बैंकों का कर्ज लेकर नहीं लौटाने वाले केवल 57 कर्जदारों पर ही 85,000 करोड़ रुपए का बकाया है। कोर्ट ने आरबीआई से पूछा नाम सार्वजनिक क्यों नहीं किया जाए।
आयकर विभाग अब करदाताओं के नाम प्रकाशित कर उन्हें बदनाम करेगा जिन पर पुराना एक करोड़ रुपए या उससे अधिक का कर बकाया है और वे उसे नहीं चुका रहे हैं।
अखिल भारतीय बैंक कर्मचारी संघ (एआईबीईए) ने जानबूझकर कर्ज नहीं लौटाने वाले 7,000 से अधिक कॉर्पोरेट ऋणधारकों के नाम सार्वजनिक करने की धमकी दी है।
अरूण जेटली ने कहा कि आयकर विभाग जानबूझकर कर नहीं चुकाने वाले केवल उन्हीं लोगों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई करेगा जिनके नाम कर प्रशासन ने सार्वजनिक किए हैं।
बाजार नियामक सेबी ने चूककर्ताओं से 55,000 करोड़ रुपए से अधिक की वसूली की प्रक्रिया शुरू की है जो गैरकानूनी धन जुटाने की योजना पर शिकंजा कसने से जुड़ा है।
अरुण जेटली ने बैंकों को अधिक वित्तीय समर्थन का वादा किया है और चेताया है कि बैंकरों को परेशानी में डालने वाले डिफाल्टरों को चैन की नींद नहीं सो सकते।
आयकर विभाग इस वित्त वर्ष से सभी श्रेणी के उन करदाताओं के नाम सार्वजनिक करेगा जिन पर एक करोड़ रुपए या इससे अधिक राशि का कर बकाया है।
CII के अध्यक्ष नौशाद फोब्र्स ने कहा कि ऋण नहीं लौटाने वालों के बारे में उनकी ठाठ-बाट वाली जीवनशैली के आधार पर फैसला नहीं किया जाना चाहिए।
सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (पीएसबी) के टॉप-50 डिफॉल्टर्स पर दिसंबर 2015 तक के उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक कुल 1.21 लाख करोड़ रुपया बकाया है।
कोर्ट ने आरबीआई से कहा कि कंपनियां, कॉर्पोरेट घराने और बड़े बिजनेसमैन हजारों करोड़ का लोन लेकर दिवालिया हो जाते हैं और बैंक उनसे सेटलमेंट करते हैं।
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