FTX की कंगाली के पीछे एक भारतीय मूल के व्यक्ति का नाम सामने आया है। निषाद सिंह को बैंकमैन-फ्राइड का करीबी कहा जा रहा है। कंपनी के मालिक ने भी एक गलत ट्वीट के चलते अपनी 94% संपत्ति गवां दी थी।
क्रिप्टोकरेंसी के जानकारों का कहना है कि मौजूदा समय में निवेशकों के पास इंतजार करने के अलावा कोई दूसरा विकल्प नहीं है। जब एक्सचेंज से निवेश निकालने की अनुमति होगी तभी निवेशक कुछ कर पाएंगे।
एक रात, एक ट्वीट, एक व्यक्ति, एक कहानी और एक कंपनी... ये सारे एक पल में अपने वजूद को खो बैठे। FTX के सीईओ सैम बैंकमैन-फ्राइड जिन्हें दुनिया का दूसरा वॉरेन बफेट कहा जाता था उन्होनें अपनी 90% से अधिक संपत्ति एक झटके में गवां दी।
Cryptocurrency vs Digital Currency: अगर आप डिजिटल करेंसी को भी क्रिप्टोकरेंसी समझने की भुल करते हैं तो आपको जान लेना चाहिए कि दोनों में क्या अंतर है और डिजिटल करेंसी किन मायनों में क्रिप्टोकरेंसी से अलग है।
RBI Digital Currency: हाल ही में भारत की केंद्रीय बैंक आरबीआई ने डिजिटल करेंसी की शुरुआत की है, जिसके बाद से इसकी चर्चा जोरों पर पूरे विश्व में हो रही है। ये 100 देश अब अपने यहां भी इसे लॉन्च करने की प्लानिंग कर रहे हैं।
डिजिटल करेंसी भारत में हमेशा से ही चर्चा का विषय रही है। कारण है क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन को लेकर सख्ती। लेकिन अब आरबीआई की तरफ से डिजिटल करेंसी पेश करने की बात हो रही है। जाहिर है यह कदम भारत के कई सेक्टर्स को नई दिशा देगा। तो चलिए जानते हैं कि डिजिटल करेंसी क्या होती है और इसके क्या फायदे हैं।
दुनियाभर के निवेशकों को यह नुकसान साइबर फ्रॉड से हुआ है। हालांकि, कुल नुकसान दूसरी तिमाही से 36 प्रतिशत कम है।
Digital Currency: संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि कोविड-19 महामारी के दौरान दुनियाभर में क्रिप्टोकरेंसी का इस्तेमाल अभूतपूर्व दर से बढ़ा है। इस रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि भारत में सात फीसदी से अधिक आबादी के पास डिजिटल करेंसी है।
ED ने पिछले महीने कुछ क्रिप्टो एक्चेंजों को कथित तौर पर मनी लॉन्ड्रिंग और फॉरेन एक्सचेंज के नियमों के उल्लंघन को लेकर समन भेजा था।
आरबीआई ने कहा कि मुद्रास्फीति के दबाव और भू-राजनीतिक जोखिमों से निपटने की जरूरत होने के बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था पुनरुद्धार की राह पर है।
धोखेबाज पहले नकली डोमेन बनाते हैं जो वैध क्रिप्टो ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म का कॉपी होता है। इसी के जरिये वो फर्जीवाड़ा को अंजाम देते हैं।
बाजार विशेषज्ञों का कहना है कि क्रिप्टोकरेंसी में भारी गिरावट की वजह वैश्विक बाजार में उतार-चढ़ाव और महंगाई है।
विश्लेषकों के मुताबिक, इस साल बिटकॉइन की कीमत गिर कर 14,000 डॉलर तक पहुंच सकती है।
बाजार के जानकारों का कहना है कि क्रिप्टोकरेंसी को लेकर दुनियाभर में अनिश्चितता बढ़ी है। इससे निवेशक डरे हुए हैं और वो बिकवाली कर रहे हैं।
क्रिप्टो को ‘फिएट करेंसी’ बनने की परीक्षा पास करनी अभी बाकी है। फिएट करेंसी सरकार द्वारा समर्थित मुद्रा है।
आरबीआई के अधिकारियों ने कहा कि क्रिप्टो करेंसी का बैंकिंग प्रणाली पर भी नकारात्मक असर होगा क्योंकि आकर्षक परिसंपत्तियां होने के कारण हो सकता है।
बिटक्वाइन क्रिप्टोकरेंसी का 11:30 बजे रेट इनवेस्टिंग डॉट कॉम पर 31,956.70 डॉलर का चल रहा है। हालांकि, आज मार्निंग में यह टूटकर 30 हजार के नीचे पहुंच गया था।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने क्रिप्टो करेंसी के दुरुपयोग की आशंका जताते हुए कहा कि भारत इस डिजिटल मुद्रा के नियमन को लेकर सोच-विचार कर निर्णय करेगा।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकी फंडिंग के जोखिम को कम करने के लिए वैश्विक स्तर पर क्रिप्टोकरेंसी को नियमित करने की एक सुदृढ़ योजना का सुझाव दिया है।
क्रिप्टोकरेंसी और अन्य डिजिटल मुद्राओं का लेनदेन करने वालों के लिए कराधान के पहलू स्पष्ट हो सकेगा।
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