ऑनलाइन सेटलमेंट से पहले, धोखाधड़ी या फर्जी डॉक्यूमेंट का इस्तेमाल कर मालिकों की कॉपी करने के कई मामले थे, लेकिन डीमैट खाते के बाजार में आने के बाद, होल्डिंग्स को जाली बनाना या किसी का कॉपी करना असंभव हो गया।
कोरोना महामारी के बाद शेयर बाजार निवेशकों की संख्या तेजी से बढ़ी थी। इसकी वजह बाजार में जारी तेजी रही लेकिन अब बदलते हालात ने इस तेजी पर ब्रेक लगाने का काम किया है। डीमैट खाते खुलने की संख्या में गिरावट आई है।
शेयर ब्रोकरों को अगले साल एक फरवरी से या तो अपने ग्राहकों को द्वितीयक बाजार (नकद खंड) में यूपीआई आधारित ‘ब्लॉक’ व्यवस्था के उपयोग की अनुमति देनी होगी या फिर वे एक कारोबारी खाते में तीन सुविधाओं की पेशकश करेंगे।
एक अध्ययन में कहा गया है कि बड़ी संख्या में निवेशक सिर्फ आईपीओ में हिस्सा लेने के लिए डीमैट खाते खोल रहे हैं। पिछले महीने, 10 कंपनियों ने आईपीओ के जरिए करीब 17,000 करोड़ रुपये जुटाए।
शुरुआत में निवेशकों को इस फर्जी डीमैट ऐप में खरीद-बिक्री और मुनाफा भी दिखाया जाता है। लेकिन जब निवेशक मोटी रकम डाल देता है या लगातार निवेश करता रहता है तो एक दिन वह अकाउंट बंद हो जाता है और उसका पूरा निवेश खत्म हो जाता है।
NSE को शुरुआती 4 करोड़ निवेशक रजिस्टर करने में 25 साल का समय लगा था। जिसके बाद NSE ने हर साल औसतन 6-7 महीनों में 1 करोड़ नए निवेशक जोड़े। आखिरी के 1 करोड़ निवेशकों को जोड़ने में सिर्फ 5 महीने का समय लगा।
म्यूचुअल फंड यूनिट्स को दो तरीकों से रखा जा सकता है, या तो फिजिकल फॉर्म में या डीमैटरियलाइज्ड फॉर्म में। डीमैट अकाउंट आपके शेयरों और दूसरी सिक्योरीटिज को इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म में रखने के लिए एक खाता होता है।
बाजार नियामक ने कहा कि सूचीबद्ध कंपनियों या आरटीए द्वारा ‘नामांकन का विकल्प’ न देने की वजह से फिलहाल रोके जा चुके भुगतान को भी अब निपटाया जा सकेगा।
अपने आधार कार्ड को अपने डीमैट खाते से जोड़ना वित्तीय लेनदेन और निवेश के लिहाज से काफी अहम है। यह प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करने और एक सुरक्षित और पारदर्शी निवेश अनुभव सुनिश्चित करने के साधन के रूप में कार्य करता है।
Demat Account: डीमैट अकाउंट खोलने से पहले कुछ बातों का खास ख्याल रखें। ऐसा कर आप सही शेयर ब्रोकर का चुनाव कर पाएंगे।
ऑफ-मार्केट ट्रांसफर शुरू करने के लिए डिलीवरी इंस्ट्रक्शन स्लिप (डीआईएस) जमा करें। भारत में दो डिपॉजिटरी हैं- नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी (एनएसडीएल) और सेंट्रल डिपॉजिटरी सर्विसेज (सीडीएसएल)।
पैन कार्ड, वित्तीय लेनदेन में शामिल व्यक्तियों और संस्थाओं के लिए एक विशिष्ट पहचान संख्या के रूप में काम करता है। पैन कार्ड को अपने डीमैट खाते से लिंक करने से कई फायदे मिलते हैं।
डीपी आपके डीमैट खाता बंद करने का शुल्क लगा सकता है। डीमैट खाता बंद करने की समयसीमा डीपी पर निर्भर करता है। आप समय-सीमा की जानकारी अपने डीपी से ले सकते हैं।
एक डीमैट (डीमटेरियलाइज्ड) अकाउंट आपकी प्रतिभूतियों (सिक्योरिटीज) के लिए एक डिजिटल रिपॉजिटरी के रूप में कार्य करता है। ज्यादातर ब्रोकरेज कंपनियां डीमैट अकाउंट खोलने के लिए शुल्क लेती हैं।
दिसंबर में करीब 41.73 लाख डीमैट खाते खोले गए थे। एक अप्रैल 2022 के बाद से अब तक भारत में करीब 9.84 करोड़ डीमैट खाते खोले गए हैं। अभी भी जनसंख्या की तुलना में निवेशकों के प्रतिशत के मामले में भारत काफी पीछे है।
SEBI की ओर से डीमैट और म्यूचुअल फंड में नॉमिनेशन की तारीख को आगे बढ़ा दिया गया है। आप ऑनलाइन आसानी से नॉमिनेशन दर्ज करा सकते हैं। इस स्टेप बाय स्टेप प्रोसेस हम इस आर्टिकल में बताने जा रहे हैं।
सेबी ने म्यूचुअल फंड अकाउंट और डीमैट खाते में नॉमिनेशन की आखिरी तारीख को बढ़ाकर 30 जून, 2024 कर दिया है। पहले यह डेडलाइन 31 दिसंबर 2023 थी। निवेशक की मृत्यु की स्थिति में उसके शेयर या दूसरी सिक्युरिटीज किसे मिले, इसके लिए नॉमिनी का होना जरूरी है।
Financial Deadline on 31 December: 31 दिसंबर को म्यूचुअल फंड नॉमिनेशन, आईटी रिटर्न और यूपीआई आईडी और बैंक लॉकर एग्रीमेंट रिन्यूएबल की आखिरी तारीख है।
Demat Account में नॉमिनी दर्ज कराना जरूरी है। अगर आप 31 दिसंबर तक नॉमिनी नहीं दर्ज कराते हैं तो आपका डीमैट अकाउंट फ्रीज हो सकता है।
डेडलाइन से चूकने पर निवेशक म्यूचुअल फंड से पैसा नहीं निकाल पाएंगे। अपने डीमैट खाते से ट्रेडिंग भी नहीं कर पाएंगे। आप चाहें तो अभी नॉमिनी को शामिल कर सकते हैं। इसकी प्रक्रिया बेहद आसान है।
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