ब्लडप्रेशर घटाने वाली दवा हाइड्रोक्लोरोथियाजाइड की गोलियां अब 11.07 रुपये की जगह 10.45 रुपये में मिलेंगी। इसी तरह, डेपाग्लिफ्लोजिन मेटफॉर्मिन हाइड्रोक्लोराइड की कीमत एक गोली के लिए 16 रुपये तय की गई है, जबकि पहले इसकी कीमत 30 रुपये थी।
भारत में दवाओं की महंगाई के चलते बहुत से रोगी सही इलाज प्राप्त नहीं कर पाते हैं, इसी के चलते देश में जनऔषधि केंद्र खोले गए हैं, जहां 90 प्रतिशत सस्ती दवाएं मिलती हैं।
दवाओं की कीमतों के नियामक एनपीपीए ने सोमवार को कहा कि उसने मधुमेह और उच्च रक्तचाप के इलाज की दवाओं समेत 74 दवाओं का खुदरा मूल्य तय कर दिया है।
एनपीपीए ने कहा कि उसने तरल चिकित्सा ऑक्सीजन और ऑक्सीजन इनहेलेशन (औषधीय गैस) की संशोधित अधिकतम कीमत को इस साल 30 सितंबर तक बढ़ा दिया है।
कंपनी ने बृहस्पतिवार को कहा कि उसने दुनिया का पहला और एकमात्र मुंह के जरिये लिए जाने वाला सेमाग्लूटाइड पेश किया है।
भारतीय फार्मा नियामक ने 92 दवाओं और कॉम्बिनेशंस के दाम की समीक्षा की है और इसकी कीमतें तय की हैं। इनमें डायबिटीज, ब्लड प्रेशर और कैंसर की दवाएं हैं जिसे स्थानीय कंपनियां सन फार्मा, डॉ रेड्डीज और ल्युपिन बनाती हैं।
डायबिटीज के रोगियों के लिए बीमा पॉलिसी लेना काफी मुश्किल है। सबसे पहले ICICI Prudential Life Insurance ने डायबिटीज केयर पॉलिसी लॉन्च की थी लेकिन अब यह उपलब्ध नहीं है। अभी बाजार में अपोलो म्यूनिख हेल्थ इंश्योरेंस की एनर्जी और स्टार हेल्थ इंश्योरेंस की डायबिटीज सेफ पॉलिसी डायबिटीज पीडि़तों के लिए उपलब्ध है।
दवा मूल्य नियामक एनपीपीए ने 30 दवा फॉर्मुलेशन का खुदरा मूल्य तय किया है। इसमें डायबिटीज, जीवाणु संक्रमण तथा उच्च रक्तचाप के इलाज में उपयोग होने वाली दवाएं शामिल हैं।
खास बीमारियों को लक्ष्य करते हुए बीमा कंपनियां नए-नए प्रोडक्ट ला रही हैं। डायबिटीज कवर अन्य किसी भी बीमारी विशेष के प्लान से ज्यादा महंगी होती हैं।
खास बीमारियों को लक्ष्य करते हुए बीमा कंपनियां नए-नए प्रोडक्ट ला रही हैं। डायबिटीज कवर अन्य किसी भी बीमारी विशेष के प्लान से ज्यादा महंगी होती हैं।
सरकार ने 55 जरूरी दवा का अधिकतम मूल्य तय किया है, जिससे एचआईवी संक्रमण, मधुमेह सहित अनेक रोगों के इलाज में काम आने वाली दवाओं की कीमत 44 प्रतिशत तक घटी।
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