कैग ने रिपोर्ट में कहा कि ठेकेदार द्वारा निर्माण की खराब गुणवत्ता और दोष दायित्व अवधि के भीतर खराबियों को दूर करने में ठेकेदार की अनिच्छा के चलते डीएमआरसी ने 11.85 करोड़ रुपये की लागत से दूसरे ठेकेदार के जरिये मरम्मत कार्य (परामर्श कार्य सहित) कराया।
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