रक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि वर्तमान भू-राजनीतिक परिदृश्य सहित चीन और पाकिस्तान से भारत के समक्ष उत्पन्न खतरे को देखते हुए, भारत को आगामी बजट में केंद्र सरकार के कुल व्यय का कम से कम 25 प्रतिशत खर्च करना चाहिए।
एक्सपर्ट का मानना है कि बुनियादी ढांचे में निवेश स्थिरता पर केंद्रित होगा, जिसका उद्देश्य परिवहन नेटवर्क का आधुनिकीकरण करना और पर्यावरणीय परिणामों में सुधार करना है। चुनावों के बाद से भारतीय शेयर बाजार में सकारात्मक रुख बना हुआ है, जो हर हफ्ते धीरे-धीरे ऊपर की ओर बढ़ रहा है।
वित्त मंत्री सीतीरमण ने बजट पेश करते हुए रेलवे, स्वास्थ्य समेत कई अन्य क्षेत्रों के लिए प्रमुख ऐलान किया है। उन्होंने रक्षा क्षेत्र में प्रौद्योगिकी को भी बढ़ावा देने के लिए बड़ी घोषणा की है।
Defence Budget 2023: पिछले 5 साल के डिफेंस बजट को देखकर यह कहना गलत नहीं होगा कि दुश्मन देशों को धूल चटाने की प्लानिंग भारत सरकार कर रही है। इस साल भी सेना के लिए खर्च होने वाले बजट में करीब 70 हजार करोड़ रुपये की बढ़ोतरी की गई है।
बजट को आने में कुछ ही दिन बाकी हैं, वहीं डिफेंस सेक्टर यानि रक्षा क्षेत्र को बजट- 2023 से काफी उम्मीदें है, वहीं पिछले 3 वर्षों में इस क्षेत्र की ओर सरकार ने बेहतरी के साथ ध्यान दिया है।
भारत के पूर्व रक्षा सचिव अजय कुमार ने इंडिया टीवी के साथ एक एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में बताया कि भारतीय सेना बीते एक दशक में किस प्रकार मजबूत हुई है और कैसे भविष्य की जरूरतों को पूरा करने के लिए सेना आधुनिकीकरण की राह पर चल रही है।
भारत सरकार की तैयारी डिफेंस सेक्टर को वर्ल्ड मैप में लाने की है, जहां इसके लिये पिछले बजट में भरपूर प्रयास किये गए थें। वहीं अब आगामी बजट-2023 से रक्षा क्षेत्र को काफी उम्मीदें हैं, साथ ही देश की सुरक्षा व्यवस्था चाक- चौबंद रखना बेहद जरूरी है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्त वर्ष 2022-23 के लिए रक्षा बजट को पिछले साल के 4.78 लाख करोड़ रुपये से बढ़ाकर 5.25 लाख करोड़ रुपये करने का मंगलवार को प्रावधान किया और इसके साथ ही सैन्य साजोसामान के निर्माण में आत्मनिर्भरता सुनिश्चित करने पर बल दिया गया है।
चीन ने 2021 के लिए छह प्रतिशत से अधिक आर्थिक वृद्धि का लक्ष्य तय किया है। चीन के प्रधानमंत्री ली क्विंग ने देश की संसद ‘नेशनल पीपल्स कांग्रेस (एनपीसी) में शुक्रवार को यह घोषणा की।
केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा सोमवार को संसद में पेश किए गए आम बजट में रक्षा क्षेत्र के लिए आंशिक वृद्धि करते हुए 4.78 लाख करोड़ रूपये का प्रावधान किया गया
रक्षा बजट में मामूली बढ़ोतरी करते हुए 2020-21 के लिए इसमें 3.37 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है, जबकि इससे पिछले साल यह 3.18 लाख करोड़ रुपए था।
मोदी सरकार ने रक्षा पेंशन के लिए 1,12,079.57 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं। कुल रक्षा आवंटन लगभग 431,010.79 करोड़ रुपये है जो आने वाले वित्त वर्ष के लिए केंद्र सरकार के कुल खर्च का 15.47% है।
ये उम्मीद की जा रही हैं कि निर्मला सीतारमण आज रक्षा बजट पर बड़ा ऐलान कर सकती है। जहां देश की पहली पूर्णकालिक रक्षामंत्री रहते हुए निर्मला सीतारमण ने अहम खरीद समझौतों को अंजाम दिया है तो वहीं उनके रक्षामंत्री रहते बालाकोट में सर्जिकल स्ट्राइक और पुलवामा का बदला लिया गया।
अपनी अर्थव्यवस्था में नई जान फूंकने के लिए चीन आनन-फानन में एक नया निवेश कानून पारित करने वाला है।
वित्त मंत्री ने रेलवे की योजनाओं के लिए 2019-20 में आम बजट से 64,587 करोड़ रुपए आवंटित करने की घोषणा की है।
चीन ने इस साल रक्षा खर्च में 8.1 प्रतिशत की वृद्धि कर इसे 175 अरब डॉलर किए जाने की आज घोषणा की। यह भारत के हालिया रक्षा बजट का तीन गुना है। भारत का रक्षा बजट 52.5 अरब डॉलर का है।
पुरानी परंपरा से हटते हुए चीन ने रविवार को अपने राष्ट्रीय रक्षा बजट की घोषणा नहीं की। चीन आमतौर पर अपनी सालाना संसद बैठक से पहले अपने रक्षा बजट की जानकारी देता रहा है।
चीन ने सैन्य खर्च 7 प्रतिशत बढ़ाकर 152 अरब डॉलर कर दिया है। यह भारत के रक्षा बजट के मुकाबले तीन गुना है। अपनी मुद्रा नीति में भी बदलाव का संकेत दिया है।
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