सरकार 1 अप्रैल से क्रिप्टोकरेंसी से होने वाले पूंजीगत लाभ पर 30 फीसदी की दर से कर लगाना शुरू कर रही है।
जीएसटी अधिकारियों का कहना है कि क्रिप्टोकरेंसी में निवेश लॉटरी, कैसीनो, सट्टेबाजी, जुआ, घुड़दौड़ के समान हैं। इन सभी पर 28 प्रतिशत की दर से जीएसटी वसूला जाता है।
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि केंद्रीय बैंक द्वारा संचालित डिजिटल मुद्रा के स्पष्ट लाभ हैं और ‘डिजिटल रुपया’ लाने का फैसला भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की सलाह से सोच-समझकर लिया गया है।
बिटक्वाइन की कीमत पिछले सत्र में 39,000 डॉलर के स्तर से नीचे कारोबार करने के बाद आज 43,000 डॉलर के पार चला गया है।
ईथर, एथेरियम ब्लॉकचैन से जुड़ा सिक्का और बाजार पूंजीकरण के मामले में दूसरी सबसे बड़ी क्रिप्टोक्यूरेंसी, भी लगभग 12% गिरकर 2,348 डॉलर पर पहुंच गई है। इस बीच, डॉगकोइन की कीमत 15% से अधिक गिरकर 0.11 डॉलर पर आ गई है।
विज्ञापनों में ‘महत्वपूर्ण और जरूरी’ बिंदुओं को दर्शाना होगा। ऑनलाइन डिजिटल संपत्ति में क्रिप्टो या एनएफटी शामिल हैं।
जालसाज फर्जी निवेश योजनाओं में निवेश करने का आग्रह करने से पहले लक्ष्य यानी निवेशकों के साथ नजदीकी बनाने में महीनों लगाते हैं।
कई विशेषज्ञों का कहना है कि निवेशकों को क्रिप्टोकरेंसी से पैसा 31 मार्च तक निकाल लेना चाहिए। उससे बाद 30 फीसदी की दर से टैक्स भी देना होगा।
क्रिप्टोकरेंसी निवेशकों को आगाह करते हुए आरबीआई गवर्नर ने कहा कि ऐसी संपत्तियों का कोई आधार नहीं है।
डिजिटल मुद्रा में भारतीय करेंसी की तरह विशिष्ट अंक होंगे। यह ‘फ्लैट’ मुद्रा से भिन्न नहीं होगी। यह उसका डिजिटल रूप होगा। एक प्रकार से कह सकते हैं।
सोमनाथन ने कहा कि जिस प्रकार सोना और हीरा मूल्यवान होने के बावजूद वैध मुद्रा नहीं है, निजी क्रिप्टोकरेंसी भी कभी वैध मुद्रा नहीं होंगी।
डिजिटल रुपया में आप छूने का अहसास नहीं कर पाएंगे जो अभी प्रचलन में मुद्रा के साथ कर पाते हैं। आप डिजिटल रुपया को घर या पर्स में नहीं रख पाएंगे।
वित्त मंत्री ने बजट भाषण में कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक 2022-23 में ब्लॉकचेन प्रौद्योगिकी आधारित डिजिटल रुपया पेश करेगा। उन्होंने क्रिप्टोकरेंसी और अन्य निजी डिजिटल संपत्तियों पर कराधान को स्पष्ट किया। उन्होंने ऐसी संपत्तियों में लेन-देन पर होने वाले लाभ को लेकर 30 प्रतिशत कर लगाने का प्रस्ताव किया।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने क्रिप्टोकरेंसी और अन्य डिजिटल संपत्तियों पर 30 प्रतिशत कर लगाने के साथ ही ऐसी संपत्तियों को कर के दायरे में लाने के लिए एक सीमा से अधिक के लेन-देन पर एक प्रतिशत टीडीएस (स्रोत पर कर कटौती) लगाने का भी प्रस्ताव किया है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण में ऐलान किया है कि क्रिप्टोकरेंसी से होने वाली कमाई पर 30 फीसदी की दर से कर देना होगा।
चीन के बाद अब रूस सेंट्रल बैंक ने Cryptocurrency पर बैन लगाने का प्रस्ताव दिया है। आने वाले दिनों में बिटकॉइन 29,000 हजार डॉलर के नीचे चला जा सकता है।
स समय भारत में विश्व स्तर पर क्रिप्टो मालिकों की संख्या सबसे अधिक लगभग 10.07 करोड़ है, और एक रिपोर्ट के मुताबिक 2030 तक भारतीयों द्वारा क्रिप्टोकरेंसी में निवेश बढ़कर 24.1 करोड़ डॉलर तक हो सकता है।
अब सवाल उठता है कि इतनी कानूनी अड़चनों के बाद भी लोग बिटकॉइन या अन्य क्रिप्टोकरेंसी में पैसा क्यों झोंक रहे हैं?
दुनिया की दो सबसे बड़ी पेमेंट कंपनियां मास्टरकार्ड और वीजा ने कुछ क्रिप्टो कंपनियों के साथ मिलकर क्रिप्टोकरेंसी क्रेडिट कार्ड पेश किए हैं।
आईएमएफ की मुख्य अर्थशास्त्री गीता गोपीनाथ ने एक कार्यक्रम में कहा, ‘‘मुझे लगता है कि उभरते बाजारों के लिए क्रिप्टोकरेंसी खासतौर से एक चुनौती है। विकसित अर्थव्यवस्थाओं की तुलना में उभरती अर्थव्यवस्थाओं में क्रिप्टोकरेंसी और परिसंपत्तियों को अपनाना अधिक आकर्षक लगता है।’’
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