ओएनजीसी और ऑयल इंडिया लिमिटेड जैसी कंपनियों द्वारा उत्पादित घरेलू कच्चे तेल पर विंडफॉल टैक्स 10,000 रुपये से बढ़ाकर 12,100 रुपये प्रति टन कर दिया है।
भारत का तेल आयात बिल 2020 की जून तिमाही में 8.8 अरब डॉलर था। कच्चे तेल के दाम में तेजी के कारण यह अब 24 अरब डॉलर पहुंच गया है।
आज ब्रेंट क्रूड की कीमत 63.13 डॉलर प्रति बैरल के दिन के निचले स्तर तक पहुंच गई। पिछले सत्र में ब्रेंट क्रूड 64.57 डॉलर प्रति बैरल के स्तर पर बंद हुआ था। मार्च के महीने में ही कीमत 71.38 डॉलर प्रति बैरल के स्तर तक पहुंच गई थी।
27 फरवरी के बाद से कीमतों में कोई बदलाव नहीं किया गया है। वहीं बीते महीने में कुल 14 दिन पेट्रोल और डीजल के दाम बढ़े थे, वहीं इस दौरान एक बार भी कीमतो में कटौती नहीं की गई।
अगर कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट बनी रहती है तो तेल की खुदरा कीमतों में राहत की संभावना बढ़ेगी। ब्रेंट क्रूड फिलहाल 40 डॉलर प्रति बैरल से नीचे के स्तर पर आ गया है। वहीं WTI 38 डॉलर प्रति बैरल से नीचे है।
अमेरिका के क्रूड स्टॉक में 1 अगस्त को खत्म हुए सप्ताह में 86 लाख बैरल की गिरावट
कोरोना और हॉन्गकॉन्ग को लेकर आमने सामने हैं चीन और अमेरिका
मई में कारोबारी गतिविधियों में सीमित छूट के अनुमान से तेल कीमतों पर दबाव जारी
दुनिया भर में कच्चे तेल की मांग 30 फीसदी घट चुकी है, जिसका असर कीमतों पर देखने को मिल रहा है।
विदेशी वायदा बाजार में WTI क्रूड दो दशक के निचले स्तर पर पहुंचा
कीमतों में रिकॉर्ड गिरावट के बीच कच्चे तेल में स्थिरता के उपायों पर चर्चा होगी
अंतरराष्ट्रीय बाजार में क्रूड की कीमत 24 फीसदी तक बढ़ी
बीपीसीएल और रिलायंस इंडस्ट्रीज ने अतिरिक्त कच्चे तेल की खरीद की
विदेशी बाजार में ब्रेंट क्रूड 50 डॉलर प्रति बैरल से नीचे आया
कच्चे तेल की वायदा कीमतों में 1 फीसदी से ज्यादा की तेजी, सोना 245 रुपये प्रति 10 ग्राम टूटा
अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपए में गिरावट का रुख दूसरे दिन भी जारी रहा और गुरुवार को यह दो पैसे गिरकर 70.20 पर बंद हुआ।
इंडियन ऑयल की वेबसाइट के अनुसार, दिल्ली, कोलकाता, मुंबई और चेन्नई में पेट्रोल की कीमतें क्रमश: 70.92 रुपये, 72.97 रुपये, 76.50 रुपये और 73.57 रुपये प्रति लीटर हो गई हैं।
तेल से होने वाली कमाई में गिरावट आने के चलते सऊदी अरब में पहली बार सिगरेट और एनर्जी ड्रिंक्स पर 100 फीसदी टैक्स लगाया गया है।
अरविंद सुब्रमणियम ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम यदि 55 से 65 डॉलर प्रति बैरल रहते हैं तो देश की अर्थव्यवस्था को कोई गंभीर खतरा नहीं है।
ओपेक द्वारा क्रूड ऑयल उत्पादन में कटौती की घोषणा तथा रुपए की विनिमय दर में तीव्र गिरावट के मद्देनजर भारत के लिए आयातित क्रूड ऑयल के दाम में वृद्धि होगी।
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