कंपनी ने इसके साथ ही स्टॉक स्प्लिट का भी ऐलान किया है। कंपनी ने कहा कि 10 रुपये की फेस वैल्यू वाले एक शेयर को दो हिस्सों में बांटा जाएगा।
iDEX पहल को गति प्रदान करने के लिए, DISC को अटल इनोवेशन मिशन के साथ साझेदारी में लॉन्च किया गया था, जिसका मकसद राष्ट्रीय रक्षा और सुरक्षा के क्षेत्र में प्रोटोटाइप बनाने और/या उत्पादों या समाधानों का व्यावसायीकरण करने के लिए स्टार्ट-अप, MSME, इनोवेटर्स का समर्थन करना है।
शेयरहोल्डरों को डिविडेंड देने के मामले में कंपनी का काफी तगड़ ट्रैक रिकॉर्ड रहा है। बताते चलें कि इस सरकारी कंपनी ने अपने शेयरहोल्डरों को फरवरी 2024 में 5 रुपये का अंतरिम डिविडेंड, सितंबर 2023 में 5 रुपये का फाइनल डिविडेंड, फरवरी 2023 में 5 रुपये का अंतरिम डिविडेंड दिया था।
रक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि वर्तमान भू-राजनीतिक परिदृश्य सहित चीन और पाकिस्तान से भारत के समक्ष उत्पन्न खतरे को देखते हुए, भारत को आगामी बजट में केंद्र सरकार के कुल व्यय का कम से कम 25 प्रतिशत खर्च करना चाहिए।
यह उपलब्धि पिछले 10 वर्षों में सरकार द्वारा आत्मनिर्भरता हासिल करने पर ध्यान केंद्रित करते हुए लाए गए नीतिगत सुधारों/पहलों और व्यापार करने में आसानी के कारण हासिल हुई है।
एक्सपर्ट का मानना है कि बुनियादी ढांचे में निवेश स्थिरता पर केंद्रित होगा, जिसका उद्देश्य परिवहन नेटवर्क का आधुनिकीकरण करना और पर्यावरणीय परिणामों में सुधार करना है। चुनावों के बाद से भारतीय शेयर बाजार में सकारात्मक रुख बना हुआ है, जो हर हफ्ते धीरे-धीरे ऊपर की ओर बढ़ रहा है।
वित्त मंत्री सीतीरमण ने बजट पेश करते हुए रेलवे, स्वास्थ्य समेत कई अन्य क्षेत्रों के लिए प्रमुख ऐलान किया है। उन्होंने रक्षा क्षेत्र में प्रौद्योगिकी को भी बढ़ावा देने के लिए बड़ी घोषणा की है।
Year Ender 2023: इस साल डिफेंस स्टॉक्स पर काफी फोसल रहा है। इस कारण अन्य सेक्टर्स की तुलना में डिफेंस कंपनियों ने निवेशकों को बंपर रिटर्न दिया है।
अधिकांश उपकरण और सिस्टम एमएसएमई सहित मेक इन इंडिया मुहिम से बनाए जाएंगे। इस प्रोजेक्ट को तीन वर्षों की अवधि में महत्वपूर्ण रोजगार पैदा होने की उम्मीद है। 'आत्मनिर्भर भारत' के उद्देश्यों को पूरा करते हुए, यह अनुबंध स्वदेशी जहाज निर्माण क्षमता को भी बढ़ावा देगा और समुद्री आर्थिक क्षमताओं को बढ़ाने में मदद करेगा।
मात्र 10 साल में रक्षा निर्यात के मोर्चे पर 23 गुना की वृद्धि वैश्विक रक्षा निर्माण क्षेत्र में भारत की बढ़ती धाक को प्रदर्शित करती है।
11 पोत में सात को गोवा शिपयार्ड लिमिटेड (जीएसएल) तैयार करेगी और चार को कोलकाता स्थित गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स (जीआरएसई) बनाएगी।
Defence Budget 2023: पिछले 5 साल के डिफेंस बजट को देखकर यह कहना गलत नहीं होगा कि दुश्मन देशों को धूल चटाने की प्लानिंग भारत सरकार कर रही है। इस साल भी सेना के लिए खर्च होने वाले बजट में करीब 70 हजार करोड़ रुपये की बढ़ोतरी की गई है।
बजट को आने में कुछ ही दिन बाकी हैं, वहीं डिफेंस सेक्टर यानि रक्षा क्षेत्र को बजट- 2023 से काफी उम्मीदें है, वहीं पिछले 3 वर्षों में इस क्षेत्र की ओर सरकार ने बेहतरी के साथ ध्यान दिया है।
भारत के पूर्व रक्षा सचिव अजय कुमार ने इंडिया टीवी के साथ एक एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में बताया कि भारतीय सेना बीते एक दशक में किस प्रकार मजबूत हुई है और कैसे भविष्य की जरूरतों को पूरा करने के लिए सेना आधुनिकीकरण की राह पर चल रही है।
भारत सरकार की तैयारी डिफेंस सेक्टर को वर्ल्ड मैप में लाने की है, जहां इसके लिये पिछले बजट में भरपूर प्रयास किये गए थें। वहीं अब आगामी बजट-2023 से रक्षा क्षेत्र को काफी उम्मीदें हैं, साथ ही देश की सुरक्षा व्यवस्था चाक- चौबंद रखना बेहद जरूरी है।
Highest Employee: मार्केट और कंज्यूमर डेटा स्पेशलिस्ट रिसर्च कंपनी स्टेटिस्टा की एक रिपोर्ट आई है। इस रिपोर्ट में ये कहा गया है कि हमारे देश का रक्षा मंत्रालय रोजगार देने के मामले में दुनिया में सबसे आगे निकल गया है।
पाकिस्तान ने अपने रक्षा बजट में पिछले वर्ष के मुकाबले 11 फीसदी का इजाफा किया है। यह बजट अब कुल 1,523 अरब रुपए का कर दिया गया है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्त वर्ष 2022-23 के लिए रक्षा बजट को पिछले साल के 4.78 लाख करोड़ रुपये से बढ़ाकर 5.25 लाख करोड़ रुपये करने का मंगलवार को प्रावधान किया और इसके साथ ही सैन्य साजोसामान के निर्माण में आत्मनिर्भरता सुनिश्चित करने पर बल दिया गया है।
रक्षा मंत्री के मुताबिक 2000 से 2014 तक लगभग 200 लाइसेंस की तुलना में 2014 से लेकर 2021 तक सात साल में 350 लाइसेंस दिये गये हैं।
रक्षा मंत्री के मुताबिक अमेरिकी तथा भारतीय रक्षा फर्मों के बीच सैन्य उपकरणों के साझा-उत्पादन और साझा-विकास की बहुत गुंजाइश है।
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