16 दिन तक पेट्रोल और डीजल की कीमतों में एकतरफा तेजी के बाद आज बुधवार को पहली बार कटौती हुई है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में आई गिरावट के बाद तेल कंपनियों ने पेट्रोल और डीजल की कीमतें घटाई हैं। हालांकि लगातार 16 दिन तक दाम जिस तरह से बढ़े हैं उसके सामने आज हुई कटौती नाम मात्र है। आज देश की राजधानी दिल्ली में पेट्रोल 60 पैसे और डीजल 56 पैसे सस्ता हुआ है।
पेट्रोल और डीजल की बढ़ी हुई कीमतें सिर्फ आपकी गाड़ी का ही बजट नहीं बढ़ा रही हैं बल्कि जल्दी ही ये आपके घर के बजट को भी बिगाड़ सकती हैं। रोजमर्रा के इस्तेमाल में आने वाले तेल, साबुन, मंजन, शैंपू और अन्य उत्पादों को बनाने वाली कंपनियां कह रही हैं कि पेट्रोल और डीजल की कीमतों में हुई बढ़ोतरी से उनकी लागत बढ़ी है जिससे वह अपने उत्पादों की कीमतों में 4-7 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी कर सकती हैं।
भारतीय शेयर बाजार के लिए सोमवार को ज्यादातर परिस्थियां अनुकूल हो गई जिस वजह से बाजार मजबूती के साथ बंद होने में कामयाब रहा। समय से पहले मानसून की आहट, रुपए में आई शानदार रिकवरी और अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में आई गिरावट से शेयर बाजार को सहारा मिला है। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का सेंसेक्स 240.61 प्वाइंट की शानदार बढ़त के साथ 35165.48 पर बंद हुआ जबकि नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 83.50 प्वाइंट की बढ़त के साथ 10688.65 पर बंद होने में कामयाब हुआ।
ट्रोल-डीजल की मार्केट के जानकारों के मुताबिक हाल के दिनों में कच्चे तेल की कीमतों में जिस तरह से गिरावट आई है और रुपए में जो रिकवरी देखने को मिल रही है, उसे देखते हुए लग रहा है कि इस हफ्ते पेट्रोल और डीजल की कीमतों में 3-5 प्रतिशत तक यानि 2-3 रुपए प्रति लीटर की कटौती हो सकती है
अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में आई भारी गिरावट और मानसून के जल्द केरल पहुंचने की उम्मीद में हफ्ते के पहले कारोबारी दिन आज सोमवार को भारतीय शेयर बाजार में मजबूती देखी जा रही है। शुरुआती कारोबार में ही बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का सेंसेक्स 35000 के ऊपर पहुंच गया है, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 10650 के ऊपर कारोबार कर रहा है। फिलहाल सेंसेक्स 144.09 प्वाइंट की बढ़त के साथ 35068.99 और निफ्टी 45 प्वाइंट की मजबूती के साथ 10650 पर कारोबार कर रहा है
विदेशी निवेशकों ने घरेलू पूंजी बाजार से इस महीने अब तक चार अरब डॉलर (26,700 करोड़ रुपए से अधिक) की भारी निकासी की है। इसका मुख्य कारण कच्चे तेल की वैश्विक कीमतों में तेजी है। इससे पहले विदेशी निवेशकों ने अप्रैल महीने में घरेलू पूंजी बाजार (इक्विटी और डेट) से 15,500 करोड़ रुपए से अधिक की निकासी की थी।
घरेलू बाजार में पेट्रोल की कीमतें लगातार 13वें दिन भी बढ़ती रहीं और शनिवार को यह राष्ट्रीय राजधानी में 77.97 रुपए प्रति लीटर के दर पर पहुंच गया। इंडियन ऑयल कॉर्प की वेबसाइट से पता चलता है कि शुक्रवार को दिल्ली में पेट्रोल की कीमत 77.83 रुपए प्रति लीटर थी
पेट्रोल-डीजल की लगातार बढ़ रही खुदरा कीमतों को कम करने के स्थायी समाधान ढूंढ रही सरकार ओएनजीसी जैसे घरेलू तेल उत्पादकों पर अप्रत्याशित लाभ पर कर (Windfall Tax) लगा सकती है।
