RBI Withdraws Notes News: 2,000 रुपये के नोट वर्तमान में जनता के हाथों में कुल नकदी का केवल 10.8 प्रतिशत है और इसमें से भी ज्यादातर राशि का उपयोग संभवत: अवैध लेनदेन में होता है। अर्थव्यवस्था के चश्मे से देखते हैं।
30 सितंबर 2016 को देश में नोटबंदी का बड़ा फैसला लिया गया था। अब करीब साढ़े 6 साल बाद 19 मई 2023 को RBI ने बड़ा फैसला लिया है कि पूरी तरह से 2000 रुपए के नोट छपना अब बंद हो जाएंगे।
लोकलसर्किल की एक रिपोर्ट के मुताबिक नोटबंदी के छह साल बाद भी यह स्पष्ट नहीं है कि इस बड़े फैसले ने अपने लक्ष्य को हासिल किया या नहीं।
रिजर्व बैंक की तरफ से एक डिजिटल मुद्रा लाने की योजना के बारे में पूछे जाने पर गोयल ने कहा कि इससे नकदी के इस्तेमाल में कमी का मकसद पूरा हो सकेगा।
एसबीआई समूह के मुख्य आर्थिक सलाहकार सौम्य कांति घोष ने कहा कि वित्त वर्ष 2020-21 में महामारी की अर्थव्यवस्था पर तगड़ी मार पड़ने से नकदी का चलन बढ़कर 14.5 प्रतिशत के उच्च स्तर पर पहुंच गया था।
2020-21 के दौरान करेंसी-इन-सर्कुलेशन में वर्तमान में हुई वृद्धि 17.2 प्रतिशत है, जो पुराने ट्रेंड्स के अनुरूप है। करेंसी-इन-सर्कुलेशन में लॉन्ग-टर्म एवरेज वृद्धि पिछले 20 सालों के दौरान 15 प्रतिशत रही है।
2016-17 की सालाना रिपोर्ट में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने जानकारी दी थी कि देश में नोट बंदी के 500 और 1000 नोट का 99 प्रतिशत हिस्सा बैंक में वापस आ गया है।
अक्टूबर 2021 में, मूल्य के मामले में यूपीआई के जरिये 7.71 लाख करोड़ रुपये का लेनदेन किया गया। अक्टूबर में यूपीआई के माध्यम से 421 करोड़ लेनदेन किए गए।
आयकर विभाग ने नवंबर, 2016 से मार्च, 2017 की अवधि के दौरान 900 समूहों पर तलाशी कार्रवाई की, जिसके परिणामस्वरूप 900 करोड़ रुपये की जब्ती की गई।
न्यायाधिकरण ने सभी तथ्यों और तर्कों को देखने के बाद कहा कि हमारा मानना है कि नोटबंदी के दौरान निर्धारिती द्वारा जमा की गई राशि को उनकी आय के रूप में नहीं माना जा सकता है।
धन हस्तांतरण को वाजिब दिखाने के लिए सोना, चांदी बिक्री के फर्जी बिल बनाए गए।
ये महामारी दैवीय घटना है तो हम 2017-18, 2018-19 और 2019-20 के दौरान अर्थव्यवस्था के कुप्रबंधन का वर्णन कैसे करेंगे?
राहुल गांधी और कांग्रेस पिछले कई हफ्तों से सरकार से यह मांग कर रहे हैं कि गरीबों, मजदूरों और एमएसएमई की वित्तीय मदद की जाए।
रुचि सोया में अगले तीन से पांच साल के भीतर 50,000 करोड़ रुपए का कारोबारी लक्ष्य हासिल करने की क्षमता है। इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए नए उत्पाद भी पेश किए जाएंगे।
3rd DeMo anniversary: बड़ी संख्या में 2000 रुपए के नोटों की जमाखोरी की गई है। यह नोट अब सर्कुलेशन में नहीं हैं।
करीब 33 प्रतिशत लोगों का मानना है कि नोटबंदी का सबसे बड़ा नकारात्मक प्रभाव अर्थव्यवस्था की सुस्ती के रूप में सामने आया है।
नोटबंदी के बाद देश में डिजिटल भुगतान को प्रोत्साहन मिला और आधार कार्ड से इलेक्ट्रॉनिक केवाईसी (अपने ग्राहक को जानो) किए जाने से इसमें काफी वृद्धि हुई।
इन लोगों ने नोटबंदी का जोरदार तरीके से फायदा उठाते हुए बिना हिसाब-किताब वाली भारी भरकम राशि को अवैध ढंग से अपने खातों में जमा कराया।
जीम प्रेमजी यूनिवर्सिटी की यह रिपोर्ट सीएमआईई-सीपीडीएक्स के आंकड़ों पर आधारित है, जिसमें बताया गया है कि भारत के बेरोजगारों में अधिकांश युवा हैं।
नोटबंदी के बाद निर्धारित समय में बैंकों में 15.31 लाख करोड़ रुपए मूल्य के नोट जमा किए गए। यह आठ नवंबर 2016 को चलन में 500 और 1000 रुपए के 15.41 लाख करोड़ रुपए मूल्य के नोट का 99.3 प्रतिशत है।
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