उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में 11वां डिफेंस एक्सपो इंडिया-2020 आयोजित किया जाएगा।
हाल के वर्षों में निर्यात में जारी वृद्धि को देखते हुये 2024-25 तक रक्षा उत्पादों का निर्यात 35,000 करोड़ रुपये के लक्ष्य को पार कर लेने का अनुमान है।
मोदी सरकार ने रक्षा पेंशन के लिए 1,12,079.57 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं। कुल रक्षा आवंटन लगभग 431,010.79 करोड़ रुपये है जो आने वाले वित्त वर्ष के लिए केंद्र सरकार के कुल खर्च का 15.47% है।
ये उम्मीद की जा रही हैं कि निर्मला सीतारमण आज रक्षा बजट पर बड़ा ऐलान कर सकती है। जहां देश की पहली पूर्णकालिक रक्षामंत्री रहते हुए निर्मला सीतारमण ने अहम खरीद समझौतों को अंजाम दिया है तो वहीं उनके रक्षामंत्री रहते बालाकोट में सर्जिकल स्ट्राइक और पुलवामा का बदला लिया गया।
भारत और रूस ने दोनों देशों की सामरिक शक्ति को मजबूत करने के लिए जब ब्रह्मोस को लेकर समझौता किया होगा तो सोचा भी नहीं होगा कि यह रक्षा उत्पादों की श्रेणी का एक बड़ा ब्रांड होगा।
अपनी अर्थव्यवस्था में नई जान फूंकने के लिए चीन आनन-फानन में एक नया निवेश कानून पारित करने वाला है।
वित्त मंत्री ने रेलवे की योजनाओं के लिए 2019-20 में आम बजट से 64,587 करोड़ रुपए आवंटित करने की घोषणा की है।
नकदी संकट से जूझ रही सरकारी एयरलाइंस एयर इंडिया का सरकार पर कुल 1146.68 करोड़ रुपया बकाया है। यह बकाया अतिविशिष्ट लोगों (वीवीआईपी) के लिए चार्टड उड़ानों से संबंधित है।
रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता वाली रक्षा खरीद परिषद (डीएसी) ने शनिवार को 46,000 करोड़ रुपए के रक्षा उपकरणों की खरीद को अपनी मंजूरी दे दी है। इसमें जल सेना के लिए नेवल यूटीलिटी और एंटी-सबमरीन क्षमता वाले हेलीकॉप्टर और थल सेना के लिए एडवा
अमेरिकी सीनेट ने मंगलवार 716 अरब डॉलर के रक्षा विधेयक को पारित कर दिया। अन्य बातों के अलावा इस विधेयक में अमेरिका के प्रमुख रक्षा भागीदार भारत के साथ संबंधों को विस्तार देने का प्रावधान है। अमेरिका ने 2016 में भारत को प्रमुख रक्षा भागीदार के रूप में मान्यता दी थी।
मुकेश अंबानी के नेतृत्व वाली रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल) भारत की पहली और सबसे बड़ी कार्बन फाइबर विनिर्माण इकाई में निवेश कर रही है। कंपनी ने अपनी वार्षिक रिपोर्ट में कहा है कि एयरोस्पेस और डिफेंस जरूरतों को पूरा करने के लिए यह निवेश किया जा रहा है।
चीन ने इस साल रक्षा खर्च में 8.1 प्रतिशत की वृद्धि कर इसे 175 अरब डॉलर किए जाने की आज घोषणा की। यह भारत के हालिया रक्षा बजट का तीन गुना है। भारत का रक्षा बजट 52.5 अरब डॉलर का है।
पुरानी परंपरा से हटते हुए चीन ने रविवार को अपने राष्ट्रीय रक्षा बजट की घोषणा नहीं की। चीन आमतौर पर अपनी सालाना संसद बैठक से पहले अपने रक्षा बजट की जानकारी देता रहा है।
देश में चाइनीज स्मार्टफोन और चाइनीज एप की बढ़ती संख्या देश के लिए क्या किसी प्रकार का खतरा है, शायद रक्षा मंत्रालय शायद ऐसा ही मान रहा है।
देश के निजी क्षेत्र के सबसे बड़े बैंक ICICI बैंक ने भारतीय सशस्त्र बलों को 10 करोड़ रुपए की वित्तीय मदद की प्रतिबद्धता जताई है।
सरकार सार्वजनिक क्षेत्र की चार रक्षा कंपनियों में अपनी 25-25 फीसदी तक हिस्सेदारी का विनिवेश करने की योजना बना रही है।
HAL ने रक्षा मंत्रालय के साथ सहमति ज्ञापन पत्र (MoU) के तहत 2017-18 में 17,900 करोड़ रुपए की परिचालन आय का लक्ष्य रखा है।
वैमानिकी, परिवहन, रक्षा और सुरक्षा क्षेत्र की वैश्विक प्रौद्योगिकी कंपनी थेल्स की निगाह UAV प्रणाली तथा रडार की आपूर्ति के लिए भारत पर है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज रूस की कंपनियों को भारत में उच्च प्रौद्योगिकी रक्षा उपकरण बनाने की विनिर्माण इकाइयां स्थापित करने के लिए आमंत्रित किया।
मोदी सरकार ने तीन साल पूरे होने पर बुधवार को डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग की नई पॉलिसी से पर्दा उठा दिया। अब भारतीय कंपनियां भी सबमरीन और फाइटर प्लेन बनाएंगी।
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