दो से छह अगस्त के दौरान एफपीआई ने शेयरों में 975 करोड़ रुपये का निवेश किया है। ऋण या बांड बाजार में उनका निवेश 235 करोड़ रुपये रहा है।
इस तिमाही के दौरान उत्तर प्रदेश 25,000 करोड़ रुपये और महाराष्ट्र 22,500 करोड़ रुपये, बिहार 12,000 करोड़ रुपये और पश्चिम बंगाल लगभग 18,000 करोड़ रुपये उधार लेगा
आंकड़ों के अनुसार 12 फरवरी, 2021 को समाप्त पखवाड़े में बैंकों का ऋण 6.58 प्रतिशत बढ़कर 107.04 लाख करोड़ रुपये और जमा 11.75 प्रतिशत की बढ़ोतरी के साथ 147.81 लाख करोड़ रुपये पर थी।
समिति ने सिफारिश की है कि योजनाओं की लागत न बढ़े इसलिए एनएचएआई अटकी परियोजनाओं को पूरा करने पर फोकस करे
अगले वित्त वर्ष में राजकोषीय घाटा सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 6.8 प्रतिशत रहने का अनुमान है। हालांकि, चालू वित्त वर्ष में राजकोषीय घाटा बढ़कर 9.5 प्रतिशत के ऊंचे स्तर पर पहुंच सकता है।
दिसंबर में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने भारतीय बाजारों में 68558 करोड़ रुपये का निवेश किया वहीं निवेशकों ने अक्टूबर में 22,033 करोड़ रुपये तथा नवंबर में 62,951 करोड़ रुपये निवेश किया। एफपीआई ने साल 2020 में भारतीय शेयर बाजार में 1.4 लाख करोड़ रुपये का रिकॉर्ड निवेश किया।
कोविड-19 के संकट को देखते हुए मई में केद्र सरकार ने राज्यों की कर्ज की सीमा विभिन्न सुधारवादी शर्तों के साथ कुल मिला कर 2 प्रतिशत बढ़ाने की घोषणा की। इन शर्तां में एक-देश-एक-राशनकार्ड , कारोबार सुगमता, नगर निकाय/सार्वजनिक सेवाओं में सुधार और बिजली क्षेत्र में सुधार शामिल हैं।
इससे पहले सितंबर में कंपनियों ने कैपिटल मार्केट से 75,232 करोड़ रुपये जुटाए थे। वहीं अगस्त के दौरान कंपनियों ने बाजार से कुल 1.1 लाख करोड़ रुपये की राशि जुटाई थी।
चालू वित्त वर्ष में राज्यों की आय में 15 प्रतिशत की गिरावट आयी है। जबकि उनकी उधारी 36 प्रतिशत बढ़कर 68 लाख करोड़ रुपये होने का अनुमान है जो दशक का उच्च स्तर है। राज्यों का राजस्व घाटा चालू वित्त वर्ष में छह प्रतिशत रहने का अनुमान है।
एफपीआई ने एक से 25 सितंबर के दौरान शेयरों से शुद्ध रूप से 4,016 करोड़ रुपये निकाले। इस दौरान उन्होंने बांड मार्केट में 3,540 करोड़ रुपये का निवेश किया है। । एफपीआई ने जून से अगस्त के बीत लगातार तीन महीने बाजार से निवेश किया है।
केन्द्र सरकार का राजकोषीय घाटा लॉकडाउन के कारण कमजोर राजस्व संग्रह के चलते वित्त वर्ष के शुरुआती चार महीनों (अप्रैल- जुलाई) में ही पूरे साल के बजट अनुमान को पार कर गया है। वित्त वर्ष 2020- 21 के बजट में राजकोषीय घाटे के 7.96 लाख करोड़ रुपये यानी सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 3.5 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया था।
टाटा मोटर्स समूह पर फिलहाल 48,000 करोड़ रुपये का कर्ज है। कर्ज घटाने के लिए कंपनी की गैर जरूरी निवेश और संपत्तियों को बेचने की योजना है साथ ही निवेश योजना को नियंत्रित रखने पर भी जोर दिया जाएगा। चालू वित्त वर्ष में कुल निवेश 50 फीसदी घटा है।
कर्ज में वृद्धि से यह भी पहली बार हुआ है कि ब्रिटेन का कुल कर्ज उसके कुल आर्थिक उत्पादन मूल्य से अधिक हो गया है।
कोविड-19 महामारी का संक्रमण लंबे समय तक खिंचा तो उससे घरेलू अर्थव्यवस्था की हालत और खराब हो सकती है।
RIL के पास मार्च अंत तक कुल कर्ज 3.36 लाख करोड़ और कुल नकदी 1.75 लाख करोड़ रुपये है।
फ्रेंकलिन टेम्पलटन MF ने छह डेट स्कीम को बंद करने का फैसला लिया है।
लॉकडाउन के दौरान करेंसी मार्केट का समय सुबह दस बजे से 2 बजे तक कर दिया गया है
एफपीआई ने मार्च के महीने में शेयरों से 61,973 करोड़ रुपये निकाले हैं
समय में बदलाव 7 अप्रैल से लेकर 17 अप्रैल तक लागू रहेगा
डिपोजिटरी के आंकड़े के अनुसार, एफपीआई ने शेयर बाजारों में 6,301.96 करोड़ रुपए शुद्ध निवेश किए जबकि बांड बाजार से 3,688.94 करोड़ रुपए निकाले।
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