बैंकों की सायबर सिक्योरिटी कमजोर होने की बात सामने आई है। डेबिट कार्ड फ्रॉड जांच में पता चला है कि ये सेंध हैकर्स ने हिताची के नेटवर्क में सेंध लगा कर की थी।
हिताची पेमेंट सर्विसेज ने आज 2016 के मध्य में उसके सिस्टम के तकनीकी दृष्टि से अति उन्नत मॉलवेयर से प्रभावित होने की बात स्वीकार की।
RBI ने साइबर सुरक्षा प्रणाली मजबूत करने के लिए एक समिति गठित करने की घोषणा बुधवार को की। यहबैंकिंग प्रणालियों के समक्ष खतरों से निपटने के उपाय सुझाएगी।
एक ओर जहां मोदी सरकार इंडिया को कैशलेस बनाने के लिए डिजिटल पेमेंट की ओर ले जाने के प्रयास में जुटी है, वहीं साइबरक्राइम का जाल दिन-ब-दिन बढ़ता जा रहा है।
एसोचैम-पीडब्ल्यूसी के संयुक्त अध्ययन के अनुसार 2016 के पहले दस महीने में देश में साइबर क्राइम के 39730 मामले हुए। वहीं 2015 में 49,455 मामले सामने आए थे।
हैकर्स पासवर्ड समेत तमाम गोपनीय जानकारियां का डेटा बेच रहे हैं। कैस्परस्काई की ओर से जारी की गई रिपोर्ट में चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं।
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने बैंकों से कहा कि वे तत्काल साइबर सुरक्षा नीति को लागू करें ताकि बैंकिंग प्रणाली को इंटरनेट आधारित खतरों से बचा सकें।
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