सीतारमण ने छात्रों से कहा, ‘जिस वर्ष हम ब्रिटिश शासन से स्वतंत्रता की 100वीं वर्षगांठ मना रहे होंगे, अर्थात 2047 में हम एक विकसित देश बनना चाहते हैं और बनने की आकांक्षा रखते हैं।’
बुधवार को संसद में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के अभिभाषण के साथ बजट सत्र की शुरुआत हो गई है। ये मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का आखिरी और अंतरिम बजट है। अपने संबोधन में राष्ट्रपति मुर्मू ने कई अहम बाते कही हैं।
India by 2047: योजना आयोग (Yojana Aayog) के उपाध्यक्ष रह चुके मोंटेक सिंह अहलूवालिया ने बुधवार को कहा कि वर्ष 2047 तक भारत को ‘विकसित राष्ट्र’ बनने के लिये सालाना आठ प्रतिशत आर्थिक वृद्धि दर की जरूरत होगी।
जाने-माने अर्थशास्त्री अरविंद पनगढ़िया ने शनिवार को कहा कि भारत और कई अन्य देशों ने अपने काम-काज से इस पुरानी सोच को झुठला दिया है कि विकासशील अर्थव्यवस्थाओं के लिए संरक्षणवाद लाभदायक होता है।
भारत के पास अपनी स्थिति को बदलकर विकसित देशों की कतार में शामिल होने के लिए सिर्फ एक दशक का वक्त है। इसके लिए भारत को शिक्षा पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता होगी। अगर वह इस मोर्च पर विफल हुआ तो देश की युवा आबादी का लाभ नुकसान में बदल जाएगा।
भारत ने कहा कि विकसित देशों को रिन्युएबल एनर्जी को प्रोत्साहित करना चाहिए न कि इसमें अड़चन डालना चाहिए। जावड़ेकर ने यह बात संयुक्त राष्ट्र में कही।
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