ऑयल इंडिया के इतिहास में यह दूसरा तिमाही घाटा है। इससे पहले 2018-19 में कंपनी को तिमाही घाटा हुआ था।
तेल उत्पादक देशों के द्वारा उत्पादन को सीमा में रखने के लिए नए कदमों का असर
कोरोना की वजह से लागू प्रतिबंधों के बाद ईंधन की मांग में तेज गिरावट
अमेरिका के क्रूड स्टॉक में 1 अगस्त को खत्म हुए सप्ताह में 86 लाख बैरल की गिरावट
भंडार रखने से कीमतों में तेज बढ़त से मिलेगी सुरक्षा
सभी तेल उत्पादक देश जुलाई में तेल उत्पादन में प्रतिदिन एक करोड़ बैरल प्रतिदिन की कटौती करने पर सहमत हुए थे। यह कुल वैश्विक तेल आपूर्ति का लगभग 10 प्रतिशत हिस्सा है।
मई में तेल आयात पिछले साल के मुकाबले 26 फीसदी घटा
5 दिन तक पेट्रोल और डीजल की कीमतों में हुई इस बढ़ोतरी के बाद अब दिल्ली में पेट्रोल का भाव बढ़कर 74 रुपए प्रति लीटर और डीजल का भाव 72.22 रुपए प्रति लीटर हो गया है।
पेट्रोलियम निर्यातक देशों के संगठन (ओपेक) और उससे संबद्ध देशों ने कच्चे तेल के उत्पादन में करीब एक करोड़ बैरल प्रतिदिन की कटौती को जुलाई अंत तक एक महीने के लिए और बढ़ा दिया है।
मांग घटने से जुलाई तक देशों के पास तेल रिजर्व 150 करोड़ बैरल तक पहुंचने की संभावना
कोरोना और हॉन्गकॉन्ग को लेकर आमने सामने हैं चीन और अमेरिका
WTI क्रूड बढ़त के साथ 31 डॉलर प्रति बैरल के करीब पहुंचा
अतिरिक्त कटौती के बाद सऊदी अरब का उत्पादन 18 साल के निचले स्तर पर पहुंच जाएगा
कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट से ड्यूटी का बोझ ग्राहकों पर नहीं पड़ा
भारत इस स्थिति का लाभ अपने तेल भंडारों को भरने के लिए कर रहा है ताकि बाद में इसका इस्तेमाल किया जा सके।
मई में कारोबारी गतिविधियों में सीमित छूट के अनुमान से तेल कीमतों पर दबाव जारी
कंपनी के मुताबिक कीमतें इतनी नीचें हैं कि उनसे ऑपरेटिंग कॉस्ट भी नहीं निकल रही
दुनिया भर में जारी लॉकडाउन की वजह से क्रूड कीमतों में गिरावट जारी
फार्मा सेक्टर को छोड़कर बाकी सभी सेक्टर में तेज गिरावट दर्ज
दुनिया भर में कच्चे तेल की मांग 30 फीसदी घट चुकी है, जिसका असर कीमतों पर देखने को मिल रहा है।
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