अमेरिका के ताजा आर्थिक आंकड़े उत्साहजनक रहने से अन्य एशियायी मुद्राओं के आगे भी डॉलर में मजबूती का रुझान रहा।
अमेरिका द्वारा ईरान पर लगाए गए प्रतिबंधों में भारत को 2 मई के बाद छूट न दिए जाने की खबरों के बीच कच्चे तेल की कीमतें आसमान छूने लगी हैं। इस वजह से मंगलवार को सेंसेक्स और निफ्टी लगातार तीसरे कारोबारी सत्र में गिरकर बंद हुए।
सेंसेक्स 495.10 अंक टूटकर 38,645.18 अंक पर बंद हुआ। वहीं नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 158.35 अंक की गिरावट के साथ 11,594.45 अंक पर बंद हुआ।
फॉरेक्स डीलर्स ने कहा कि निर्यातकों द्वारा अमेरिकी मुद्रा की बिकवाली करने से रुपए को समर्थन मिला। इसके अलावा, अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष द्वारा भारतीय अर्थव्यवस्था में तेजी का अनुमान जताए जाने से भी घरेलू मुद्रा को मजबूती मिली है।
मंगलवार को विदेशी निवेशकों ने भारतीय पूंजी बाजार में शुद्ध खरीदार रहे और उन्होंने 1212.35 करोड़ रुपए के शेयरों की खरीदारी की।
अंतरबैंक मुद्रा विनिमय बाजार में गुरुवार को घरेलू मुद्रा कमजोरी के साथ 68.56 प्रति डॉलर पर खुली और इसने दिन के सबसे निम्नतम स्तर 69.21 को छुआ।
बाजार सूत्रों ने कहा कि विदेशी निधियों की धननिकासी, कच्चेतेल के बढ़ते मूल्य और घरेलू शेयरों में बिकवाली बढ़ने से रुपए का लाभ सीमित हो गया।
फॉरेक्स डीलर्स ने कहा कि विदेशी फंड के सतत निर्वाह और घरेलू शेयरों में भारी खरीदारी से रुपए को बल मिला, हालांकि अमेरिका डॉलर के मजबूत होने और कच्चे तेल की कीमतों में वृद्धि ने इसे सीमित कर दिया।
एक साल पहले फरवरी, 2018 में आठ बुनियादी उद्योगों कोयला, कच्चा तेल, प्राकृतिक गैस, रिफाइनरी उत्पाद, उर्वरक, इस्पात, सीमेंट और बिजली की वृद्धि दर 5.4 प्रतिशत रही थी।
कच्चा तेल भी 0.38 प्रतिशत कमजोर होकर 65.61 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार कर रहा है।
अन्तरबैंक विदेशी मुद्रा बाजार में रुपया बुधवार को 71.08 रुपए प्रति डॉलर पर लगभग अपरिवर्तित रुख के साथ खुला
सोमवार को रुपया 13 पैसे की तेजी के साथ प्रति डॉलर 71.18 पर बंद हुआ था।
इससे पहले जून, 2017 में बुनियादी उद्योगों की वृद्धि दर एक प्रतिशत के निचले स्तर पर रही थी।
अंतर बैंकिंग विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में निर्यातकों की डॉलर की बिकवाली से सोमवार को रुपया मजबूती के साथ 70.99 प्रति डॉलर पर खुला।
बाजार सूत्रों ने कहा कि विदेशी निवेशकों की धन निकासी, घरेलू शेयर बाजार में तेजी तथा अपने प्रमुख प्रतिद्वन्द्वी मुद्राओं की तुलना में डॉलर के मजबूत होने से रुपए को लेकर धारणा प्रभावित हुई है।
इसके अलावा खुले बाजार परिचालन के जरिये केंद्रीय बैंक द्वारा नकदी प्रवाह बढ़ाने तथा विदेशी उधारी के लिए रिजर्व बैंक की नई नीति का अनावरण करने से रुपए की तेजी को समर्थन प्राप्त हुआ।
ब्रेंट क्रूड भी आज 0.26 प्रतिशत कमजोरी के साथ 60.48 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार कर रहा था।
विगत तीन कारोबारी सत्रों में रुपए में कुल 64 पैसे की गिरावट आ चुकी है।
हालांकि विश्व की प्रमुख मुद्राओं की तुलना में डॉलर के कमजोर होने तथा कच्चे तेल कीमतों में गिरावट आने की वजह से घरेलू मुद्रा की गिरावट पर कुछ अंकुश लग गया।
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