डीजीएफटी ने एक सार्वजनिक सूचना में कहा कि रत्न और आभूषण निर्यात संवर्धन परिषद (जीजेईपीसी) के अनुरोध पर यह फैसला लिया गया है। ताजा अपडेट में कहा गया है कि अंतरिम अवधि में 27 मई का नोटिस जारी होने से पहले मौजूद अवशिष्ट मानदंड ही लागू रहेंगे।
ग्रीन जोन में ड्रोन को उड़ाने के लिए किसी भी मंजूरी की आवश्यकता नहीं होगी। डिजिटल स्काई प्लेटफॉर्म के जरिये सभी ड्रोन को ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराया जा सकेगा।
विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) ने दक्षिणपूर्वी अफ्रीका के देश मलावी और म्यामां से दालों के आयात के लिए सहमति ज्ञापन समझौते के तहत अधिसूचना जारी की है।
विदेश व्यापार महानिदेशालय द्वारा जारी एक अधिसूचना के अनुसार इंजेक्शन के निर्यात को तुरंत प्रभाव से प्रतिबंधित श्रेणी में रखा गया है।
केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय की ओर से जारी फसल वर्ष 2020-21 के पहले अग्रिम उत्पादन अनुमान में खरीफ सीजन में तुअर का उत्पादन 40.4 लाख टन होने का आकलन किया गया है जबकि पिछले साल तुअर का उत्पादन 38.3 लाख टन हुआ था।
सरकार घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने और गैर-जरूरी सामानों के आयात में कमी लाने के लिए कदम उठा रही है।
केंद्र सरकार ने प्याज के निर्यात पर पाबंदी में ढील देते हुए 'बंगलोर रोज' और 'कृष्णापुरम' किस्म के प्याज के निर्यात की अनुमति दी है। इस छूट के साथ कुछ शर्तें भी जोड़ी गयी हैं।
विदेश व्यापार महानिदेशालय ने मंगलवार को एक अधिसूचना में कहा कि कपड़ों निर्यात संबंध में जारी 13 जुलाई की अधिसूचना को संशोधित किया जाता है।
भारतीय उद्योग जगत का मानना है कि रंगीन टेलीविजन सेटों के आयात पर प्रतिबंध लगाने के सरकार के कदम से देश में घरेलू विनिर्माण और असेंबलिंग गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा।
कोरोना के 10 हजार एक्टिव मरीजों में से सिर्फ 22 को वेंटीलेटर की जरूरत
चिकित्सकीय चश्में, दोहरी और तिहरी परत वाले सर्जिकल मास्क और जांच किट के निर्यात के लिए लाइसेंस लेने के वास्ते केवल पांच से आठ अगस्त के बीच ऑनलाइन आवेदन करने वाले निर्यातकों के आवेदन पर ही विचार किया जाएगा।
घरेलू टेलिविजन निर्माता कंपनियों की मदद और देश में टेलिविजन उत्पादन को सहायता देने के लिए सरकार ने बड़ा कदम उठाया है।
घरेलू इंडस्ट्री को मदद देने के लिए और गैरजरूरी सामानों के आयात पर नियंत्रण के लिए प्रतिबंध
केंद्र सरकार ने यह माना है कि हैंड सैनीटाइजर्स कोविड-19 महामारी के कारण उत्पन्न इमरजेंसी की जरूरतों को पूरा करने के लिए आवश्यक है और इसकी आसान उपलब्धता सुनिश्चित करना लोगों के हित में है।
पीपीई किट कोविड-19 संक्रमित लोगों के इलाज में लगे चिकित्सा कर्मियों द्वारा पहनी जाती है ताकि संक्रमण को फैलने से रोका जा सके।
भारत मलेरिया की दवा हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन, जिसकी इस समय दुनिया भर में बहुत अधिक मांग है, का निर्यात सिर्फ विदेशी सरकारों को करेगा और निजी कंपनियों को इसे नहीं बेचा जाएगा।
भारत ने पिछले साल 22.5 करोड़ डॉलर मूल्य के एपीआई का निर्यात किया था। भारत हर साल 3.5 अरब डॉलर मूल्य का एपीआई आयात करता है।
सरकार ने जांच किट (डायग्नॉस्टिक किट) के निर्यात पर तत्काल प्रभाव से अंकुश लगा दिया है। देश में कोरोना वायरस महामारी फैलने के बीच सरकार ने जांच किट के निर्यात को हतोत्साहित करने के लिए यह कदम उठाया है।
सरकार ने बुधवार को कोरोना वायरस के प्रकोप के मद्देनजर घरेलू बाजार में दवा की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए मलेरिया रोधी दवा हाइड्रोक्सी क्लोरोक्वाइन के निर्यात पर तत्काल प्रभाव से प्रतिबंध लगा दिया।
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