इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन के चेयरमैन श्रीकांत माधव वैद्य ने कहा कि क्रूड ऑयल की कीमतों में कोई भारी तेजी हाल-फिलहाल आने की संभावना नहीं है।
भारत में तेल मार्केटिंग कंपनियों ने पिछले एक माह से पेट्रोल-डीजल की कीमतों को लगभग स्थिर रखा है और इनमें कोई बदलाव नहीं किया है।
अगर क्रूड में 20 फीसदी की कमी आती है तो पेट्रोल और डीजल में 5 फीसदी कमी की जा सकती है। लिहाजा पेट्रोल और डीजल 2.5 से 3 रुपए प्रति लीटर सस्ता हो सकता है।
एक दिन पहले तेल विपणन कंपनियों ने पेट्रोल के दाम में आठ से नौ पैसे जबकि डीजल के दाम में 10 से 12 पैसे प्रति लीटर की कटौती की थी।
बीते सप्ताह बेंचमार्क कच्चा तेल ब्रेंट क्रूड के दाम में करीब ढाई डॉलर प्रति बैरल की गिरावट दर्ज की गई। तेल मार्केटिंग कंपनियों ने शनिवार को दिल्ली, कोलकाता में शनिवार को डीजल के दाम में 13 पैसे प्रति लीटर की कटौती की थी।
ऑयल इंडिया के इतिहास में यह दूसरा तिमाही घाटा है। इससे पहले 2018-19 में कंपनी को तिमाही घाटा हुआ था।
अमेरिका के क्रूड स्टॉक में 1 अगस्त को खत्म हुए सप्ताह में 86 लाख बैरल की गिरावट
सभी तेल उत्पादक देश जुलाई में तेल उत्पादन में प्रतिदिन एक करोड़ बैरल प्रतिदिन की कटौती करने पर सहमत हुए थे। यह कुल वैश्विक तेल आपूर्ति का लगभग 10 प्रतिशत हिस्सा है।
5 दिन तक पेट्रोल और डीजल की कीमतों में हुई इस बढ़ोतरी के बाद अब दिल्ली में पेट्रोल का भाव बढ़कर 74 रुपए प्रति लीटर और डीजल का भाव 72.22 रुपए प्रति लीटर हो गया है।
पेट्रोलियम निर्यातक देशों के संगठन (ओपेक) और उससे संबद्ध देशों ने कच्चे तेल के उत्पादन में करीब एक करोड़ बैरल प्रतिदिन की कटौती को जुलाई अंत तक एक महीने के लिए और बढ़ा दिया है।
WTI क्रूड बढ़त के साथ 31 डॉलर प्रति बैरल के करीब पहुंचा
भारत इस स्थिति का लाभ अपने तेल भंडारों को भरने के लिए कर रहा है ताकि बाद में इसका इस्तेमाल किया जा सके।
कंपनी के मुताबिक कीमतें इतनी नीचें हैं कि उनसे ऑपरेटिंग कॉस्ट भी नहीं निकल रही
दुनिया भर में जारी लॉकडाउन की वजह से क्रूड कीमतों में गिरावट जारी
फार्मा सेक्टर को छोड़कर बाकी सभी सेक्टर में तेज गिरावट दर्ज
सोमवार रात को नायमेक्स पर मई वायदा के लिए कच्चे तेल की कीमतों ने निगेटिव डॉलर का निचला स्तर छुआ है, आसान भाषा में इस भाव को देखें तो हर एक ड्रम (बैरल) कच्चे तेल को खरीदने के लिए पैसे देने के बजाय 35 डॉलर मिल रहे हैं
अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी ने मांग में 2.9 करोड़ बैरल प्रतिदिन की गिरावट का अनुमान दिया है
देश में 10 दिन की जरूरत पूरा करने लायक तेल के भंडार
सस्ते क्रूड की वजह से सरकार ने भूमिगत तेल भंडार भरने का फैसला लिया है
तेल उत्पादक देशों के संगठन ओपेक और उसके साथियों के उत्पादन में कटौती पर सहमति जताने के बाद कच्चे तेल की कीमतों में तेजी आने से सोमवार को एयरलाइन और तेल विपणन कंपनियों के शेयरों में गिरावट हुई।
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