सुब्बाराव के अनुसार लगभग दस लाख लोग हर महीने श्रम बल में शामिल होते हैं और भारत इसकी आधी नौकरियां भी पैदा नहीं कर पाता है।
आरबीआई सीधे नोट की छपाई कर सकता है, लेकिन यह तभी होना चाहिए जब कोई और उपाय नहीं बचा हो।
बैड बैंक में संकटग्रस्त बैंकों के सभी बुरे ऋण या एनपीए स्थानांतरित कर दिए जाते हैं। इससे संकटग्रस्त बैंक के बहीखाते साफ हो जाते हैं और देनदारी बैड बैंक के ऊपर आ जाती है।
डी सुब्बाराव ने कहा है कि मानसून अनुकूल रहने की संभावना के बीच सरकार को कृषि क्षेत्र के प्रदर्शन का लाभ उठाकर वृद्धि को प्रोत्साहन देने की जरूरत है।
विदेशी बाजारों में सरकारी बांड जारी कर धन जुटाने के मामले में सुब्बाराव ने कहा कि यदि बाजार की गहराई मापने के लिए सरकारी बांड जारी किया जाता है तो उन्हें दिक्कत नहीं है
आरबीआई के पूर्व गवर्नर डी सुब्बाराव ने स्वीकार किया कि वह अपनी नई किताब में पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम के प्रति समान रूप से उदार नहीं रहे।
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