लगातार दबाव में चल रही भारतीय करेंसी रुपए के लिए अच्छी खबर है, दक्षिण अमेरिकी देश वेनेजुएला, भारत को कच्चे तेल की आपूर्ति करके उसका भुगतान भारतीय करेंसी रूपए में लेने को तैयार हो गया है। भारत में वेनेजुएला के राजदूत ने मंगलवार को यह जानकारी दी है। उनका कहना है कि ऐसा कर दोनों देशों को अमेरिका द्वारा लगाये गये प्रतिबंध से बचाया जा सकेगा
देश में मंगलौर में स्थापित कच्चे तेल के भूमिगत सामरिक भंडारण सुविधा के लिए संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) की कंपनी अबुधाबी नेशनल ऑयल कंपनी (एडीएनओसी) से कच्चे तेल से लदा पहला जहाज सोमवार को यहां पहुंचा।
पेट्रोल और डीजल के दाम आम आदमी की पहुंच से लगभग दूर हो चुके हैं, मंगलवार को पेट्रोल और डीजल की कीमतों ने नई रिकॉर्ड ऊंचाई को छुआ है। इंडियन ऑयल की वेबसाइट के मुताबिक आंध्र प्रदेश और तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद में तो डीजल का भाव 74 रुपए प्रति लीटर हो गया है जो देश की सभी राज्यों की राजधानियों में अबतक का सबसे अधिक भाव है
कच्चे तेल (क्रूड ऑयल) की कीमतों में हाल में हुई बढ़ोतरी से देश के निर्यात पर असर पड़ेगा और चालू खाता घाटा (CAD) बढ़कर GDP (सकल घरेलू उत्पाद) का 2.5 फीसदी तक पहुंच सकता है। भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने सोमवार को यह बात कही है।
विदेशी निवेशकों ने इस महीने अब तक पूंजी बाजारों से करीब 18,000 करोड़ रुपए (2.65 अरब डॉलर) की पूंजी निकासी की है। मुख्य रूप से वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल के दाम में तेजी तथा अमेरिका और ईरान के बीच बढ़ते तनाव के कारण यह निकासी की गयी है।
कच्चे तेल की वैश्विक कीमतों में तेजी चिंता का कारण है क्योंकि इससे देश का आयात बिल 50 अरब डॉलर तक बढ़ सकता है। इसका असर चालू खाते के घाटे (कैड) पर पड़ेगा।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल का भाव 80 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच जाने के बाद प्रधान ने तेल निर्यातक देशों के संगठन ओपेक के प्रमुख सदस्य देश सऊदी अरब को कीमत स्थिर और नरम रखने का आग्रह किया है।
आने वाले महीनों में कच्चे तेल के दाम में और वृद्धि हो सकती है और इससे भारत का चालू खाते का घाटा बढ़ सकता है। वित्त वर्ष 2018-19 में इसके करीब 2.4 प्रतिशत रहने का अनुमान है।
गुरुवार के मुकबाले आप पेट्रोल और डीजल 29 पैसे महंगा हो गया। आज दिल्ली में पेट्रोल की कीमत 75.61 रुपए रही। जबकि गुरुवार को इसकी कीमत 75.32 रुपए थी।
अगर पेट्रोल और डीजल का मौजूदा बढ़ा हुआ भाव आपके लिए परेशानी पैदा कर रहा है तो आपकी परेशानी आने वाले दिनों में और बढ़ने वाली है क्योंकि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चा तेल का भाव 80 डॉलर के पार चला गया है जिससे तेल कंपनियों की लागत बढ़ेगी और वह इस लागत को ग्राहकों से वसूलने के लिए पेट्रोल और डीजल के दाम और बढ़ा सकती हैं।
देश में डीजल की कीमतें पहले ही रिकॉर्ड स्तर तक पहुंच गई हैं और गुरुवार को लगातार चौथे दिन दाम बढ़ने के बाद अब पेट्रोल भी रिकॉर्ड तोड़ने के करीब पहुंच गया है। तेल कंपनियों ने गुरुवार को एक बार फिर से पेट्रोल और डीजल के दाम बढ़ाने की घोषणा कर दी है। तेल कंपनियों ने पेट्रोल के दाम में 22-23 पैसे और डीजल के दाम में 22-24 पैसे प्रति लीटर की बढ़ोतरी का ऐलान किया है
लेटेस्ट न्यूज़