यूएई मई 2022 से प्रति दिन 35 लाख बैरल का उत्पादन कर सकेगा। सऊदी अरब की दैनिक उत्पादन सीमा 1.10 करोड़ बैरल से बढ़ कर 1.15 करोड़ बैरल हो जाएगी।
संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के ऊर्जा मंत्री सुहैल-अल-मजरूई ने रविवार को कहा कि ओपेक और संबद्ध देशों के बीच ‘पूर्ण करार’ हो गया है। पूर्व में इन देशों के बीच विवाद से तेल की कीमतें प्रभावित हुई थीं।
मांग बढ़ने तथा आपूर्ति कम होने से अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल की कीमत बढ़कर 75 डॉलर प्रति बैरल से ऊपर तक चली गयी है जो अप्रैल 2019 के बाद सर्वाधिक है।
मार्च 2021 में डब्ल्यूपीआई मंहगाई दर 7.39 प्रतिशत और अप्रैल 2020 में ऋणात्मक 1.57 प्रतिशत थी। थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) पर आधारित मंहगाई दर में लगातार चौथे महीने तेजी हुई है।
अंतरराष्ट्रीय कच्चे तेल के दाम, जिसके आधार पर रिटेल कीमत तय की जाती है, पिछले कुछ दिनों से नरम बने हुए हैं।
देश के सबसे अमीर उद्योगपति मुकेश अंबानी ने अगस्त, 2019 में घोषणा की थी कि ओ2सी कारोबार में 20 प्रतिशत हिस्सेदारी बिक्री के लिए अरामको के साथ बातचीत चल रही है।
1869 में निर्मित इस नहर पर इजिप्ट का कब्जा है और मानव-निर्मित इस नहर पर ही इजिप्ट की अर्थव्यवस्था टिकी हुई है। 2020 में इजिप्ट ने स्वेज नहर पर टोल से 5.61 अरब डॉलर का शुल्क प्राप्त किया था।
कच्चा तेल फिलहाल 65 डॉलर प्रति बैरल के स्तर से नीचे आ गया है। 3 मार्च को कीमत 70 डॉलर प्रति बैरल के करीब पहुंच गई थी, यानि कीमतों में इस दौरान 7 प्रतिशत से ज्यादा की गिरावट दर्ज हो चुकी है।
अंतर्राष्ट्रीय बाजार में फिर कच्चे तेल में तेजी लौटी। कच्चे तेल के दाम में गुरुवार को लगातार दूसरे दिन मजबूत बढ़त के साथ कारोबार चल रहा था और बेंचमार्क कच्चा तेल ब्रेंट क्रूड का भाव 69 डॉलर प्रति बैरल के ऊपर बना हुआ था।
साउदी अरब ने कच्चे तेल की कीमतें घटाने के लिए फॉर्मूला दिया है।
केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में क्रूड ऑयल की कीमत में वृद्धि होने की वजह से घरेलू बाजार में पेट्रोल और डीजल के उपभोक्ता मूल्य में बढ़ोतरी हो रही है।
पिछले 13 बार की बढ़त में पेट्रोल 3 रुपये प्रति लीटर से ज्यादा महंगा हो गया है। वहीं डीजल में साढ़े 3 रुपये प्रति लीटर से ज्यादा की बढ़त देखने को मिल चुकी है।
2 दिन की स्थिरता से पहले कीमतों में लगातार 12 दिनों से बढ़त देखने को मिल रही थी। इस दौरान पेट्रोल 3 रुपये प्रति लीटर से ज्यादा महंगा हो गया है। वहीं डीजल में करीब साढ़े 3 रुपये प्रति लीटर की बढ़त देखने को मिल चुकी है।
दिल्ली में 1 जनवरी से अब तक पेट्रोल करीब 4 रुपया महंगा हो गया है। इसी के साथ डीजल भी करीब 4 रुपये की ही बढ़त देखने को मिली है। नए साल में अब तक कीमतों में 14 बार बढ़त दर्ज हो चुकी है। वहीं पिछले एक साल में पेट्रोल 20 रुपये और डीजल 15 रुपये प्रति लीटर से ज्यादा महंगा हो चुका है।
दिल्ली में 1 जनवरी से अब तक पेट्रोल और डीजल करीब साढ़े 3 रुपया प्रति लीटर महंगा हो गया है। नए साल में अब तक कीमतों में 13 बार बढ़त दर्ज हो चुकी है। वहीं पिछले एक साल में पेट्रोल 20 रुपये और डीजल 15 रुपये प्रति लीटर महंगा हो चुका है।
दिल्ली में 1 जनवरी से अब तक पेट्रोल 3.24 रुपया महंगा हो गया है। इसी के साथ डीजल 3.26 रुपये महंगा हो चुका है। नए साल में अब तक कीमतों में 12 बार बढ़त दर्ज हो चुकी है। वहीं पिछले एक साल में पेट्रोल 20 रुपये और डीजल 15 रुपये प्रति लीटर महंगा हो चुका है।
कच्चे तेल की कीमतें 10 महीने से ज्यादा समय के उंचे स्तर पर चली गई हैं। घरेलू एवं वैश्विक बाजार में कच्चे तेल के दाम में बुधवार को लगातार दूसरे दिन तेजी जारी है।
अप्रैल से नवंबर के दौरान, भारत का तेल उत्पादन छह प्रतिशत घटकर दो करोड़ 4 लाख टन रह गया। इस दौरान राजस्थान से कच्चे तेल का उत्पादन 16 प्रतिशत घटकर 39.1 लाख टन रह गया।
तेल विपणन कंपनियों ने डीजल के दाम में 48 दिनों की स्थिरता के बाद बढ़ोतरी की है, जबकि पेट्रोल के दाम में सितंबर से ही स्थिरता बनी हुई थी।
कोरोना वैक्सीन आने की उम्मीदों से बाजार में तेजी लौटी है। उधर, चीन में अक्टूबर महीने के औद्योगिक उत्पादन के अच्छे आंकड़े आए हैं जिससे बाजार को सपोर्ट मिला है। तेल उत्पादक व निर्यातक देशों का संगठन ओपेक और इसके सहयोगी उत्पादन में रोजाना 77 लाख बैरल की कटौती कर रहे हैं।
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