किसी भी देश की मुद्रा उसकी और दुनिया की अर्थव्यवस्था के लिए बेहद अहम है। करेंसी न सिर्फ इंटरनेशनल ट्रेड और फाइनेंस के साधन के तौर पर बल्कि किसी देश की आर्थिक हित और शासन के संकेतक के तौर पर भी काम करते हैं।
यह गिरावट दुनिया भर में डी-डॉलरीकरण के ट्रेंड के जोर पकड़ने के बीच आई है। ग्लोबल सेंट्रेल बैंक रिजर्व में अमेरिकी डॉलर की हिस्सेदारी में गिरावट जारी है। रेन्मिन्बी दुनिया भर में चौथी सबसे ज्यादा इस्तेमाल की जाने वाली मुद्रा बन गई।
दुनिया की छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले अमेरिकी डॉलर की स्थिति को दर्शाने वाला डॉलर सूचकांक 0.42 प्रतिशत की गिरावट के साथ 103.48 पर आ गया।
डॉलर की मजबूती के बीच आयातकों की भारी डॉलर मांग के कारण रुपया इस वर्ष की सबसे बड़ी गिरावट को दर्शाता बंद हुआ। रुपए में 32 पैसे की गिरावट देखने को मिली है।
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