वहीं आज डीजल की कीमतों में कोई बदलाव नहीं हुआ है।
अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में उठाव के बावजूद गुरुवार को तेल कंपनियों ने पेट्रोल और डीजल की कीमतों में फिर से कटौती की है। गुरुवार को पेट्रोल की कीमतों में 11 पैसे से लेकर 16 पैसे प्रति लीटर तक की कटौती की गई है जबकि डीजल की कीमतों में 10 पैसे से लेकर 14 पैसे प्रति लीटर की कटौती हुई है। गुरुवार को हुई कटौती के बाद मुंबई में अब पेट्रोल का दाम 84 रुपए के नीचे और डीजल का दाम 72 रुपए के नीचे आ गया है
एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने बताया कि 28 फीसदी टैक्स के अलावा राज्यों द्वारा लगाया जाने वाला स्थानीय कर या वैट GST में आने के बावजूद पेट्रोल और डीजल पर लगाए जाएंगे। अधिकतम GST के अलावा वैट मौजूदा टैक्स जैसा ही होगा जिसमें फिलहाल केंद्र सरकार का उत्पाद शुल्क और राज्य सरकारों के वैट शामिल हैं।
लगातार 4 दिन तक भाव स्थिर रहने के बाद तेल कंपनियों ने मंगलवार को फिर से पेट्रोल की कीमतों में कटौती की है, हालांकि डीजल की कीमतों में बदलाव नहीं किया गया है। मंगलवार को दिल्ली, कोलकाता और चेन्नई में में पेट्रोल की कीमतों में 8 पैसे प्रति लीटर और दिल्ली में 12 पैसे प्रति लीटर की कटौती की गई है
केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली ने पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क में कटौती की संभावना को सोमवार को एक तरह से खारिज करते हुए कहा कि इस तरह का कोई भी कदम नुकसानदायक हो सकता है। इसके साथ ही उन्होंने नागरिकों से कहा कि वे अपने हिस्से के करों का ‘ईमानदारी’ से भुगतान करें, जिससे पेट्रोलियम पदार्थों पर राजस्व के स्रोत के रूप में निर्भरता कम हो सके।
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