अमेरिका-चीन व्यापार समझौते को लेकर वैश्विक स्तर पर उत्साह से घरेलू शेयर बाजार सोमवार को शुरुआती कारोबार में बढ़त के साथ खुले।
ऐसी आशंका है कि ये आंकड़े निराशाजनक हो सकते हैं और इससे मुद्रा की तेजी पर अंकुश लग सकता है।
अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल का दाम बढ़ने से पेट्रोल और डीजल के दाम में बढ़ोतरी तय है क्योंकि भारत अपनी तेल खपत के लिए मुख्य रूप से आयात पर निर्भर करता है।
मंगलवार को विदेशी संस्थागत निवेशकों ने भारतीय बाजार में 1131.12 करोड़ रुपए के शेयरों की बिकवाली की।
अगले हफ्ते दूसरी तिमाही के जीडीपी नतीजों पर सबकी नजर रहेगी और अनुमान के मुताबिक कमजोर आंकड़े आने से डॉलर के मुकाबले रुपया कमजोर हो सकता है।
दुनियाभर के कुल कच्चे तेल का 40 प्रतिशत उत्पादन ओपेक देश (ऑर्गेनाइजेशन ऑफ दि पेट्रोलियम एक्सपोर्टिंग कंट्रीज) करते हैं।
तेल विपणन कंपनियों ने पेट्रोल और डीजल के दाम में बुधवार (6 नवंबर) को कोई बदलाव नहीं किया। उधर, अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के कारोबार में पिछले सत्र के मुकाबले नरमी बनी हुई है।
आठ बुनियादी उद्योगों का उत्पादन सितंबर में 5.2 प्रतिशत घट गया है। बुनियादी क्षेत्र के आठ उद्योगों में से सात के उत्पादन में सितंबर में गिरावट आई है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि भारत और सऊदी अरब शुद्ध रूप से क्रेता-विक्रेता के संबंधों से आगे अधिक नजदीकी रणनीतिक भागीदारी की ओर बढ़ रहे हैं।
पेट्रोल और डीजल के दाम में आज सोमवार (21 अक्टूबर) को कोई बदलाव नहीं हुआ।
पेट्रोल और डीजल के दाम में हो रही वृद्धि एक बार फिर थम गई है और अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम में नरमी आने से फिलहाल वाहन ईंधनों के और महंगे होने की संभावना कम है। तेल विपणन कंपनियों ने पेट्रोल और डीजल के दाम में शनिवार को कोई बदलाव नहीं किया।
शुरुआती कारोबार में डॉलर के मुकाबले सोमवार को रुपया नौ पैसे टूटकर 71.03 पर खुला। इसकी प्रमुख वजह कच्चे तेल की कीमतों में तेजी होना और अमेरिका-चीन के बीच व्यापार तनाव की चिंताएं बढ़ना है। इसके चलते निवेशकों का रुख सावधानी भरा रहा।
सऊदी अरब के तेल संयंत्रों पर हमले के बाद से दुनिया भर में कच्चे तेल के बाजार बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। इसके चलते लगातार पिछले छह दिन में दिल्ली में पेट्रोल के दाम 1.59 रुपए लीटर और डीजल के 1.31 रुपए लीटर चढ़ चुके हैं।
उन्होंने नरमी से निपटने के लिए सरकार को बजट में निर्धारित खर्च को शुरू में ही करने का सुझाव दिया।
प्रधान ने कहा कि जब कच्चे तेल की कीमतें उछलती हैं तो चिंता होती है।
अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में कारोबार की शुरुआत में रुपया 71.54 रुपए प्रति डॉलर पर कमजोर खुला और दिन के कारोबार में 71.63 रुपए तक नीचे गया।
विशेषज्ञों ने कहा कि सऊदी अरब में हमले के बाद अगले 15 दिनों के भीतर कच्चे तेल के दाम रॉकेट की तरह ऊपर जाएंगे।
कच्चे तेल के दाम में आई जोरदार तेजी के कारण डॉलर के मुकाबले रुपये की चाल सोमवार को एक बार फिर मंद पड़ गई। डॉलर के मुकाबले रुपये में तकरीबन एक फीसदी की कमजोरी आई, जो कि देसी करेंसी में दो अगस्त के बाद की सबसे बड़ी गिरावट है।
सप्ताह के पहले कारोबारी दिन आज सोमवार को शेयर बाजार लाल निशान के साथ खुले। कच्चे तेल की कीमतों में तेजी का कारण ऑयल एंड गैस, ऑटो और बैंकिंग सेक्टर के शेयरों बिकवाली के कारण घरेलू शेयर बाजार कारोबारी सप्ताह के पहले दिन आज बड़ी गिरावट देखने को मिल रही है।
दुनिया की सबसे बड़ी तेल उत्पादक कंपनी सऊदी अरामको पर ड्रोन हमले के बाद वैश्विक बाजार में कच्चे तेल की आपूर्ति में प्रति दिन 57 लाख बैरल की कमी आई है, जो कंपनी के कुल उत्पादन का लगभग आधा है। इसके चलते आने वाले महीनों में पूरी दुनिया सहित भारतीय बाजार में कच्चे तेल की आपूर्ति प्रभावित होने का अनुमान है।
लेटेस्ट न्यूज़