क्रूड ऑयल की कीमतों पर एक बार फिर गिरावट हावी होता नजर आ रहा है। मजबूत डॉलर और ग्लोबल स्तर पर रिकॉर्ड भंडार के कारण क्रूड की कीमतों में तेज गिरावट आई है।
रविवार को पेट्रोल-डीजल की कीमतों में हुई बढ़ोत्तरी कच्चे तेल की वजह से नहीं एक्साइज ड्यूटी की वजह से हुई है। पिछले एक साल में 5 बार ड्यूटी बढ़ी है।
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि कच्चे तेल की कीमतों में आई गिरावट का फायदा भारतीय अर्थव्यवस्था को मिलेगा। इससे तेल कंपनियों के घाटे की भरपाई हो पाई है।
ऑयल कंपनी के सीईओ इयान टेलर की क्रूड की कीमतें दोबारा 100 डॉलर प्रति बैरल तक नहीं जाने की भविष्यवाणी करते हैं तो इसके भारत के लिए कई मायने हैं।
देश में एक लीटर पेट्रोल उत्पादन की लागत 24.75 रुपए है और हम इसे खरीदने के लिए 60.70 रुपए (दिल्ली में) खर्च करते हैं।
सरकार ने शुक्रवार की रात पेट्रोल और डीजल पर एक्साइज ड्यूटी बढ़ा कर बजट टारगेट पूरा करने के लिए अतिरिक्त राजस्व जुटाने की जुगाड़ की है।
लगातार 10वें महीने सितंबर में निर्यात 24.33 फीसदी घटकर 21.84 अरब डॉलर रहा है। सितंबर 2014 में देश से कुल 28.86 अरब डॉलर का निर्यात किया गया था।
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