सऊदी अरब की सरकारी तेल कंपनी अरामको के दो बड़े ठिकानों पर शनिवार को हुए ड्रोन हमलों के बाद कच्चे तेल की कीमत बीते चार महीने में सबसे अधिक दर्ज की गई है। जो दैनिक वैश्विक तेल आपूर्ति का 5 प्रतिशत है।
भारत ने वैश्विक तेल बाजार को संतुलित रखने के लिए रूस से तेल निर्यातक देशों के संगठन ओपेक पर अपने प्रभाव का इस्तेमाल करने का दबाव डाला है। भारत ने कच्चे तेल की पर्याप्त आपूर्ति और कीमतों को उचित स्तर पर बनाए रखने के मकसद से यह कदम उठाया है।
अंतरराष्ट्रीय बाजार में इस महीने कच्चे तेल में आई नरमी से भारत में पेट्रोल और डीजल के दाम में गिरावट आई है।
सार्वजनिक क्षेत्र की ऑयल एंड नेचुरल गैस कारपोरेशन (ओएनजीसी) ने अपने घरेलू और वैश्विक तेल क्षेत्रों से तेल और गैस उत्पादन दोगुना करने का लक्ष्य रखा है। साथ ही कंपनी ने रिफाइनिंग क्षमता तीन गुनी करने और अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में कदम रखने की योजना बनायी है। कंपनी ने 2040 के लिये दृष्टिकोण पत्र में ये लक्ष्य तय किये हैं।
विदेशी कोषों ने इस माह के दौरान अब तक 77 करोड़ डॉलर की बिकवाली की है।
पेट्रोल और डीजल के दाम में शनिवार को स्थिर रहे, लेकिन आगे वृद्धि की संभावना बनी हुई है।
पेट्रोल और डीजल के दाम में शनिवार को स्थिर रहे, लेकिन आगे वृद्धि की संभावना बनी हुई है।
घरेलू शेयर बाजार में बुधवार (10 जुलाई) को कारोबारी अस्थिरता देखी गई।
शुरुआती कारोबार में मंगलवार को डॉलर के मुकाबले रुपया 18 पैसे टूटकर 68.84 पर खुला।
अंतर्राष्ट्रीय बाजार में पिछले दिनों कच्चे तेल में आई तेजी के बाद देश में पेट्रोल और डीजल के दाम में फिर रोजाना वृद्धि होने लगी है।
पेट्रोल के दाम में शनिवार को लगातार छठे दिन स्थिरता बनी रही। तेल विपणन कंपनियों ने डीजल के दाम में भी लगातार दूसरे दिन कोई बदलाव नहीं किया।
पेट्रोल और डीजल के भाव बुधवार को लगातार दूसरे दिन स्थिर रहे। हालांकि, कच्चे तेल में आई नरमी से आगे फिर पेट्रोल और डीजल के दाम में राहत मिलने की संभावना बनी हुई है।
अंतर्राष्ट्रीय बाजार में बीते हफ्ते कच्चे तेल के दाम में फिर तेजी लौटी है। बेंचमार्क कच्चा तेल ब्रेंट क्रूड का भाव फिर 63 डॉलर प्रति बैरल से ऊपर चला गया है और आगे और तेजी रहने की संभावना जताई जा रही है।
कारोबारी सप्ताह के आखिरी दिन शुक्रवार को मई महीने की थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) आधारित महंगाई दर के आंकड़े जारी हो सकते हैं। अप्रैल में डब्ल्यूपीआई आधारित महंगाई दर 3.1 फीसदी दर्ज की गई थी।
जिस दिन लोकसभा चुनाव के नतीजे सामने आए हैं, उस दिन यानि 23 मई से लेकर अबतक अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में लगभग 14 प्रतिशत की गिरावट आ चुकी है।
बढ़ते वैश्विक व्यापारिक तनाव की वजह से अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम में पिछले महीने भारी गिरावट आई है।
अमेरिका के प्रतिबंधों से मिली छूट की अवधि इस महीने की शुरुआत में समाप्त होने के बाद भारत ने ईरान से कच्चा तेल खरीदना बंद कर दिया है। अमेरिका में भारत के राजदूत ने यह जानकारी दी।
अमेरिका द्वारा ईरान पर लगाए गए प्रतिबंध से मिल रही छूट के समाप्त होने के बाद भारत ने इस महीने से ईरान से कच्चा तेल मंगाना बंद कर दिया है।
बाजार सूत्रों ने कहा कि निर्यातकों की डॉलर बिकवाली तथा विदेशी निधियों के सतत निवेश के कारण भी रुपए की तेजी को मदद मिली है।
कारोबारियों ने कहा कि विदेशी बाजारों में अन्य प्रमुख मुद्राओं की तुलना में डॉलर के नरम पड़ने से भी रुपए को तेजी मिली।
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