मंत्रालय ने बयान में कहा कि इस फैसले के बाद न्यूचिन अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष से संपर्क करेंगे ताकि चीन की ओर से अनुचित प्रतिस्पर्धा को रोका जा सके। इससे
रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने शुक्रवार को कहा कि विनिमय दरों को व्यवस्थित रखना किसी एक देश की नहीं बल्कि अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष की जिम्मेदारी है।
अमेरिका ने चीन को आधिकारिक तौर पर मुद्रा दर में हेरफेर करने वाला देश तो नहीं ठहराया लेकिन निगरानी सूची में उसका नाम शामिल किया है।
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