पिछले 4 साल के दौरान देश में बैंकिंग सेवाओं में तेजी से ग्रोथ देखने को मिली है जिससे बैंकों के साथ नए ग्राहक जुड़े हैं और बैंकों की तरफ से ग्राहकों को ज्यादा मात्रा में डेबिट कार्ड जारी किए जा रहे हैं। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की तरफ से जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक देश में डेबिट कार्ड का आंकड़ा 90 करोड़ को पार कर गया है
मोर्गन स्टेनली के अनिल अग्रवाल के मुताबिक यूपीआई आधारित पेमेंट्स सिस्टम की सफलता के बल पर भारत में डिजिटल पेमेंट्स तीन गुना बढ़कर जीडीपी के 7 प्रशितत के बराबर पहुंच गया है।
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने डिजिटल माध्यम से लेनदेन बढ़ने के साथ ही ग्राहकों को इसमें होने वाली धोखाधड़ी के प्रति सतर्क किया है। केंद्रीय बैंक ने कहा है कि डेबिट या क्रेडिट कार्ड धोखाधड़ी होने पर ग्राहक को घबराए बिना तीन कार्यदिवस के भीतर उसकी रिपोर्ट करनी चाहिए। उसके बाद पूरी जवाबदेही बैंक की होगी।
अपने खातों में मिनिमम बैलेंस रखने वाले ग्राहकों को बैंक एक सीमा तक फ्री ATM ट्रांजेक्शन की सुविधा देते हैं और साथ में चेकबुक और डेबिट कार्ड भी फ्री में देते हैं।
देश के सबसे बड़े बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) ने अपने ATM और डेबिट कार्डधारकों को एक खास सुविधा दे रहा है। इससे SBI कस्टमर अपने ATM और डेबिट कार्ड को पूरी तरह नियंत्रित कर सकते हैं। दरअसल, यह सुविधा है SBI के क्विक ऐप के जरिए दी जा रही है।
आरबीआई की रिपोर्ट ने एक बार नोटबंदी को लेकर सरकार के दावों की हवा निकाल दी है। रिजर्व बैंक की एक ताजा रिपोर्ट के अनुसार देश में करंसी के सर्कुलेशन की स्थिति नोटबंदी के पहले के करीब पहुंच चुकी है।
अगर आप भी फाइनेंशियल ट्रांजैक्शन फोन से करते हैं तो सावधान हो जाएं। डेबिट, क्रेडिट कार्ड और ई-वॉलेट के सहारे मोबाइल ट्रांजैक्शन में धोखाधड़ी के मामलों में लगातार बढ़ोतरी देखी जा रही है और इस मामले से सरकार भी चिंतित है।
देशभर में कुल 3.55 करोड़ क्रेडिट कार्ड दर्ज किए गए हैं जिनमें सबसे अधिक HDFC बैंक के ही हैं। दूसरे नंबर पर 57.50 लाख क्रेडिट कार्ड के साथ भारतीय स्टेट बैंक (SBI) है
SBI की तरह से दी गई जानकारी के मुताबिक आपके ATM या डेबिट कार्ड के जरिए कैश निकलवाने की जो लिमिट होगी उतनी ही मात्रा में GCC के जरिए कैश निकाला जा सकेगा
इसके लिए आपका HDFC बैंक का ग्राहक होना जरूरी है, HDFC बैंक और CROMA की तरफ से 29 जनवरी तक यह ऑफर शुरू किया गया है
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यकाल में देश की बैंकिंग व्यवस्था में तेजी से सुधार हुआ है और देश में डेबिट तथा क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल करने वालों की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी हुई है।
भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने अपने ग्राहकों की सुविधा के लिए देश के 143 शाखाओं को ‘फिजिटल’ कर दिया है। SBI की ये शाखाएं अत्याधुनिक तकनीक से लैस हैं जहां हफ्तों और महीनों में होने वाले काम चंद मिनटों में हो जाते हैं।
उपभोक्ताओं को अब डेबिट कार्ड, भीम एप तथा अन्य भुगतान माध्यमों के जरिये 2,000 रुपए तक के लेनदेन पर कोई शुल्क नहीं देना होगा। यह सुविधा एक जनवरी से लागू हो गई है।
सरकार ने संसद में बताया कि वर्ष 2017 में (21 दिसंबर तक) क्रेडिट/डेबिट कार्ड तथा इंटरनेट बैंकिंग से संबंधित 179 करोड़ रुपए की संलग्नता वाले करीब 25,800 धोखाधड़ी के मामले होने की सूचना है।
वित्त मंत्रालय ने कहा है कि वह मर्चेंट छूट दर (MDR) के मुद्दे पर भारतीय रिजर्व बैंक (MDR) के साथ चर्चा करेगा ताकि इसे कम करने की प्रणाली पर काम किया जा सके।
डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने मर्चेंट आउटलेट्स पर डेबिट कार्ड से लेनदेन पर लगने वाले शुल्क को सीमित करते हुए उन्हें युक्तिसंगत बनाने का अहम कदम उठाया है।
फिलहाल देश में 2000 रुपए तक की ट्रांजेक्शन पर MDR की दर 0.75 प्रतिशत है और 2000 रुपए से ऊपर की ट्रांजेक्शन पर यह दर बढ़कर 1 फीसदी हो जाती है।
भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने अपने ग्राहकों की सुविधा के लिए देश के 143 शाखाओं को ‘फिजिटल’ कर दिया है। SBI की ये शाखाएं अत्याधुनिक तकनीक से लैस हैं।
सरकार डिजिटल भुगतान करने वाले ग्राहकों को वस्तु एवं सेवा कर (GST) में 2 फीसदी छूट देने की योजना बना रही है।
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